आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले ही ग्राम पंचायत खोड़री में गोलमाल
आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले ही ग्राम पंचायत खोड़री में गोलमाल Sitaram Patel
मध्य प्रदेश

Anuppur : आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले ही ग्राम पंचायत खोड़री में गोलमाल

Author : Shrisitaram Patel

सीईओ जिला पंचायत की कड़ी निगरानी के बाद भी पंचायतों में ऐसे भ्रष्ट सचिव बैठे हैं, जो लाखों रूपए बिना कार्य किये ही निकाल कर डकार जाते हैं, न इन्हे नियमों का ख्याल रहता है और न ही अधिकारियों का डर, मनमानी तरीके से कार्य करते हुए भ्रष्टाचार का खुला खेल शासकीय राशि से खेल रहे हैं।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिऐ कितने भी प्रयास करें, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाने वाले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत अनूपपुर की ग्राम पंचायत खोड़री नंबर 1 से आया है। जहां पंचायत भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर है, उसके बावजूद भी प्रशासन की कार्यवाही कागज में ही दफन हो जाती है। अगर पंचायत की कार्य विवरण की जांच कराई जाए तो न्यूनतम 50 प्रतिशत कार्य ऐसे हैं जो बिना निर्माण कार्य के ही सरपंच, सचिव व इंजीनियर की मिलीभगत से पैसा आहरण कर लिया गया है। सचिव निरंजन जायसवाल की मनमानी हो या सरपंच की लापरवाही, ग्राम पंचायत के विकास कार्य के प्रति ग्रहण सी लग गई है, लेकिन दस्तावेजों में विकास कार्य को अद्भुत गति मिल रही है।

बिना नाली निर्माण के निकाली राशि :

आगामी माह में ग्राम पंचायत का चुनाव होने वाला है, जिससे आदर्श आचार संहिता लगने के डर से पूर्व में ही भ्रष्टाचारी सचिव निरंजन जायसवाल ने बिना नाली निर्माण किये ही राशि का आहरण कर लिया। कार्य वार्ड नं 13 में रामकुमार जोगी के घर से तीरथ अगरिया की घर की ओर कनवाही बस्ती में होना था। व्हीएक्स फाईनेंश कमीशन योजना के नाम से अलग-अलग बिनों के माध्यम से 2 लाख 37 हजार रुपये आहरण कर लिया गया है। जबकि ऐसा कोई भी नाली निर्माण अभी तक वहां पर नहीं किया गया है।

भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त :

कोई भी कार्य हो चाहे सार्वजनिक शौचालय निर्माण कार्य मौहार के पास के पास या फिर चबूतरा निर्माण कार्य अभी हाल में ही ग्राम पंचायत के पास पुल निर्माण कार्य किया गया है, जो अत्यंत ही गुणवत्ता विहीन है एवं कम से कम लागत में बना कर पूरी राशि आहरित कर ली गई है। सीसी सड़क निर्माण कार्य या सोलर स्ट्रीट लाइट जो कि विधायक निधि से सीतामढ़ी धाम के लिए 16 नग दिया गया था, उसके बावजूद भी सीतामढ़ी में पूरी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है अगर कार्य का विवरण दिया जाए तो भ्रष्टाचार की एक लंबी लिस्ट बन जाएगी।

पंचायत की जांच जरूरी :

ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि अगर ग्राम पंचायत खोड़री नंबर 1 की जांच जिले में बैठे उच्च अधिकारी द्वारा मौका मुआयना कर की जाये तो ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार के कई ऐसे तथ्य उनके सामने होंगे जो कहीं नहीं हुआ होगा। ग्राम पंचायत खोड़री नंबर-1 में सरपंच, सचिव व इंजीनियर की मिलीभगत से किए जा रहे निर्माण कार्य जो पूरी तरह से गुणवत्ता विहीन और बिना निर्माण कार्य के पैसों की राशि आहरण करने का जो कारोबार किया जा रहा उस पर भी सफलता हासिल जरूर उच्च अधिकारियों को होगी।

छुपते फिर रहे सचिव :

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की चल रही विभिन्न योजनाओं के तहत अगर कोई काम सचिव से पड़ जाए तो उनको ढूंढ पाना मुश्किल है। ग्रामीणों ने उन्हें ईद के चांद का भी हवाला देते हैं, अगर फोन से संपर्क करने की कोशिश करें वो भी नामुमकिन है। क्योंकि महीनों में दर्जनों सिम चेंज करते रहते हैं। इस तरह के सचिव के फर्जीवाड़ा एवं मनमानी क्रियाकलाप से पूरा ग्रामवासी त्रस्त है। कई बार सोशल मीडिया में इनके भ्रष्टाचारी की पोल खोली, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही इनके ऊपर नहीं की जा रही है, पैसों का बंदरबांट करके ऊपर से नीचे तक के अधिकारी इनके लंबे करतूत में लिप्त है। ग्राम वासियों ने मांग किया है कि जल्द से जल्द इनके क्रियाकलाप की जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही किया जाए नहीं तो ग्रामवासी आगे उग्र आंदोलन करेंगे।

इनका कहना है :

मंगलवार को सचिव द्वारा वार्ड में आकर बोला गया, नाली निर्माण कार्य किया जाएगा, जबकि लोगों में चर्चा है कि बिना नाली निर्माण किए मिलीभगत कर नाली निर्माण का पैसा आहरण कर लिया गया है।
छोटेलाल पाव, निवासी वार्ड क्रमांक 13; कनवाही, ग्राम पंचायत खोड़री नंबर-1
आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है आप विवरण उपलब्ध कराएं जाँच के उपरांत गलत पाए जाने कार्यवाही की जाएगी।
हर्षल पंचोली, सीईओ, जिला पंचायत, अनूपपुर

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