नामीबिया और साउथ अफ्रीका के चीतों को मिले भारतीय नाम
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मध्य प्रदेश

नामीबिया और साउथ अफ्रीका के चीतों को मिले भारतीय नाम, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर दी जानकारी

Sudha Choubey

MP: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को अब उनकी पहचान मिल गई है। इन चीतों का नया नामकरण किया गया है, जिसके मुताबिक इन्हें भारतीय नाम दिए गए हैं। चीतों के नामकरण के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसके बाद इनका नामकरण किया गया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट करके दी है।

बता दें कि, इन चीतों के नाम रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों से आह्वान किया था कि, इन चीतों के नाम सुझाएं और पारंपरिक नाम बताएं। साथ ही सबसे पहले चीता देखने का मौका पाएं। यही वजह है कि, केंद्र सरकार द्वारा Mygov पोर्टल पर 26 सितंबर से ऑनलाइन प्रतियोगिता शुरू की गई, जो 31 अक्टूबर तक चली थी। प्रतियोगिता में देश भर से हजारों नाम सुझाए गए, इस आधार पर विदेशी चीतों का नामकरण किया गया। अब प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की भी घोषणा कर दी गई है।

जानिए क्या रखा गया नाम:

नामीबिया से लाई मादा चीता अशा का नाम आशा, सवाना का नभा, तिबलिसी का धात्री और चार शावकों को जन्म देने वाली सियाया का ज्वाला रखा गया है।नर ओबान का नाम पवन, एल्टन का गौरव और फ्रेडी का शौर्य नाम रखा गया है। इसी तरह अफ्रीका के फिंडा गेम रिजर्व से लाई गई वयस्क मादा का नाम दक्षा, वयस्क नर में से एक का वायु व दूसरे का अग्नि नाम रखा है। मापेसु रिजर्व से लाई गई मादा को नीर्वा नाम दिया गया है।

केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया:

केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को बताया कि, "चीतों का नाम! 25 सितंबर 2022 को पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मनकी बात संबोधन के दौरान लोगों से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए नाम सुझाने को कहा। ऐसे में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अपने चीतों और विजेताओं के नाम साझा करते हुए खुशी हो रही है।

आपको बता दें कि, फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए गए 12 चीतों को दो महीने तक क्वारंटीन बाड़ों में रखने के बाद 17 से 19 अप्रैल के दौरान कूनो के अनुकूलन बाड़ों में छोड़ा गया। दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 7 नर और 5 मादा चीतों को लाया गया था। अनुकूलन बाड़ों में ये चीते खुद शिकार करेंगे।

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