वार्ड प्रभारी बनाएं पर अध्यक्ष को नहीं पता कौन कांग्रेस में है
वार्ड प्रभारी बनाएं पर अध्यक्ष को नहीं पता कौन कांग्रेस में है Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : वार्ड प्रभारी बनाए पर अध्यक्ष को नहीं पता कौन कांग्रेस में है

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश में शायद पहला जिला ग्वालियर ऐसा होगा जहां के शहर कांग्रेस अध्यक्ष को यह तक नहीं पता कि कौन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुका है। इसका उदाहरण वार्ड प्रभारी बनाने के बाद देखने को मिल रहा है। कई वार्डो में ऐसे प्रभारी बना दिए हैं जो कांग्रेस में हैं ही नहीं और अब वह कांग्रेस दफ्तर आकर कह रहे हैं, कि अध्यक्ष साहब जब मैं कांग्रेस में नहीं हूं तो फिर मेरा नाम प्रभारी की सूची में कैसे आ गया। अब इसका जवाब अध्यक्ष क्या देते। इस गलती का कारण यह है कि अध्यक्ष फिलहाल जो भी काम कर रहे हैं उसको लेकर अपने कार्यवाहक अध्यक्षों से सलाह तक नहीं लेते तो फिर फील्ड की जानकारी है नहीं और सलाह लेना नहीं फिर गलती तो होगी ही।

नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने ग्वालियर पूर्व एवं दक्षिण विधानसभा के वार्डो के प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। वार्ड प्रभारी बनाते समय अध्यक्ष ने सिर्फ विधायकों की बात सुनी थी जबकि कार्यवाहक अध्यक्षों को इस बारे में कोई जानकारी तक नहीं दी, यही कारण है कि कई ऐसे कांग्रेसियों को वार्ड प्रभारी बना दिया है जो प्रदेश पदाधिकारी रह चुके हैं और उप चुनाव के दौरान विधानसभा के लिए टिकट मांग रहे थे। गोपीलाल भारतीय को भी वार्ड प्रभारी बनाया है, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया है कि मैं प्रदेश का पदाधिकारी रह चुका हूं ऐसे में वार्ड का प्रभारी कैसे बन सकता हूं। अब यह तो कांग्रेस में है इसलिए ऐसी गलती हो जाती है, लेकिन जो कांग्रेस ही छोड़कर सिंधिया के साथ भाजपा में जा चुके हैं उनको किस तरह से वार्ड प्रभारी बना दिया। इसको लेकर अब कांग्रेस के अंदर ही कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। बताया गया है कि वासुदेव शर्मा ईटमा को वार्ड 25 का प्रभारी एवं वार्ड 27 में अरुणा गुप्ता को प्रभारी बनाया गया है, लेकिन वह सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए, फिर अध्यक्ष को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी। गुरुवार को अनिल शर्मा बिट्टू ने कांग्रेस दफ्तर आकर कहा कि जब वासुदेव शर्मा ईटमा कांग्रेस में ही नहीं है तो फिर उनका नाम वार्ड प्रभारी में कैसे आ गया, जब अध्यक्ष को यह नहीं पता कि कौन कांग्रेस छोड़कर जा चुका है तो फिर संगठन को वह किस हिसाब से चलाएंगे और कांग्रेस को कितना मजबूत करेंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कार्यवाहक अध्यक्षों का इस मामले में कहना है कि जब हमसे कोई सलाह ही नहीं ली जाती तो फिर हम इस मामले में क्या कह सकते हैं।

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