आरोपी विक्कू राजावत
आरोपी विक्कू राजावत Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : राजनैतिक दबाव में कलेक्टर, आरोपी का मकान नापने गई टीम को आना पड़ा वापस

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। इन दिनों जिले में पदस्थ आईएएस और आईपीएस अफसरों के साथ लगातार अभद्रता हो रही है। इसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि कलेक्टर के साथ जिस भाजपा नेता ने अभद्रता की थी, उसके खिलाफ एफआईआर हुए दो दिन बीत गए, इसके बाद भी अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वहीं कुछ नेता तो कलेक्टर पर ही दबाव बना रहे हैं, कि वह इस मामले में पीछे हट जाएं। अब देखना यह है कि राजनैतिक दबाव के चलते इसी तरह अधिकारियों के साथ अभद्रता होती रहेगी। अथवा आरोपियों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा।

शहर में 15 सितम्बर को आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आए थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विमानतल से कार्यक्रम स्थल की ओर आ रहे थे। इसी दौरान रास्ते में भाजपा नेता विक्कू राजावत ने मुख्यमंत्री के काफिले में घुसकर सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास किया था। यह देख कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह स्वयं वहां पर आए और भाजपा नेता को वहां से पीछे हटने के लिए कहा। यह देख भाजपा नेता विक्कू राजावत ने न केवल कलेक्टर के साथ सार्वजनिक रूप से अभद्रता की बल्कि उन्हें धमकी भी दे डाली। बाद में पुलिस की मदद से मुख्यमंत्री का काफिला आगे बढ़ा। तीन दिन के इंतजार के बाद कलेक्टर के गनर चन्द्रशेखर की शिकायत पर आरोपी विक्कू के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।

न तो ईनाम घोषित हुआ और न ही पकड़ा गया आरोपी :

आमतौर पर इतनी बड़ी धाराओं का आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होता है। पुलिस उन मामलों में या तो आरोपी को आनन-फानन में गिरफ्तार कर लेती है या फिर पुलिस की ओर से उस पर इनाम घोषित कर दिया जाता है। अब यहां पर कलेक्टर के साथ अभद्रता, गनर से पिस्टल लूटने का प्रयास जैसा गंभीर मामला दर्ज हो चुका है। इसके बाद भी आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। यह हालत देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि राजनैतिक दबाव के चलते ही आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

आरोपी के मकान को नापने गई टीम को आना पड़ा था वापस :

बताया जा रहा है कि जिस दिन आरोपी ने कलेक्टर सिंह से अभद्रता की थी, उसके दूसरे दिन कलेक्ट्रेट की एक टीम आरोपी के मकान को नामने गई थी। आशंका जताई जा रही थी, कि आरोपी के मकान का नियमों को ताक पर रख कर निर्माण कराया गया था। इसलिए वहां कार्रवाई की जानी थी, लेकिन प्रशासन की उस टीम को बीच में ही वापस आना पड़ा। यहां भी स्पष्ट होता है किसी दबाव की वजह से ही प्रशासन अपनी कार्रवाई को अंजाम नहीं दे पाया था।

कलेक्टर को दिया जा रहा है ऑफर कर लो पिटाई :

सूत्र बताते हैं कि एफआईआर दोने के बाद ही राजनेताओं ने इस मामले में सक्रियता दिखाना शुरू कर दी है। सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे एक नेता ने तो कलेक्टर को ऑफर कर दिया कि वह चाहे तो विक्कू राजावत के साथ स्वयं मारपीट कर लें, लेकिन इस मामले को यहीं पर खत्म कर दें। लेकिन कलेक्टर की ओर से कहा गया कि वह ऐसा नहीं करते हैं। इस मामले की कार्रवाई अब पुलिस के हाथ में है। पुलिस नियमानुसार कार्रवाई करेगी।

आईपीएस से अभद्रता पर भी पुलिस को करना पड़ा था समझौता :

कुछ ही दिन पूर्व शहर के मुरार सर्किल में पदस्थ सीएसपी ऋषिकेश मीणा के साथ रविशंकर शुक्ल हॉस्टल में रहने वाले जूनियर डॉक्टरों और सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर विश्वेश शर्मा ने अभद्रता की थी। साथ ही जूनियर डॉक्टरों ने उनका मोबाइल, वायरलेस लूटने का प्रयास किया। इसके अलावा सीएसपी के गनर के साथ मारपीट की थी। इस मामले में भी पुलिस को पीछे हटना पड़ा था। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पुलिस आरोपियों के खिलाफ डकैती की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने जा रही थी, लेकिन डॉक्टरों की ओर से पुलिस को चेतावनी मिली थी, कि यदि पुलिस मामला दर्ज करती है तो डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। इस पर पुलिस की ओर से कहा गया था कि यदि वह हड़ताल पर गए तो डकैती की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। बाद में डॉक्टरों ने हड़ताल करना रद्द कर दिया तब पुलिस ने अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।

इनका कहना :

अब तक आरोपी विक्कू राजावत नहीं पकड़ा गया है। आरोपी की तलाश की जा रही है।
अमित सांघी, एसएसपी

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