हाथी महोत्सव का शुभारंभ
हाथी महोत्सव का शुभारंभ Afsar Khan
मध्य प्रदेश

उमरिया : गौतम-अनारकली व लक्ष्मी की जोड़ी का धमाल

Author : Afsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में 21 सितंबर सोमवार को हाथी महोत्सव का शुभारंभ हुआ। छह दिवसीय हाथी महोत्सव 26 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान नेशनल पार्क में गश्त एवं ट्रैकिंग करने वाले पार्क के 15 हाथियों की खास आवभगत की जाएगी। प्रतिदिन सुबह नहलाने से लेकर नीम, आरण्डी तेल से मालिश की जाएगी। फिर पसंदीदा फलों का आहार परोसा जाएगा। कोरोना संक्रमण काल में बचाव के खास इंतजाम के साथ यह आयोजन संचालित किया गया है।

मानव-वन्य प्राणी का द्वंद रोकते हैं हाथी :

बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के 15 हाथी संकट मोचक हैं। दिन-रात हाथियों का यह दल बाघों की सर्चिंग व मानव वन्यप्राणी द्वंद्व के खतरे को टालते हैं। फुर्सत रहने पर लोगों को ज्वॉय राइड भी कराते हैं। व्यस्तता के बीच अब इनके आराम का समय यानि हाथी महोत्सव हो रहा है। पार्क प्रारंभ होने से पहले यह खास मौका रहता है जब इनकी पसंद का पार्क प्रबंधन विशेष ख्याल रखता है। ताला रेंज के हाथी कैम्प में यह महोत्सव छह दिनों तक चलेगा। पार्क क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम तथा उप संचालक सिद्धार्थ गुप्ता ने हाथी महोत्सव का शुभारंभ किया।

कुनबे का सबसे बुजुर्ग सदस्य है गौतम :

इस बार ताला रेंज में महोत्सव के दौरान 15 हाथी शामिल हो रहे हैं। इनमें 10 मेल तथा 5 फीमेल हैं। 74 साल का नर गौतम (1946) कुनबे का सबसे बुजुर्ग सदस्य है। अब वह मानीटरिंग आदि के कार्य से मुक्त हो चुका है। माना जाता है अन्य युवा हाथी इसकी संतान है। दूसरे नंबर पर 69 वर्षीय नर गौतम (1951) तथा 56 साल की अनारकली तीसरे नंबर की सीनियर लीडर है। इस बार युवा सदस्य लक्ष्मी भी शामिल हो रही है। यह दिसंबर 2018 में जन्मी थी। डेढ़ साल की लक्ष्मी दूसरी बार मेहमान नवाजी का लुत्फ उठायेगी। साल 2018 में यह परिवार 18 हाथियों का था। मादा साम्भवी व एक अन्य को गश्त के लिए स्थाई तौर पर संजय टाईगर रिजर्व भेज दिया गया है। एक अन्य हाथी दो-तीन साल पहले नौरोदेही भी जा चुका है।

पसंदीदा फलों से भोजन

सामान्यत: अक्टूबर में पार्क खुलने से पहले हाथियों की थकान दूर करने यह आयोजन होता है। इस बार जो हाथी शामिल है उनमे 10 नरों में गौतम, तूफान, सुंदरगज, अष्टम, रामा, सूर्या, गणेश, लक्ष्मण, श्याम तथा नील है। इसी तरह मादाओं में अनारकली, बांधवी, पूनम, लक्ष्मी तथा काजल रहेगी। सुबह नदी में ले जाकर महावत इन्हें नहलाते हैं। 10 बजे हाथी कैम्प में लाकर भोजन दिया जाता है। इसमे पसंदीदा गन्ना, अनानास, सेव, केला, नारियल, कटहल शामिल है। इसके बाद शाम को चार बजे जंगल में घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है। दिनभर यह सिलसिला छह दिनों तक चलेगा। फिर इन्हें गश्त व ट्रैकिंग के लिए निर्धारित पाइंटों में भेजा जाएगा।

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