कस्तूरबा गांधी और अबुल कलाम आज़ाद की पुण्यतिथि
कस्तूरबा गांधी और अबुल कलाम आज़ाद की पुण्यतिथि Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

कस्तूरबा गांधी और अबुल कलाम आज़ाद की पुण्यतिथि पर CM ने किया याद, दी श्रद्धांजलि

Priyanka Yadav

भोपाल, मध्यप्रदेश। आज यानि 22 फरवरी को महान स्वतंत्रता सेनानी व हमारी प्रेरणास्त्रोत कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता, शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (Abul Kalam Azad) की पुण्यतिथि है। इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें सादर नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है।

कस्तूरबा गांधी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ने किया याद :

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ट्वीट कर कहा- मां भारती की स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संकल्पों और विचारों को सशक्त आधार देने वाली माता कस्तूरबा गांधी 'बा' जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं!राष्ट्र सेवा के लिए आपने जो त्याग और तपस्या की, उसके लिए देश का कण-कण सदैव आपका ऋणी रहेगा।

भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में न सिर्फ पुरुषों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ जंग लड़ी, बल्कि महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ के अपना योगदान दिया था, इन्ही महिलाओं में मौजूद थी ‘कस्तूरबा गांधी’ जो ‘बा’ के नाम से विख्यात है और वह मोहनदास करमचंद गांधी यानि पूजनीय महात्मा गांधी की धर्मपत्नी थी। साल 1922 में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ते हुए महात्मा गांधी जब जेल चले गए तब स्वाधीनता संग्राम में महिलाओं को शामिल करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए कस्तूरबा गांधी ने आंदोलन चलाया और उसमें सफल भी हुई थी। बता दें कि, 22 फरवरी 1944 में दिल का दौरा पड़ने से कस्तूरबा गांधी ‘बा’ का निधन हो गया था।

अबुल कलाम आज़ाद की पुण्यतिथि पर CM ने दी श्रद्धांजलि :

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अबुल कलाम आज़ाद को याद करते हुए लिखा- मैं उस अखंडता का हिस्सा हूं,जिसे भारतीय राष्ट्रवाद कहा जाता है।-अबुल कलाम महान स्वतंत्रता सेनानी, भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं! आपके सपनों के शिक्षित, समर्थ भारत के स्वप्न को हम साकार करेंगे।

एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

बता दें, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे, वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करते थे।

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