राज एक्सप्रेस। प्रदेश सरकार माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने का दावा कर रही है, लेकिन जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर बकही ग्राम पंचायत में रेत माफिया श्रीचंद ने सरपंच के माध्यम से रेत की खदान पर कब्जा जमा रखा है। अवैध वसूली भी चरम पर है, ऐसा लगता नही कि यह पंचायत की खदान है, बल्कि ठेके में ली गई खदान की तरह कुंडली मार कर बैठे श्रीचंद नामक माफिया उक्त खदान का संचालन कर रहे हैं और प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बन कर बैठी है।
अनूपपुर में खनिज विभाग के द्वारा रेत नियम 2019 को 30 अगस्त को लागू किया गया था, पंचायतों के द्वारा चलाई जा रही खदानों को ठेकेदारों के हाथो में सौंपने के लिए बनाये गये थे। ई-टेण्डरिंग की प्रक्रिया के तहत् खदानों का आवंटन होना था, लेकिन जब तक रेत की उपलब्धता में कठिनाई न आये, सरकार ने पंचायतों को रेत की खदाने संचालित करने के अधिकार दे दिये। जैतहरी जनपद के अंतर्गत आने वाली बकही रेत खदान जो कि सरपंच के द्वारा संचालित की जाती थी, वह सोन नदी के खसरा क्रमांक-791 और 787 रकवा 5.664 हे. में संचालित थी। उक्त खदान पर बीते कुछ दिनों से शहडोल के रेत माफिया श्रीचंद ने कब्जा कर रखा है।
सरपंच बना कठपुतली
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत के सरपंच ननदउआ सिंह को चंद रूपयों के लालच और अपने रसूख के चलते कथित माफिया ने अपने कब्जे में कर लिया है और अपने बनाये गये नियमों के तहत् खदान का संचालन करवाया जा रहा है। अवैध वसूली भी खुलेआम उक्त खदान पर की जा रही है। रोजाना वसूली की जाने वाली राशि का कुछ हिस्सा भी सरपंच को सौंप दिया जाता है, इसलिए सरपंच ने पंचायत की खदान को श्रीचंद के हाथो बेंच दिया है, जो कि एक गिरोह बनाकर रेत की खदान को बकही में संचालित कर रहा है।
22 सौ में डग्गी, 1 हजार में ट्रैक्टर
बकही रेत खदान में डग्गी कीमत 2200 रूपए वसूल की जा रही है और अगर बिना रायल्टी के टोकन में डग्गी में रेत ले जानी है तो, उसके लिये 1 हजार रूपए देने होते हैं। ट्रैक्टर की रायल्टी के नाम पर एक हजार रूपए और टोकन में 500 रूपए वसूल किये जा रहे हैं, शासन ने 125 रूपए प्रति घन मीटर रेत की दर तय की है, लेकिन यहां पर 440 रूपए प्रति घन मीटर लोगों को अदा करना पड़ रहा है। लोगों से रोजाना लाखों रूपए की अवैध वसूली हो रही है। जबकि ट्रैक्टर में आने वाली तीन घन मीटर 375 रूपए और डग्गी में पांच घन मीटर आने वाली रेत की कीमत 625 रूपए है। रोजाना लाखों रूपए की अवैध वसूली कथित माफिया और उसके गिरोह के द्वारा की जा रही है।
लीज क्षेत्र से हटकर खनन
वैसे तो ग्राम पंचायत बकही को स्वीकृत रेत खदान का दायरा 5.664 हेक्टेयर है, लेकिन लीज क्षेत्र से हटकर रेत का उत्खनन और परिवहन कथित माफिया के द्वारा करवाया जा रहा है। स्वीकृत दायरे के बाहर जाकर रेत की निकासी धड़ल्ले से की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि श्रीचंद कैम्प बनाकर अपने गिरोह के साथ 24 घंटे बकही में तैनात रहता है और उसने इस काम को संचालित करने के लिए सरपंच के लड़के जगन्नाथ को लगा रखा है, इसके अलावा बाहरी लोगों के द्वारा गांव में पहुंच कर ग्रामीणों और वाहन चालकों को धमकाया जाता है, 'अगर तुम तय राशि का भुगतान नही करोगे तो तुम्हारे वाहन इस गांव से बाहर नही चल सकेंगे।
मंशा पर फिरा पानी
सरकार ने 2017 फिर 2018 में जो रेत नियम बनाये थे, जिसके तहत् रेत की खदाने वर्तमान में संचालित हो रही हैं, उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि खदान का संचालन ग्राम पंचायत और गांव के वाशिंदे ही कर सकते हैं, बाहरी लोग का दखल खदान के संचालन में नही होना चाहिए। माफिया, अपराधी तो खदान के आस-पास भटकने भी नहीं चाहिए, लेकिन सरकार की मंशा के विपरीत प्रशासन की नाक के नीचे जो तांडव रेत के अवैध कारोबार का चल रहा है, वह इसका जीता-जागता उदाहरण है कि सभी ने अपना सिस्टम सेट करके शहडोल से आये श्रीचंद को खदानसंचालन की मौन स्वीकृति दे दी है।
जानकारी स्थानीय जनपद सदस्य के माध्यम से मिली है, सोमवार को जांच की जायेगी, अगर ऐसा हो रहा है तो सरपंच के खिलाफ पंचायत राज अधिनियम के धाराओ के तहत् कार्यवाही और अवैध वसूली के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी, प्राथमीकी भी दर्ज कराई जायेगी।शक्तिकुंज, सीईओ जनपद पंचायत जैतहरी
खदान के संचालन का अधिकार ग्राम पंचायत के सरपंच को दिया गया है, अगर उसके द्वारा किसी भी माफिया या ठेकेदार को खदान सौंपी है तो इसकी जांच होगी और अवैध वसूली अगर हो रही है तो माफिया और सरपंच पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।प्रेम प्रकाश राय, खनिज अधिकारी अनूपपुर
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