भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं शहर की सड़कें
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं शहर की सड़कें  Kamal Yadav
मध्य प्रदेश

छतरपुरः भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं शहर की सड़कें

Author : Kamal Yadav

राज एक्सप्रेस। छतरपुर जिले का नौगांव क्षेत्र एक समय में बुंदेलखंड का चंडीगढ़ कहा जाता था, इस 132 चौराहों वाले शहर को ब्रिटिश हुकूमत ने बसाया था, जिसकी चौड़ी सड़कें और खास बनावट इस शहर को खूबसूरती देती थी। लेकिन आज इस शहर की सड़कें शहर की बदहाली को बयां कर रही हैं। नौगांव समेत हरपालपुर और महाराजपुर में सड़कों की यह दुर्दशा का कारण पीडब्ल्यूडी उपसंभाग कार्यालय है, जो भ्रष्टाचार करते हुए सड़कों की मरम्मत ना करने के लिए जिम्मेदार है। सड़क मरम्मत के लिए ही हर महीने लगभग 12 लाख रुपए मरम्मत मजदूरों पर खर्च होते हैं इसके बाद भी पूरे क्षेत्र की सड़कें टूटी पड़ी हैं।

128 मरम्मत कामगार फिर भी सड़कों की नहीं होती मरम्मत

जानकारी के मुताबिक नौगांव उपसंभाग में गैंगमेन के रूप में 128 मरम्मत कामगारों को लगाया गया है। इन कामगारों में से 28 सिर्फ नौगांव शहर के लिए हैं। विभाग हर महीने लगभग 11 से 12 लाख रुपए इन मरम्मत कामगारों पर खर्च करता है। इसके बावजूद सड़कें दुर्दशा की शिकार हैं।

अधिकारी खेल रहे है भ्रष्टाचार का खेलः

दरअसल विभाग के अफसर इन्हीं कामगारों के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल, खेल रहे हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इतने कामगारों में से 50 प्रतिशत कामगार तो सिर्फ कागजों में दर्ज हैं और इनके नाम पर मानदेय भी निकलता है लेकिन ये लोग कभी काम करने नहीं आते। 25 प्रतिशत कामगारों को आला अधिकारियों के बंगलों की अर्दली में लगाया गया है। जिन सड़कों के लिए इन मरम्मत कामगारों को लगाया है उन सड़कों पर 25 प्रतिशत कामगार भी काम नहीं करते। कुछ कामगारों का कहना है कि, वे सिर्फ मानदेय लेने आते हैं।

सड़कें हो रही है गड्ढों में तब्दीलः

बात करें तो नौगांव शहर में लगभग 32 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। ज्यादातर सड़कें पूरी तरह से चौपट हो चुकी हैं। जिसका कारण अतिक्रमण और सड़कों पर गड्ढों का होना है। इसके अलावा गर्रोली से अलीपुरा की 14 किमी लंबी सड़क महीनों से टूटी पड़ी है। बड़ागांव से हरपालपुर की सड़क भी घटिया स्थिति में है। इसी तरह अलीपुरा से चिरवारी की सड़क भी गड्ढों में तब्दील हो गई है। हरपालपुर नगर की सड़कों की भी बुरी स्थिति है। तो वहीं नौगांव से कैमाहा तक के 64 किमी लंबे मार्ग का काम पिछले कई वर्षों से अधूरा पड़ा है। क्षेत्र की कई सड़कें ऐसी हैं जिन्हें ठेकेदार अधूरा बनाकर छोड़ गए और दोबारा इनकी सुध नहीं ली।

इनका क्या है कहनाः

“मेरे घर पर कोई अर्दली के लिए नहीं लगाया गया है। मरम्मत का कार्य जारी है। जल्द ही हम सड़कों को ठीक करेंगे।“

(मनहर द्विवेदी, एसडीओ, पीडब्ल्यूडी)

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