डॉक्टरों ने पहले जैसा जोड़ा हाथ
डॉक्टरों ने पहले जैसा जोड़ा हाथ Social Media
मध्य प्रदेश

कट कर शरीर से अलग हुआ हाथ, डॉक्टरों ने पहले जैसा जोड़ा

Priyanka Yadav

हाइलाइट्स :

  • मामला मध्यप्रदेश के इंदौर का

  • सड़क हादसे में कटा युवक का हाथ

  • दोस्तों ने युवक को अस्पताल पहुंचाया

  • डॉक्टरों ने चार घंटे की सर्जरी में जोड़ा हाथ

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में सड़क हादसे की खबरें तो आये दिन आती ही रहती हैं दअरसल ऐसा ही कुछ मामला इंदौर से सामने आया है इंदौर के एक सड़क हादसे में युवक का हाथ कट गया था, इसी दौरान युवक के दोस्तों ने सूझबूझ दिखाई, दोस्तों ने युवक को अस्पताल पहुंचाया, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दोबारा जोड़ा युवक का हाथ।

क्या था मामला

मिली जानकरी के अनुसार दिनांक 22 नवबर को एक दुर्घटना में 22 वर्षीय शानु का सीधा हाथ कोहनी के नीचे से कट गया। साथियों ने समझदारी दिखाई और सीधे डॉक्टर को फ़ोन लगाकर कटे हुए हाथ और मरीज को सही तरीके से अस्पताल तक पहुंचाने का तरीका पूछा, दुर्घटना के 45 मिनिट के अंदर ही सांवेर से शानु का कटा हुआ हाथ उससे पहले अस्पताल पहुंचा दिया गया और उसके 15 मिनिट बाद शानु को भी अस्पताल ले आया गया। सारी जांचे होने के बाद उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर सर्जरी शुरू कर दी गई।

एक्सीडेंट में कटा अंग चार घंटे के ऑपरेशन में जोड़ा

डॉक्टरों ने टूटी उमीदों को दोबारा जोड़ा

डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करके सिर्फ शानु का हाथ ही नहीं जोड़ा बल्कि आने वाली जि़ंदगी को लेकर टूटी उमीदों को भी दोबारा जोड़ दिया। इस सर्जरी को सफलतापूर्वक करने वाले प्लास्टिक एंड माइक्रोवैस्कुलर सर्जन डॉ निशांत खरे कहते हैं कि, अमूमन इस तरह के केसेस में लोग कटे हुए अंग को सही तरीके से और सही समय पर अस्पताल लेकर नहीं आते इसलिए सर्जरी करके अंग को फिर जोड़ना कठिन हो जाता है। बर्फ के पानी में न रखें हाथ: डॉ. खरे ने आगे कहा कि यदि मरीज के शरीर के किसी भी कटे हुए अंग को 3 घंटे के अंदर बर्फ में रखकर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसे जोड़ा जा सकता है।

यह ध्यान रखना जरुरी है कि -

अंग को सीधे बर्फ के संपर्क में ना रखते हुए पॉलीथिन में रखना चाहिए। सीधे बर्फ के संपर्क में आने पर अंग गलने लगेगा।

अंग यदि 6 घंटे के अंदर शरीर से जुड़ जाए तो वह पहले की तरह काम करने लग सकता है पर इस तरह के ऑपरेशन की तैयारी में समय लगता है इसलिए मरीज को हर हाल में तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। हम यही जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं मरीज के कटे हुए अंग को पानी संक्रमण से बचाकर पॉलीथिन से कवर कर बर्फ में रखकर यदि 3 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो अंग को दोबारा जोड़ा जा सकता है। डॉक्टर निशांत खरे प्लास्टिक एवं माइक्रोवैस्कुलर सर्जन की अगुवाई में ऑथरेपेडिक सर्जन डॉ संदीप अग्रवाल, डॉ ज़ुबिन सोनाने, डॉ आशीष अग्रवाल और डॉ ज्ञानेश पाटीदार की टीम ने मिलकर इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया।

शानु के परिजन ने कहा कि-

जब हमें इस दुर्घटना के बारे में पता लगा तो हमारे होश ही उड़ गए थे। सिर्फ 22 साल का है शानु, उसकी पूरी जि़ंदगी ख़राब हो जाती पर डॉ खरे और उनकी टीम ने सिर्फ उसका हाथ नहीं बल्कि पूरी जि़ंदगी बचाई है। अब शानु पूरी तरह ठीक है।

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