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मध्य प्रदेश

MP HighCourt : राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त होने पर चयन वंचित करने का आदेश निरस्त

Amit Namdeo

जबलपुर,मध्यप्रदेश । मप्र हाईकोर्ट (High Court ) से एक पुलिस आरक्षक उम्मीदवार को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस आनंद पाठक की एकलपीठ ने राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त होने के कारण उसे अयोग्य घोषित किये जाने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया है। यह मामला भूपेन्द्र सिंह की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वह मप्र पुलिस आरक्षक भर्ती 2020-21 में चयनित हुआ था, लेकिन उसे इस आधार पर पदस्थापना देने से पुलिस अधीक्षक देवास द्वारा बंचित  कर  दिया  गया  की  सम्वधित के  विरुद्ध  अपारधिक प्रकरण  दर्ज  हुआ है  तथा  राजीनामा  के  आधार  पर  दोष मुक्ति  हुई  है।

उक्त  आदेश  की  वैधानिकता  को  हाईकोर्ट  मे  अधिवक्ता  रामेश्वर  सिंह  ठाकुर  के  माध्यम  से  चुनौती  दी  गई।  याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय  को बताया गया की  याचिकाकर्ता  ने  उपरोक्त अपारधिक  प्रकरण  की  जानकारी  स्वयं  नियुक्ति प्राधिकारियो  को  दी, जो  नैतिक अधोपतन  की श्रेणी  में नहीं  है। तत्संबंध  में  सुप्रीम  कोर्ट  की  फुल बैंच द्वारा अवतार सिंह  के प्रकरण  में अहम मार्गदर्शी  सिद्धांत  प्रतिपदित   किए  गए  है। जिसे  पुलिस  के  नियुक्ति प्राधिकारियों  द्वारा  नजरअंदाज  करके  याचिकाकर्ता की  नियुक्ति  निरस्त  कर  दी  गई  है।

हाईकोर्ट  उक्त  तर्कों  से सहमत  होते  हुए न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक  के  28 फरवरी 2023 के आदेश  को  निरस्त  कर  दिया। इसके साथ ही पुलिस  के आला अधिकारियों सहित पुलिस अधीक्षक देवास  को  स्पष्ट  निर्देशित  किया  गया  की  सुप्रीम  कोर्ट  के  उक्त  मार्गदर्शी  सिद्धांतों  के  अनुसार  प्रकरण  का  पुन: परिक्षण  करके  याचिकाकर्ता  की  नियुक्ति  का  आदेश  45 दिनों के अंदर जारी  किया  जाए। याचिकाकर्ता  की  ओर से  अधिवक्ता  रामेश्वर  सिंह ठाकुर एवं  अंजनी  कुमार  ने  पैरवी की।

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