हाथी ने ले ली खेत की तकवरी कर रहे किसान की जान
हाथी ने ले ली खेत की तकवरी कर रहे किसान की जान Afsar Khan
मध्य प्रदेश

उमरिया : हाथी ने ले ली खेत की तकवारी कर रहे किसान की जान

Author : Afsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। जिले में छत्तीसगढ़ के जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है और तो और पार्क प्रबंधन के नाक में दम करने वाले इन जंगली हाथियों ने आज एक किसान को भी अपना निशाना बना लिया। रात्रि कालीन फसल के रखवाली में मचान पर सो रहे किसान को हाथियों के झुण्ड ने घेर लिया और हाथियों द्वारा मचान को तोड़ दिया गया। मचान पर सो रहा एक किसान हाथियों के निशाने पर आ गया जहां हाथियों ने उसे भी कुचल दिया जिससे उसने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया।

यह हुआ सेहरा में :

जिले के मानपुर जनपद मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत नौगमा के ग्राम सेहरा निवासी लगभग 45 वर्षीय किसान अन्नू केवट पिता बाल्मीक केवट अपने खेत मे बने मचान पर सो रहा था, तभी रात्रि में लगभग 2:30 से 3 बजे के बीच हाथी उसके खेत मे जा घुसा और धान के फसल को नष्ट करते हुए खेत मे बने मचान को तोड़ दिया जिसमें अन्नू सो रहा था इसी दौरान अन्नू नीचे गिर पड़ा और उसे हाथी ने अपने पैर से कुचल दिया और वहीं अन्नू ने दम तोड़ दिया।

किसानों ने मचाया शोर तो पहुंचे ग्रामीण :

भोर में जैसे ही जंगली हाथी के खेत मे घुसने की सुगबुगाहट और मृतक किसान अन्नू के हाथियों द्वारा कुचलने की जानकारी समीप ही रह रहे किसानों को लगी तो उन्होंने शोर मचाया जिसके बाद अन्य ग्रामीण वहां पहुंचे लेकिन तब तक अन्नू अपने प्राण गंवा चुका था बाद में जानकारी बीड गार्ड को लगी जिसके बाद बीड गार्ड ने अपने उच्चाधिकारियों की जानकारी दी लेकिन वे भी समय रहे नहीं पहुंचे।

अन्नदाता के अरमानों को कुचला हाथियों ने :

कभी प्रकृति की मार तो कभी जंगली हाथियों से बर्बादी फसल की तबाही और बर्बादी तो किसान के लिए कोई नया नहीं है, लेकिन इस तरह से किसान का चले जाना उसके परिवार के लिए बहुत बड़ा सदमा है, ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि मृतक किसान अन्नू के 1 पुत्र व 2 पुत्री हैं जिनका विवाह अभी नहीं हुआ और हाथियों ने न केवल उनके ऊपर से पिता का साया छीन लिया बल्कि मृतक किसान के आरमानों को भी कुचल दिया।

जंगली हाथियों ने पहले भी मचाया कोहराम :

वर्षों से आये जंगली हाथियों के लगभग 28 सदस्यीय झुंड ने अगस्त के महीने में पहले भी उत्पात मचाते हुए फसल की बर्बादी की थी, वहीं उमरिया जिले के बसाहट वाले गांवों में जाकर इनके द्वारा खेत खलिहान तबाह किया गया था कई घर तोड़े गए थे वहीं लगभग सप्ताह भर पहले भी जंगली हाथियों का झुंड जिला मुख्यालय के नजदीक लालपुर जमुनियहा, कुआं, बिलाईकाप-पिपरिया, महिमार, सेवई, कछरवार, मझगवां होकर जंगल मे वापस लौटे लेकिन दर्जनों गांव में लगी फसल बर्बाद किया और जिला मुख्यालय से लगे महिमार गांव के पास नहर को भी तोड़ दिया था।

जंगल के अंदर का स्वरूप बिगाड़ा :

इन जंगली हाथियों के आतंक की दास्तां बहुत लंबी है, सूत्रों की माने तो बफर-कोर क्षेत्रों में पेड़-पौधों को भारी नुकसान पहुंचाया साथ ही बाघों और अन्य जंगली जीवों के लिए बनाए गए तलाब का स्वरूप भी बिगाड़ दिया और तो और पार्क के अंदर बनाये गए वॉच टावर के साथ सौर ऊर्जा से चलने वाले बोर के सौर प्लांट को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी चौपट करने तक कि खबर मिली है, जिसके बाद अब धान के फसल का मौसम होने के कारण पकती फसल की सुगंध इन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही है जिससे ये शहर और गांव का रुख कर वहां भी तबाही मचा रहे हैं इसी फेर में एक किसान भी इनके चपेट में आ गया।

पूर्व प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा भुगत रहे लोग :

लगभग 2 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ से आये हाथियों के झुण्ड का यहां पहुंचने का कारण पूर्व डायरेक्टर मृदुल पाठक का माना जा रहा है जिनके द्वारा संजय दुबरी कुसमी के जंगलों से 5 हाथियों के दल का रेस्क्यू कर लाया गया था जिसमें एक हाथी की मौत भी हो गई थी, आज उन्हीं लाए गए हाथियों के कारण बाकी जंगली हाथियों ने भी बाँधवगढ़ का रुख कर लिया और उन्हें यहां का हैबिटेट रास आ गया जिस वजह से ये जंगली हाथियों का झुंड यहां ढेरा जमाये हुए है और शहर से सटे क्षेत्रों से लेकर जंगल व उसके आस-पास के गांवों में तहस नहस किये हुए हैं तो वहीं इनकी संख्याओं में इजाफा भी हुआ है। तो वहीं बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बाघों सहित अन्य जंगली जीवों के पलायन का भी खतरा मंडराने लगा है।

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