मप्र के पूर्व सीएम शिवराज सिंह और सीएम कमलनाथ
मप्र के पूर्व सीएम शिवराज सिंह और सीएम कमलनाथ  Social Media
मध्य प्रदेश

कमलनाथ कैबिनेट के सीएए प्रस्ताव पर पूर्व सीएम शिवराज का पलटवार

Aditya Shrivastava

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए संकल्प पारित किया गया है। संकल्प में मांग की गई है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए। यह जानकारी कैबिनेट की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने दी।

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया संकल्प में कहा गया है, यह पहला अवसर है जब धर्म के आधार पर विभेद करने के प्रावधान संबंधी कोई कानून देश में लागू किया गया है। इससे देश का पंथनिरपेक्ष रूप और सहिष्णुता का ताना-बाना खतरे में पड़ जाएगा। प्रदेश सरकार ने कहा, संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं है। इस नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए।

इस पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री बनने के लिए संविधान के प्रति सच्ची और निष्ठा रखने की शपथ ली जाती है। ये कानून संसद ने बनाया है। आप कहते हैं कि कानून वापस ले लो। आप क्या चाहते हैं, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए वहां के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता नहीं दें? क्या महक जैसी बिटिया उठती रहें, धर्मांतरण होता रहे, उनका घर जलता रहे, वहां उनकी संपत्ति पर कब्जा किया जाता रहे? आपको उनकी बेटियों का दुःख-दर्द दिखाई नहीं देता? आप इतने असंवेदनशील हो गए हैं? सीएए तो लागू होकर रहेगा कमलनाथ जी, दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती।'

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