कोरोना समीक्षा बैठक
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मध्य प्रदेश

कोरोना समीक्षा बैठक: मुख्यमंत्री ने कुछ और गतिविधियों में छूट का किया फैसला

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • प्रदेश में अब रात 10 बजे तक खुलेंगे बाजार।

  • विवाह में अधिकतम 100 लोग हो सकेंगे शामिल।

  • अंतिम संस्कार में 50 लोग हो सकेंगे शामिल।

  • अब पूरी क्षमता के साथ खुल सकेंगे रेस्टोरेंट।

  • सिनेमा घरों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ।

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। कन्फर्म केस मात्र 18 और एक्टिव केस केवल 296 हैं। प्रदेश के 44 जिलों में कोरोना का कोई प्रकरण नहीं है। केवल आठ जिलों में एक-दो प्रकरण शेष हैं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य शासन ने कुछ और गतिविधियों में छूट देने का निर्णय लिया है। अब शादी विवाह में अधिकतम 100 व्यक्ति और अंतिम संस्कार में 50 व्यक्ति सम्मिलित हो सकेंगे। सिनेमा घरों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ किया जा सकेगा। रेस्टोरेंट अब शत-प्रतिशत क्षमता से संचालित किये जा सकेंगे और बाजार रात 10 बजे तक खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में कोरोना की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजोरा बैठक में उपस्थित थे। कोविड-19 कोर ग्रुप के सभी मंत्रीगण, जिलों के प्रभारी अधिकारी बैठक में डिजीटली सम्मिलित हुए।

तीसरी लहर को करना है बेअसर :

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्कता आवश्यक है। दक्षिणी और पूर्वत्तर के राज्यों में प्रकरण बढ़ रहे हैं। केरल और महाराष्ट्र में प्रकरण कम नहीं हो रहे हैं। अगस्त में प्रकरण बढ़ने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में तीसरी लहर को बेअसर करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जिलों के प्रभारी मंत्री तथा अधिकारी सतर्कता और सक्रियता बनाएरखें। कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने के लिए जनता को निरंतर प्रेरित करना आवश्यक है।

भोपाल और इंदौर पर रखें विशेष नजर :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के लिए भोपाल और इंदौर पर विशेष नजर रखी जाए। इन शहरों में अन्य राज्यों से आवागमन है तथा भोपाल इंदौर से राज्य के अन्य जिलों में भी पर्याप्त आवागमन रहता है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 18 कन्फर्म केस में 8 भोपाल, 3 इंदौर , 2 जबलपुर और नीमच, राजगढ़, सागर, शिवपुरी, सिंगरौली के 1-1 प्रकरण शामिल हैं। इसके अतिरिक्त शेष सभी 44 जिलों में अब कोरोना का कोई प्रकरण शेष नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर नजर रखने के लिए प्रतिदिन 72 हजार से अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं। रविवार को भोपाल में 6476, इंदौर में 9693,जबलपुर में 5726,ग्वालियर में 2455, सागर में 1436, शिवपुरी में 1321,राजगढ़ में 1436 और सिंगरौली में 905, नीमच में 805 टेस्ट किए गए।

सीएम 75 प्रतिशत से कम टीकाकरण करने वाले जिलों की करेंगे समीक्षा :

मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर तक शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु की 37 प्रतिशत जनसंख्या का टीकाकरण हो चुका है। इंदौर में 78 प्रतिशत, भोपाल 69 प्रतिशत, शहडोल में 55 प्रतिशत और उज्जैन में 51 प्रतिशत पात्र जनसंख्या का टीकाकरण किया जा चुका है। देवास, अनुपपुर ,पन्ना,खरगोन, सीधी उमरिया, सतना, भिंड और विदिशा में टीकाकरण को गति देने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टीकाकरण में 75 प्रतिशत से कम प्रगति वाले जिलों की प्रथक से समीक्षा की जाएगी।

176 में से 25 ऑक्सीजन प्लांट आरंभ :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीसरी लहर का सामना करने के लिए आवश्यक तैयारियों पर प्रभारी मंत्री तथा अधिकारी नजर रखें। ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण में किसी प्रकार का व्यावधान नहीं आए। जानकारी दी गई कि प्रदेश मंथ स्थापित हो रहे कुल 176 ऑक्सीजन प्लांट में से 25 आरंभ हो गए हैं, 16 की डिलेवरी हो चुकी है। सभी प्लांट का संचालन 15 सितंबर तक आरंभ हो जाएगा।

म्यूकर माइकोसिस दवा की कमी नहीं :

म्यूकर माइकोसिस की दवा की अब प्रदेश में कोई कमी नहीं है। केवल 490 एक्टिव केस बचे हैं। इनमें इंदौर में 214, भोपाल में 144, जबलपुर में 63, उज्जैन में 23,रीवा के 21,ग्वालियर के 15 केस शामिल हैं। कुल 1698 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए हैं। बैठक में प्रदेश में की जा रही जीनोम सिक्योंसी की जानकारी भी दी गई।

उपकरणों का रख रखाव ठीक से हो :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि कोविड के समय स्वास्थ संस्थाओं को उपलब्ध कराये गये उपकरणों का रख रखाव ठीक से हो। यह सुनिश्चित किया जाये की इनका उपयोग उचित रूप से होता रहे। उपकरणों के विधिवत आडिट की व्यवस्था स्थापित की जाए। पी.एम. केयर के साथ-साथ सी. एस.आर और व्यक्तिगत दान में मिले उपकरण सहयोग की भावना के साथ दिए गए हैं। सामाजिक दायित्व और व्यक्तिगत पहल से स्वास्थ संस्थाओं को सौंपे गये उपकरणों में यह भावना नीहित है कि इससे पीडि़त मानवता को राहत मिलेगी। राज्य शासन को संस्थाओं और व्यक्तियों के इस भरोसे को बनाये रखना है।

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