हेला-चिकवा की जोडी ने लगाया परिवहन विभाग पर ग्रहण
हेला-चिकवा की जोडी ने लगाया परिवहन विभाग पर ग्रहण Shrisitaram Patel
मध्य प्रदेश

अनूपपुर : हेला-चिकवा की जोड़ी ने लगाया परिवहन विभाग पर ग्रहण

Author : Shrisitaram Patel

अनूपपुर, मध्य प्रदेश। परिवहन विभाग के हेला नामक जुगाडू बाबू ने इन दिनों यहां से होने वाले हर काम के दाम दुगने कर दिये हैं, परिवहन अधिकारी के नाम पर खुली वसूली का खेल इतना खुला है कि अब इन्हें न तो स्थानीय नेताओं और मंत्री की फिक्र है और न ही तीसरी आंख की, बीते दिनो अवैध वसूली करते हुए तथाकथित बाबू का वायरल हुआ वीडियो पूरे विभाग को कटघरे में खड़ा करता नजर आ रहा है।

यदि आप किसी काम से परिवहन विभाग जा रहे हैं तो अपनी जेब को टटोल लीजिए, कोरोनाकाल के बावजूद यहां आने वाली हर फाइल न सिर्फ दाम तय कर दिये गये हैं, बल्कि पूर्व से निर्धारित हर काम के दामों को दुगना तक कर दिया गया है।

संलग्नीकरण के जुगाड़ से जबलपुर से यहां पहुंचे सहायक वर्ग-2 आर.के. हेला के द्वारा कार्यालय में बैठकर खुलेआम रिश्वत ली जा रही है, हेला की कथित कारगुजारियों के वायरल वीडियो ने इन दिनों सोशल मीडिया में धूम मचाई हुई है। परिवहन अधिकारी के नाम पर हेला ने न सिर्फ खुलेआम रिश्वत ली बल्कि उसे सिस्टम का हिस्सा भी बताया।

हर काम के हैं अलग-अलग दाम :

परिवहन विभाग से जुड़े हर काम का तथाकथित बाबू ने अलग-अलग दाम तय कर के रखा है, विभाग से जुड़े वाहनों के परमिट, नामांतरण, लायसेंस, विभिन्न कार्यो के टैक्स, फिटनेस आदि के विभाग द्वारा तय किये गये निर्धारित शुल्क के अलावा पूर्व से ली जा रही राशि को कई गुना बढ़ा दिया गया है। पूर्व में हैवी लायसेंस बनाने के लिए जहां शुल्क के अलावा हजार रूपए बाबू द्वारा लिये जाते थे, अब इस राशि को बढ़ाकर दो हजार कर दिया गया है, कोरोनाकाल में जैसे ही टेक्सियों की मांग बढी तो विभाग ने भी अवसर का लाभ उठाते हुए टैक्सी से प्राईवेट व प्राईवेट से टैक्सी करने के लिए निर्धारित शुल्क के अलावा लिये जाने वाले शुल्क का दाम 10 गुना बढ़ा दिये गये हैं।

फिटनेस-परमिट का भी सुविधा शुल्क दुगना :

परिवहन अधिकारी आर.एस. चिकवा का अधिकांश समय कार्यालय में न बीत कर घर या सड़क पर ही बीतता है, विभाग की पूरी जिम्मेदारी और हर फाइल हेला की टीप के बाद ही आगे बढती है। कोरोनाकाल की मंदी बताते हुए यहां के शुल्क दुगने और दस गुने तक कर दिये गये हैं। छोटे वाहनों के फिटनेस पर पहले जहां 4 से 6 सौ रूपए में काम हो जाता था, अब 1500 लेने के बाद ही बाबू की टीप उसमें लगती है, इसी तरह परमिट के खेल में भी नियमों को किनारे कर के सुविधा शुल्क पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

भटक रहे नागरिक, दोष सरकार पर :

परिवहन कार्यालय में कोई ऐसा दिन नही रहता जब दर्जनों उपभोक्ता किसी न किसी काम के लिए भटकते नजर न आये। लायसेंस तथा वाहनों के ट्रांसफर के लिए आम लोगों को हाथ में कागज लेकर भटकते नजर आना अब आम हो गया है। तथाकथित बाबू के द्वारा न तो स्थानीय लोगों से सीधे मुंह बात की जा रही है, यही नहीं दो पहिया व चार पहिया लायसेंस के लिए भी दर्जनों चक्कर लगाने के बाद बाबू फाइल को आगे बढ़ाते हैं। प्रदेश में चौथी बार आई शिवराज सरकार के सत्ता में आने के बाद ही बाबू ने ऐसा सुर बदला है, जिससे परिवहन विभाग और के साथ ही नगर व जिले के चौराहों व नुक्कड़ों में उपभोक्ताओं ने विभाग सहित भाजपा सरकार को कोसना शुरू कर दिया है।

इनका कहना है :

मैं 2018 से यहां हूं, इसके पहले जबलपुर में था तो किसी अन्य वजह से निलंबित हुआ था, आपको जो भी बात करना है, कार्यालय आ जाईये बैठकर चर्चा करते हैं।
आर.के. हेला, सहायक ग्रेड-2, जिला परिवहन कार्यालय अनूपपुर
मैं जानकारी लेता हूं, अगर बाबू के द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो कार्यवाही की जायेगी।
आर.एस. चिकवा, जिला परिवहन अधिकारी, अनूपपुर

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