संविदाकर्मियों के लिए अच्छी खबर
संविदाकर्मियों के लिए अच्छी खबर RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

संविदाकर्मियों के लिए अच्छी खबर - नियमित पदों में से 20 फीसदी पद संविदाकर्मियों के लिए आरक्षित

Kanhaiya Lodhi

Regular Posts Reserved Contract Workers: भोपाल, मध्यप्रदेश । प्रदेश में संविदा में काम करने वालों को नियमित शासकीय सेवक बनने की राह लगातार आसान हो रही है। खनिज साधन विभाग ने भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय के लिए नया नियम लागू कर दिया है। इससे संविदा कर्मियों को शासकीय सेवक बनने का नया मौका मिल सकेगा। विभाग ने जो प्रावधान किया है उस हिसाब से यहां भर्ती किए जाने वाले नियमित पदों में से 20 फीसदी पद संविदाकर्मियों के लिए आरक्षित रहेंगे।

इस संबंध में नए नियम प्रदेश में प्रभावी कर दिए गए हैं। इसके लिए विभाग ने भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय चतुर्थ श्रेणी सेवा भर्ती नियम 1998 में संशोधन कर दिया है। हालांकि नए प्रावधान के मुताबिक इसका फायदा केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों के मामलों में ही मिलेगा। यानी संविदा कर्मियों को केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों पर ही नियुक्ति मिल सकेगी और 20 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। नए प्रावधान तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के मामले में लागू नहीं होगा। उसमें इस तरह की रियायत नहीं मिलेगी। विभाग ने जो अधिसूचना जारी की है उस हिसाब से संविदाकर्मियों को 20 फीसदी आरक्षण का लाभ दिए जाने के दौरान ये भी सुनिश्चित करना होगा कि मप्र लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण )अधिनियम 1994, मप्र लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) नियम 1998 में किए प्रावधानों के साथ ही राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों के अनुसार सीधी भर्ती के दौरान इन वर्गों के लिए अधिनियम के तहत आरक्षण का लाभ मिले। इसी तरह सामाजिक न्याय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत दिव्यांगजनों के लिए भी पद आरक्षित करना होगा। इसी क्रम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करना होगा।

पहले वर्ष कुल वेतन का 70 फीसदी मिलेगा

विभाग ने नए नियमों में जो प्रावधान किया है उस हिसाब से सीधी भर्ती के लिए चयनित व्यक्ति को तीन वर्ष की अवधि के लिए परिवीक्षा अवधि में नियुक्त किया जा सकेगा। सबसे बड़ी बात ये कि परिवीक्षा अवधि के दौरान तीन वर्षों के दौरान अलग- अलग वेतन मिलेगा। परिवीक्षा अवधि के पहले वर्ष कुल वेतन का केवल 70 फीसदी ही भुगतान किया जा सकेगा। इसी तरह दूसरे वर्ष में वेतन में 10 फसदी की बढ़ोतरी होगी और कुल वेतन का 80 फीसदी भुगतान किया जाएगा, वहीं तीसरे वर्ष कुल वेतन का 90 फीसदी भुगतान किया जा सकेगा। जब व्यक्ति परिवीक्षा अवधि पूरी कर लेगा, उसके बाद उसे तीन वर्ष की बकाया राशि का भुगतान किया जा सकेगा।

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