एक तरफ कोरोना का प्रहार, दूसरी तरफ पालकों पर महंगी पढ़ाई का भार
एक तरफ कोरोना का प्रहार, दूसरी तरफ पालकों पर महंगी पढ़ाई का भार सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

भोपाल : एक तरफ कोरोना का प्रहार, दूसरी तरफ पालकों पर महंगी पढ़ाई का भार

Author : राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। एक ओर कोरोना की मार आम आदमी को आर्थिक रूप से तोड़ रही है वहीं दूसरी तरफ बच्चों का महंगा अध्ययन अभिभावकों के लिए गले की फांस बन रहा है। शासन स्तर से अभी नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ नहीं हो रहा है, लेकिन निजी सीबीएसई स्कूलों के संचालकों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से पुस्तकों का धंधा प्रारंभ कर दिया गया है। हालात यह है कि पहली कक्षा का कोर्स दो से लेकर ढाई हजार रूपये में पड़ रहा है। तीसर से पांचीं तक का कोर्स 3500 से लेकर 4500 के बीच पालक खरीदने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी लाख दावे करें, लेकिन गिनी चुनी दुकानों से पुस्तकें बिकवाने का एक अप्रत्यक्ष धंधा चल रहा है। एमपी नगर क्षेत्र में मात्र दो दुकानें ही हैं जहां पर सीबीएसई स्कूलों की पुस्तकें मिल रही हैं। यहां पर सुबह 10 बजे से देर रात्रि तक भारी भीड़ देखी जा रही है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि किताबों के साथ जबरन यह कहकर कापियों का सेट थमाया जा रहा है कि इस पर छूट है। अभिभावकों का कहना है कि अभी शिक्षा सत्र प्रारंभ करने के शासन स्तर से कोई आदेश नहीं फिर भी स्कूलों के संचालक शीघ्र किताबें खरीदने का दबाव बना रहे हैं।

अधिकारियों को करना चाहिए निगरानी : बीएस राठौर

अभिभावक बीएस राठौर का कहना है कि किताब खरीदी में हो रही मनमानी को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सतत निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि कोरोना के संकटकाल में आम आदमी की आमदनी एक प्रकार से शून्य हो गई है। व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हैं। इस कारण सस्ते दामों पर किताबें मिलना चाहिए। किसी भी प्रकार की बाध्यता अभिभावकों के साथ नहीं होना चाहिए।

लगातार लुट रहे हैं गरीब अभिभावक : अब्दुल साजिद

अभिभावक अब्दुल साजिद का कहना है कि किताबों के नाम पर अभिभावकों को लगातार लूटा जा रहा है। कई पुस्तकें ऐसी हैं, जिन्हें पूरे साल बच्चों को पढ़ाया नहीं जाता है। स्कूलों में इनके पेज भी नहीं खुलते, लेकिन पुस्तक विक्रेता ऐसी किताबों भी थमा रहे हैं। राजधानी में जितने भी सीबीएसई स्कूल हैं, सभी जगहों पर इस प्रकार का काम चल रहा है। इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है।

इनका कहना :

शासन के निर्देश अनुसार सभी स्कूल संचालकों द्वारा किताबों की सूची बेबसाइट पर डाली गई है। अगर किसी अभिभावक को कोई समस्या है तो वह कार्यालय आकर शिकायत कर सकता है। जांच के बाद तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल

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