सिंगरौली में मुख्यमंत्री
सिंगरौली में मुख्यमंत्री Social Media
मध्य प्रदेश

सीएम बोले- "कोई गरीब भूखा न रहे इसीलिए भाजपा सरकार निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही"

Priyanka Yadav

हाइलाइट्स-

  • सिंगरौली से संत शिरोमणि रविदास जी समरसता यात्रा का शुभारंभ

  • सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संत रविदास समरसता यात्रा का किया शुभारंभ

  • इस अवसर पर यात्रा में शामिल होने वाले संतों को सम्मानित किया गया

  • सीएम ने कहा- भारत संत समाज के शिरोमणि रविदास महाराज जी अद्भुत संत थे

सिंगरौली, मध्यप्रदेश। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंगरौली पहुंच गए है। यहां सीएम शिवराज ने बैढ़न, जिला सिंगरौली से संत शिरोमणि रविदास जी स्मारक निर्माण हेतु समरसता यात्रा का शुभारंभ करने से पूर्व रविदास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संत रविदास समरसता यात्रा का शुभारंभ किया, इस अवसर पर यात्रा में शामिल होने वाले संतों को सम्मानित किया गया। वही संतों ने सीएम को संत रविदास जी की जन्म-भूमि की मिट्टी एवं गंगाजल भेंट किया।

सिंगरौली से संत शिरोमणि रविदास जी समरसता यात्रा का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने सिंगरौली जिले के बैढ़न से संत रविदास समरसता यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा- संत शिरोमणि रविदास जी ने ऐसे राज की परिकल्पना की थी जहाँ हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिले और सभी का कल्याण हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ऐसी ही शासन व्यवस्था स्थापित की है, जिसमें हर व्यक्ति के लिए भरपेट भोजन, रहने के लिए मूलभूत सुविधाओं से युक्त पक्का आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था की गई है। हर व्यक्ति का कल्याण किया जा रहा है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास उनका मूल मंत्र है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि, संत रविदास जी के विचारों पर चलकर प्रधानमंत्री सबका साथ, सबका विकास संकल्प के साथ जनकल्याण के कार्य कर रहे हैं। कोई गरीब भूखा न रहे इसीलिए भाजपा सरकार निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। भारत संत समाज के शिरोमणि रविदास महाराज जी अद्भुत संत थे। उन्होंने जाति के छुआछूत के भेदभाव के विरुद्ध समरसता का संदेश देते हुए मानव कल्याण का रास्त दिखाया। भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों को आगे बढ़ाने का काम संत रविदास जी ने किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, संत रविदास जी भारतीय संत परंपरा के शिरोमणि थे जिन्होंने सामाजिक सद्भाव, समरसता और समानता का मंत्र दिया। उन्होंने जात-पात, छुआछूत और कुप्रथाओं का कड़ा विरोध किया। वे परोपकारी, दयालु और मृदुभाषी थे। वे चर्म शिल्पी थे और जो कमाते थे दीन-दुखियों में बाँट देते थे, इस कारण पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था, परंतु उनका जन्म भक्ति और परोपकार के लिए था। वे समरसता के अग्रदूत थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की रक्षा की।

संत रविदासजी का भव्य मंदिर समाज को शांति, सद्भाव और समरसता का संदेश देगा

CM ने कहा कि मैंने संत रविदास जी की जयंती पर 8 फरवरी को सागर में घोषणा की थी कि वहाँ 102 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर और स्मारक बनाया जाएगा, जो समाज को शांति, सद्भाव और समरसता का संदेश देगा। समाज में संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में समरसता यात्राएँ निकाली जा रही हैं, जो 12 अगस्त को सागर पहुँचेंगी।

12 अगस्त को किया जाएगा रविदास मंदिर का भूमिपूजन

सिंगरौली में मुख्यमंत्री शिवराज बोले- सागर में बनने वाले संत रविदास जी के मंदिर में उनकी स्मृतियों पर आधारित म्यूजियम, लाइब्रेरी, भक्त निवास आदि बनाए जाएंगे, 12 अगस्त को पीएम गरिमामयी उपस्थिति में रविदास मंदिर का भूमिपूजन किया जाएगा। संत रविदास जी के नाम पर भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है जिसमें 6 हजार बच्चों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुझे विश्वास है कि ये संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्राएं प्रदेश में समरसता का नया वातावरण बनाएंगी।

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