अवैध मुरूम भरते ट्रैक्टर
अवैध मुरूम भरते ट्रैक्टर Afsar Khan
मध्य प्रदेश

बांधवगढ़ में रिश्वत पर मिलता है वर्क आर्डर, रेंजर-एसडीओ की करतूत वॉयरल

Author : Afsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के दायरे में आने वाला पनपथा वन्यजीव अभ्यारण में तैनात अधिकारियों ने जुगाड़ जमाने के लिए अपने पुराने परिचित ठेकेदार के माध्यम से उपकृत करने के लिए पहले चिल्हारी के पास एक खेत के समतलीकरण का हवाला दिया गया। उसके बाद शासकीय निर्माण कार्य मुरूम की आवश्यकता का आवेदन मानपुर तहसील के इंदवार वृत में दिया गया। एक पंथ-दो काज करने के फेर में पूरा मामला सेट तो कर लिया गया, वहीं नायब तहसीलदार ने भी समतलीकरण की आड़ में ऐसा नायाब तरीका निकाला कि वह भी जुगाड़ में शामिल हो गये, लेकिन किसी को पता नहीं था कि काम जिसके लिए कराया जा रहा है, उसे न मिलकर दूसरे किसी और को मिल जायेगा और फिर बखेड़ा खड़ा होगा।

पौधे किसी और ने लगाये, फल कोई और खा रहा था, मातहत को यह बात हजम नहीं हुई तो, उसने खुद कार्यवाही न करते हुए खनिज विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से मशीनों और वाहनों को जब्त करा दिया, दो अधिकारियों की लड़ाई में अब बेचारा ठेकेदार और उसके वाहन पिस रहे हैं, एक ओर धन भी गया और अब धर्म भी जाता नजर आ रहा है।

कोटेशन में हुआ खेल :

निर्माण कार्य के लिए 100 से 150 ट्राली मुरूम की आवश्कता थी, जिसके लिए कोटेशन बुलवाये गये, एक ठेकेदार ने 800 रूपये की दर डाली, तो दूसरे ने 1000 हजार रूपये की, नियमत: कम दर वाले ठेकेदार को कार्य दिया गया, जिसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की गई, लेकिन मातहत ने जिस ठेकेदार से 1000 रूपये की दर डलवाई थी और उससे ही सारा जुगाड़ लगवाया था, वह फेल हो गया, बड़े अधिकारी ने इस शर्त पर कम दर वाले अपने चहेते को उपकृत कर दिया कि उसे काम मिलेगा और वह जितनी ट्रिप मुरूम सप्लाई करेगा, साहब को 200 रूपये पर ट्रिप के हिसाब से देगा।

मातहत ने करवा दी कार्यवाही :

सोशल मीडिया में वॉयरल हो रही ऑडियो क्लिप में यह चर्चा है कि पनपथा बफर में पदस्थ वीरेन्द्र ज्योतिष ने कार्यवाही इसलिए करवा दी कि पनपथा वनजीव अभ्यारण के अधीक्षक ने अपने करीबी को उक्त कार्य दे दिया था और जिसकी एवज में उन्हें 200 रूपये पर ट्रिप ठेकेदार के द्वारा दिया जा रहा था, इसीलिए उन्होंने खनिज विभाग को बुलवाकर जेसीबी और वाहन पकड़वा दिये। जिस पर अभी जुर्माना की कार्यवाही चल रही है और प्रकरण कोर्ट में भी चला गया है।

समतलीकरण की आड़ में खेल :

चिल्हारी ग्राम में नायब तहसीलदार अनुपम पाण्डेय ने खेत के समतलीकरण और शासकीय कार्य के उपयोग के लिए अनुमति जारी की थी, लेकिन हकीकत यह है कि उक्त खेत का न तो समतलीकरण हुआ है, बल्कि शर्तों के तहत डेढ़ मीटर खुदाई होनी चाहिए थी, उसके स्थान पर 3 मीटर से अधिक खुदाई कर दी गई है, वहीं खनिज विभाग के नियमों के तहत राजस्व विभाग समतलीकरण के लिए अनुमति दे सकता है, पर व्यवसायिक प्रयोजन के तहत अनुमति देने का अधिकार नियमों के तहत खनिज विभाग को ही है, कुल मिलाकर नायब तहसीलदार ने अपने पदीय दायित्वों का दुरूपयोग कर अनुमति प्रदान की।

खनन और कार्य पर लगी रोक :

पूरा मामला सामने आने के बाद जिस स्थान से मुरूम का उत्खनन किया जा रहा था, उस पर रोक लगा दी गई है, वहीं पार्क के बड़े अधिकारियों तक मामला पहुंचने के बाद पनपथा अभ्यारण में जिस कार्य के लिए मुरूम की आवश्यकता थी, जितनी मुरूम की सप्लाई हो चुकी थी, उसके बाद उक्त कार्य पर भी रोक लगा दी गई है, कमीशन खोरी का पार्क में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बड़े मामले सामने आ चुके हैं, चाहे वह खरीदी के हों या अन्य। इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी पनपथा बफर वीरेन्द्र ज्योतिषी से जब उनके फोन पर कई बार संपर्क किया तो, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

खेत के समतलीकरण और रेंजर के द्वारा शासकीय कार्य में मुरूम के उपयोग के लिए आवेदन दिया गया था, नियमों के तहत अनुमति दी गई थी, अगर उल्लंघन किया गया है तो, पटवारी को भेजकर जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी।
अनुपम पाण्डेय, नायब तहसीलदार, मानपुर
रेंजर वीरेन्द्र ज्योतिषी शासकीय कार्य से कटनी गये हैं, हो सकता है, इसलिए वह फोन नहीं उठा रहे होंगे, सोशल मीडिया में जो वॉयरल हो रहा है, इसकी जानकारी मुझे भी लगी है, पूरे मामले की जांच होगी।
अनिल शुक्ला, अधीक्षक, पनपथा वन्य जीव अभ्यारण

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