स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू Pankaj Baraiya - RE
मध्य प्रदेश

रतलाम : एक बार फिर घातक बीमारी 'स्वाइन फ्लू' ने दी दस्तक

Author : Nilesh Dhariwal

राज एक्सप्रेस। स्वाइन फ्लू एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जिसकी अनदेखी करने पर कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। स्वाईन फ्लू की चपेट में रतलाम ज़िले की जावरा तहसील मे एक महिला सहित उसके पांच परिजन भी बीमार है। बीमारी का मरीज रविवार को उस समय सामने आया, जब पीड़ित महिला करीब 15 दिन की बीमारी के चलते शहर के एक निजी नर्सिंग होम में पहुंची, जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के उपरांत स्वाइन फ्लू की पुष्टि की और महिला को सीधे सरकारी अस्पताल रैफर कर दिया।

स्वाईन फ्लू की चपेट में आई महिला

सरकारी अस्पताल में स्वाइन फ्लू जांच के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं

शहर के निजी तथा शासकीय अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए संसाधन उपलब्ध नही है। ऐसे में पीड़ित महिला को ड्यूटी डॉक्टर ने तत्काल रतलाम के लिए रैफर कर दिया। साथ ही ताकित भी किया कि वे अपनी पूरी तैयारी के साथ जाए, हो सकता है उन्हें रतलाम से इंदौर भी भेजा जा सकता है। 'स्वाईन फ्लू' की चपेट में आई महिला के करीब पांच परिजन जो साथ रहते है वो भी बीमार है।

झोलाछाप डॉक्टरों से करवा रहे ईलाज -

स्वाईन फ्लू की चपेट में आये ये मरीज अपना इलाज आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों को दिखाकर करवा रहे है। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए की वे महिला के परिजनों का भी तुरंत चैकअप करवाए, समय पर ईलाज मिलने से वे इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकते है।

  • स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से जावरा में 6 माह पूर्व 12 फरवरी को एक गजक व्यापारी की अहमदाबाद में ईलाज के दौरान मौत हो गई थी।

  • इससे पूर्व भी नपा का एक पार्षद की चपेट में आने से मौत हो गई।

प्राथमिक जांच में चोकाने वाला परिणाम :

निजी नर्सिंग होम पर समीपस्थ ग्राम सुजापूर की एक महिला अनुसुईया को उसके परिजन करीब 15 दिनों की बिमारी के चलते तेज बुखार में लेकर राठौर नर्सिंग होम आए। जहां डॉक्टर ने उसका परीक्षण किया, परीक्षण के बाद डॉक्टर ने उक्त महिला का रक्त परीक्षण करवाया तो, रक्त की प्राथमिक जांच में चोकाने वाला परिणाम सामने आया। महिला घातक बिमारी स्वाइन फ्लू की चपेट में थी, निजी नर्सिंग होम पर स्वाईन फ्लू जैसी बिमारी का मरीज पहुंचने और उससे निपटने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने पर उसे तत्काल शहर के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया। सरकारी अस्पताल पहुंची महिला को डयूटी पर पदस्थ डॉ. डामोर ने देखा तो उन्होने भी तत्काल महिला को रतलाम जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया।

परिजनों को किया ताकित :

जावरा के सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉ. डामोर ने महिला का परिक्षण और निजी नर्सिंग होम की रिर्पोट के आधार पर महिला को तत्काल जिला चिकित्सालय रैफर किया। वहीं परिजनों से महिला को स्वाईन फ्लू जैसी बीमारी होने की बात कहते हुए कहा कि वे पुरी तैयारी के साथ मरीज को लेकर जाए, फिलहाल रतलाम भेज रहे है,लेकिन संभवत: उन्है रतलाम से इंदौर के लिए रैफर कर दिया जाएगा, तो इंदौर के हिसाब से वे तैयारी कर के जाए।

नहीं है जिले में जांच के संसाधन ;

घातक बीमारी 'स्वाइन फ्लू' की जांच के इंतजाम पूरे जिले में नहीं है, ऐसे में अक्सर स्वाईन फ्लू के मरीजों को शहर के डॉक्टर डेंगु समझ कर उपचार कर देते है, लेकिन इसके बाद भी जब मरीज ठीक नहीं होता है, उसे स्वाईन फ्लू होने का अंदेशा रहता है, ऐसे में जावरा के सरकारी और निजी दोनों ही संस्थानों में इसकी जांच नहीं हो पाती है। ऐसे में जावरा से सैंपल लेकर भोपाल स्थित लेब भेजा जाता है। जहां से 2 दिनों में जांच आने के बाद मरीज को स्वाईन फ्लू का उपचार दिया जाता है। इसके लिए सरकारी नियमों के अनुसार मरीज को दवा दी जाती है।

हो चुकी है अब तक दो मौत :

स्वाईल फ्लू से अब तक शहर में करीब दो मौत हो चुकी है, जिनमें शहर का एक गजक व्यापारी और एक नपा का पार्षद भी शामिल है। हालाकि दोनो ही मरीज शहर के बाहर से इनफेक्टेड होकर आए थे और दोनो का ही उपचार बाहर हुआ था। दोनो की ही मोत शहर से बाहर हुई थी। स्वाईन फ्लू से मरने वाले लोगों में एक नपा के पार्षद जगदीश चतवाणी है तो दूसरा पीपली बाजार मेंं गजक व्यापारी अशोक राठौर शामिल है।

निजी हास्पीटल से आई थी सस्पेक्ट :

शहर के निजी डॉक्टर ने उक्त मरीज को सस्पेक्ट किया था, जिसे हमने तत्काल जिला चिकित्सालय बेहतर उपचार के लिए भेजते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर दिया, फिलहाल महिला का रतलाम में उपचार जारी है। स्वाईन फ्लू पॉजीटिव होने पर उपचार की सुविधा हमारे पास उपलब्ध है, लेकिन जांच के लिए सैंपल लेकर भेजना पड़ता है।

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