फर्जी बिल लगाकर लाखों का वारा न्यारा, मामला झखरावल पंचायत का
फर्जी बिल लगाकर लाखों का वारा न्यारा, मामला झखरावल पंचायत का Shashikant Kushwaha
मध्य प्रदेश

देवसर : फर्जी बिल लगाकर लाखों का वारा न्यारा, मामला झखरावल पंचायत का

Author : Shashikant Kushwaha

देवसर, मध्य प्रदेश। सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत झखरावल में इन दिनों लाखों रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। सरपंच सचिव ने फर्जी तरीके से राशि आहरित करने के लिए ग्राम पंचायत के गरीब मजदूरों का सहारा लिया और उन्हीं के नाम से फर्जी बिल बुक छपवा कर उसी बिल के सहारे लाखों का वारा न्यारा कर दिया। शायद उन गरीब मजदूरों को यह भी पता नहीं होगा कि उनके नाम से लाखों रुपए आहरित हो गए हैं। जी हां कुछ इसी तरह का मामला झखरावल पंचायत में इन दिनों आया है यहां आपको बता दें कि जो निर्माण कार्य नहीं हुए हैं या फिर जिस सामग्री का उपयोग पंचायत में नहीं हुआ है, उस सामग्री की खरीदी फर्जी तरीके से बिल के सहारे हुई है ऐसे व्यक्तियों से सामग्रियों की खरीदी हुई है जिनके पास संबंधित सामग्री उपलब्ध नहीं है। लेकिन दिन भर मेहनत मजदूरी करने वाले मजदूरों से लाखों रुपए का सामान खरीद लिया गया। मामला सामने आने के बाद ग्राम पंचायत के लोगों ने उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है और आरोप लगाए जा रहे हैं कि यदि उच्च स्तरीय जांच हुई तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आएगा।

मामले पर एक नजर :

ग्राम पंचायत झखरावल सरपंच सचिव ने पंच परमेश्वर सहित अन्य योजनाओं में पलीता लगाने के लिए फर्जी बिल का सहारा लिया और पंचायत सहित पंचायत के बाहर से भी फर्जी वेंडरों से संपर्क किया और ऐसे ऐसे लोगों के नाम से लाखों रुपए की सामग्री खरीदी गई है जिनके पास संबंधित सामग्री की ना तो दुकान है और ना ही संबंधित वेंडरों के पास इतना पैसा है कि लाखों का व्यवसाय कर सकें।

मजदूर से खरीदा लाखों का सामान :

झखरावल सरपंच सचिव ने फर्जी बिल के सहारे राशि आहरित करने की सभी हदों को पार कर दिया है। पंचायत के ऐसे ऐसे गरीब मजदूरों से लाखों का सामान खरीदा गया है जो सिर्फ दिनभर मेहनत मजदूरी करते हैं और 200 रुपए मजदूरी के सहारे उनका जीवन यापन रहता है, लेकिन पंचायत ने उन्हें लाखों का सप्लायर बना दिया है। वहीं और भी जितने वेंडरों के नाम से बिल लगे हुए हैं और लाखों रुपए आहरित कर लिए गए हैं इन वेंडरों के नाम से क्षेत्र में कोई भी संबंधित दुकानें नहीं हैं। अब ऐसे में तो यही कहा जाएगा कि जब दुकान का पता नहीं है और लाखों रुपए की सामग्री बेच दी गयी ऐसे में निश्चित रूप से बहुत बड़ा घोटाला हुआ है, प्रमुख रूप से राम सजीवन महेश सुधीर दीपक सहित अन्य कई ऐसे लोगों के नाम से बिल लगी हुई है जिनकी कोई भी संबंधित सामग्री की दुकानें नहीं हैं।

डीजल खरीदी में भी धांधली :

झखरावल पंचायत को यदि डीजल पेट्रोल ही खरीदना था तो किसी पेट्रोल पंप से खरीद लेते लेकिन इन्हें कोई पेट्रोल पंप नहीं मिला इन्हें एक आम आदमी मिला जिसके पास पेट्रोल पंप नहीं है और उसी व्यक्ति से पेट्रोल-डीजल खरीद कर हजारों रुपए का बिल लगाकर राशि आहरित कर ली यदि जांच हो तो इस तरह के कई मामले सामने आ जाएंगे।

जांच में होगा बड़ा खुलासा :

जिस तरह से इन दिनों झखरावल पंचायत में फर्जी बिल के सहारे भुगतान के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में ग्राम वासियों ने कहा है कि यदि गहन पड़ताल हो तो इस तरह के ढेर सारे मामले सामने आएंगे फिलहाल कलेक्टर सिंगरौली से गहन छानबीन के बाद उचित कार्रवाई की मांग की गई है।

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