ग्रामीणों ने घेरा मंत्री महोदय को
ग्रामीणों ने घेरा मंत्री महोदय को Priyanka yadav - RE
मध्य प्रदेश

छिंदवाड़ा: बीच रास्ते ग्रामीणों ने घेरा मंत्री महोदय को

Author : Ram Thakre

राज एक्सप्रेस। 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम में शामिल होने जब प्रदेश के PHE व जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे जब नान्दनवाडी जा रहे थे तभी बीच मार्ग में पड़ने वाले ग्राम जामलपानी के निवासियों ने मंत्री जी को अपनी व्यथा सुनाने के बीच रास्ते में ही रोक लिया। मिली जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन द्वारा आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन पांढुर्ना विकासखंड की उपतहसील और आदिवासी अंचल के केंद्रबिंदु ग्राम नांदनवाड़ी में रखा गया था। इस बड़े आयोजन में शामिल होने के लिये जिले व विकासखंड के आला अधिकारियों के साथ साथ प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे भी क्षेत्र के प्रवास पर थे, इनके साथ क्षेत्रीय विधायक नीलेश उइके भी मौजूद थे।

प्रभारी मंत्री को सुनाई ग्रामीणों ने व्यथा:

जब इनका काफिला ग्राम जामलापानी से गुजर रहा था तभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर मंत्री जी को बीच रास्ते मे ही रोकलिया और अपनी व्यथा सुनाने लगे। बात यही खत्म नही हुई, ग्रामीण जिद करके मुख्यमार्ग से ग्राम की ओर जाने वाली अधूरी पड़ी निर्माणाधीन सड़क दिखाने के लिये मंत्री महोदय को लगभग 1 किलोमीटर पैदल ही लेकर गये। क्योकि ठेकेदार द्वारा अधूरी छोड़ी सड़क से वाहन गुजरना मुश्किल था, इसलिये मंत्री महोदय भी ग्रामीणों के साथ मजबूरन पैदल ही हो लिये। इस दौरान ग्रामीणों ने पहाड़ी खोदकर अधूरी पड़ी सड़क दिखाई और बताया कि बारिश में और सामान्यतया यहा एम्बुलेंस भी नही जा पा रही है।

मंत्री जी ने त्वरित कार्यवाही करने के दिये निर्देश:

इनपर मंत्री जी ने त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। इसके बाद किसान ग्राम के बाजू में स्थित खेत में भी मंत्री जी को ले गये और अतिवृष्टि से बर्बाद फसलों को दिखाया। मंत्री पांसे ने कहा कि त्वरित प्रभावित फसलों का पूरा सर्वे ईमानदारी से करने हेतु स्पष्ट निर्देश दिये और कहा कि प्रशासन किसानों को पूरा मुआवजा मुख्यमंत्री मा.कमलनाथ जी के निर्देशानुसार देगा और जो अधिकारी-कर्मचारी सर्वे कार्य मे कोताही बरतेगा उसे बख्शा नहीं जायेगा। इसके बाद जब मंत्री जी नांदनवाड़ी में आयोजित 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम में पहुंचे तो नजरपुर जाने वाली सड़क के शिकायत के संबंध में अपना रुख सख्त किया।

अधूरी सड़क और अतिवृष्टि से पीड़ित थे किसान

सबसे पहले सड़क की मरम्मत कराओ:

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को साफ कहा कि, सबसे पहले सड़क की मरम्मत कराओ और सड़क के ठेकेदार पर ठोस कार्यवाही करने का फरमान सुनाया। सड़क के अधूरे काम, अधूरा रखने के कारण, अमानत राशि को राजसात करने और जल्द ही दूसरा टेंडर बुलाकर अच्छी और मजबूत सड़क बनाने के निर्देश दिये। मजे की बात यह है कि इस सड़क ने 3-4 ठेकेदार देख लिये, लेकिन मुख्यमंत्री महोदय के गृह जिले में सड़क बनाने वाले ठेकेदार गंभीर नहीं हैं।

क्योंकि दशकों से जमे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का वरदहस्त उनपर है, नेता इसके बाद कब यहाँ आयेंगे और कौन इसका ध्यान रखता है उन्हें सब मालूम है। इसके अलावा नान्दनवाड़ी से चिचखेड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 47 जोड़ तक निर्माणाधीन सड़क भी 1 साल से अधूरी पड़ी है और तीगाव राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़ से मारुड होते हुये महाराष्ट्र सीमा तक प्रस्तावित करोड़ो की सड़को का तो काम 1 साल से टेंडर होने के बावजूद ही शुरू नही हुआ है। मुख्यमंत्री जी के गृह जिले और प्रभारी मंत्री जी की पड़ोसी विधानसभा में सड़कों के ऐसे हाल अब उनके ही सामने जनता द्वारा सार्वजनिक करना प्रश्नचिन्ह उठाता है।

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