पूर्व सरकार की योजना पर जांच के दिए निर्देश
पूर्व सरकार की योजना पर जांच के दिए निर्देश Social Media
मध्य प्रदेश

इंदौर : पूर्व सरकार की योजना पर जांच के दिए निर्देश

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। प्रदेश में पूर्व सरकार की योजना के तहत रोपे गए पौने दो करोड़ पौधों की जियोटैगिंग करने के औपचारिक आदेश प्रशासन ने दिए हैं। जिसके तहत मप्र पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को जांच कर रिपोर्ट 7 दिन के भीतर सौंपने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व सरकार ने मनरेगा के तहत दिया था योजना को आकार :

बता दें कि, पूर्व की शिवराज सरकार के कार्यकाल के समय 2 जुलाई 2017 को मनरेगा योजना के तहत नर्मदा के किनारे बड़े तौर पर लगभग पौने दो करोड़ पौधों का पौधारोपण किया गया था। जिसमें दो साल बाद अब इस योजना पर जांच करने के औपचारिक आदेश विभाग ने दिए हैं। जिसके तहत विभाग ने नर्मदा नदी और कछार के दायरे में आने वाले 24 जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के सीईओ को इन पौधों का भौतिक सत्यापन कर जांच करने और जिसकी रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर सौंपने के निर्देश दिए हैं।

इस संबंध में ईओडब्ल्यू ने जांच बैठक बैठाई थी जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए और कहा कि, जांच समयसीमा में जल्द पूरी कर रिपोर्ट भिजवाएं।

सभी पौधों की ली जाएगी जियोटैग फोटोग्राफ :

इसके तहत सभी पौधों की जांच के लिए नई तकनीक इन्फ्रामैपिंग मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है जिसमें पौधों की जियोटैग फोटोग्राफ ली जाएगी। जिसके लिए विकास आयुक्त कार्यालय के उपायुक्त अजय शुक्ला ने सभी जिलों के प्रशासन और पंचायतों को दल गठित करने के निर्देश दिए हैं वहीं जांच रिपोर्ट मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद के आयुक्त को भेजी जाएंगी।

इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा ने इस योजना की जांच करने के लिए 40 लोगों की एक टीम बनाई है जो जांच कर तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।

नर्मदा से सटे जिलों में दिए जांच के आदेश :

बता दें कि, यह आदेश मुख्यत: नर्मदा नदी और कछारी क्षेत्र में आने वाले संबंधित 24 जिलों को जारी किए हैं जिसमें इंदौर, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, मंडला, होशंगाबाद, कटनी, अनूपपुर, देवास, नरसिंहपुर, रायसेन, बैतूल, सिवनी, डिण्डोरी, दमोह, जबलपुर, सीहोर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सागर व हरदा शामिल हैं।

बता दें कि हाल ही में वनमंत्री उमंग सिंघार इस योजना के मामले के संबंध में भ्रष्टाचार करने का आरोप पूर्व की शिवराज सरकार पर लगा चुके हैं।

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