First-Vision Zero Summit-2023
First-Vision Zero Summit-2023 RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

First-Vision Zero Summit-2023 : ओवर स्पीडिंग पर लगाम और एजुकेशन में ट्रैफिक कोर्स जरूरी: ACS गृह मंत्रालय

Arpan Khare

भोपाल। सभी विभागों के आपसी समन्वय के बिना सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं लाई जा सकती है। सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा। ओवर स्पीङ पर लगाम लगाना जरूरी है यानी ड्रायवर बिहेवियर चेंज होना चाहिए। एजुकेशन में ट्रैफिक कोर्स जरूरी है। प्रायमरी से ही बच्चों को रोड बिहेवियर के बारे में बताना जरूरी है। तभी मध्य प्रदेश में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी और सड़क हादसों में लोगों की अकाल मृत्यु नहीं होगी। यह कहना है एसीएस होम राजेश राजौरा का। वह कोर्टयार्ड मेरियट में आयोजित तीन दिवसीय फस्र्ट-विजन जीरो समिट-2023 के समापन अवसर पर बुधवार को बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्रोलॉजी (मैनिट), पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) और परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सेमिनार में रिसर्चर्स और विशेषज्ञों ने रोड सेफ्टी को लेकर अनुभव और शोध साझा किए।

60 से ज्यादा न खुद चलाते और न ड्रायवर को चलाने देते

एसीएस होम ने कहा दुर्घटनाओं और जानलेवा सड़क हादसे के लिए किसी एक विभाग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। जब तक सभी विभाग मिलकर एकसाथ काम नहीं करेंगे तब तक अच्छे परिणाम सामने नहीं आएंगे। आज सड़क पर खड़े होकर चेकिंग करने की जरूरत नहीं है। आईटीएमएस के आने से चालान घर पर पहुंच रहे हैं। ड्रायवर बिहेवियर को चेंज करने की जरूरत है। जब तक हम खुद वाहन को धीमी गति या सुरक्षा के लिहाज से नहीं चलाएंगे, दुर्घटनाओं को बुलावा देंगे।

ओवर स्पीडिंग पर एसीएस ने अपने एक दोस्त की मौत का जिक्र करते हुए बताया कि मैं दिल्ली एम्स में था। मेरे एक दोस्त की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। घटना इतनी वीभत्स थी कि आज तक उन्हें याद है। तब वे खुद 110 की स्पीड से बाइक चलाते थे। इसके बाद वह 70 की स्पीड फिर 60 की स्पीड पर आ गए। 60 से ज्यादा स्पीड में वह खुद वाहन नहीं चलाते और न ही अपने ड्रायवर को चलाने देते हैं।

रोड पर साइनेज होना जरूरी: संजय झा

एसीएस होम ने प्रायमरी से ही ट्रेफिक एजुकेशन पर जोर दिया है। उनका कहना है कि यदि बच्चे को बचपन से ही ट्रेफिक के नियम-कानून, रोड बिहेवियर आदि की जानकारी दी जाए तो वह जागरूक होंगे। सड़क का इस्तेमाल कैसे करना है। कहां चलना है और साइनेज का क्या मतलब है यह जानने के बाद वे ट्रेफिक को गंभीरता से लेंगे। उनकी इसी बात को आगे बढ़ाते हुए परिवहन आयुक्त संजय झा ने रोड साइनेज पर जोर दिया। उनका कहना है कि जब तक रोड पर साइनेज नहीं होंगे, सड़क पर चलने वाले को पता नहीं होगा कि आगे सड़क कैसी है, मोड़ कहां पर है। गति कितनी होनी चाहिए। स्पीड ब्रेकर आने वाला है आदि। यदि सड़क पर साइनेज नहीं होंगे तो लोग कैसे अवेयर होंगे। पीटीआरआई एडीजी जी जनार्दन ने इंफोर्समेंट और जागरूकता पर जोर दिया।

न्यू मार्केट में और मल्टी लेवल पार्र्किंग की जरूरत

मैनिट की रिसर्चर विदुषी शर्मा ने टीटी नगर न्यू मार्केट में पार्र्किंग को लेकर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया यहां मल्टी लेवल पार्र्किंग बनी है। साथ ही रोड मार्र्किंग पार्र्किंग बनाई गई है। इसके बावजूद यहां अतिक्रमण है। नो पार्र्किंग में लोग गाड़ी खड़ी करते हैं। यदि न्यू मार्केट के दुकानदार, खरीददार और आने-जाने वाले लोग एक ही मल्टी लेवल पार्र्किंग में खड़ी करेंगे तो एक समय में यहां लोग ही लोग नजर आएंगे। इसलिए उनका मानना है कि न्यू मार्केट के दूसरे क्षेत्र में भी मल्टी पार्र्किंग होना चाहिए, जिससे लोगों को आने-जाने में सुगमता होगी। वहीं इंदौर की रिसर्चर ने बीआरटी कोरीडोर और वहां के 25 चौराहों का अध्ययन पेपर पढ़ा। बताया कि सड़कों पर अतिक्रमण न होने से इंदौर की बीआरटी कारीडोर सफल है। इस मौके पर मैनिट, पीटीआरआई, परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

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