ग्वालियर: बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाकर 12वीं की परीक्षा!
ग्वालियर: बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाकर 12वीं की परीक्षा! Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर: बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाकर 12वीं की परीक्षा!

राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स:

  • ग्वालियर: बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाकर 12वीं की परीक्षा!

  • विधायक प्रवीण पाठक ने शासन को पत्र लिखकर की जनरल प्रमोशन की मांग

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जब दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा स्थगित की गई थी तब कोरोना के मरीज नगण्य थे। दसवीं में तो जनरल प्रमोशन दे दिया गया था लेकिन अब जब मरीजों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है,ऐसे में 12वीं की परीक्षा कराना कितना उचित है? बच्चों की जिंदगी दांव पर लगाकर परीक्षा आयोजित कराने को कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने अनुचित ठहराते हुए 12वीं परीक्षा स्थगित करने की मांग की है।

विधायक प्रवीण पाठक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा है कि देश के साथ समूचा प्रदेश कोरोना की लड़ाई लड़ रहा है। भले ही सरकार ने लोगों की जरूरत और रोजगार को ध्यान में रखते हुए बाजार खोल दिए हैं, लेकिन छात्रों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए स्कूल कोचिंग और शिक्षण संस्थान अभी भी बंद है। इस विषम परिस्थिति मेें देश के भविष्य को सुरक्षित रखने की जरूरत नहीं है इस संकट के समय सरकार 12वीं के छात्रों को परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है।

विद्यार्थियों के साथ ये खिलवाड़ किसी भी घर के चिराग को बुझा सकती है। इतने बच्चों को एक साथ आने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी संभव नजर नहीं आता है। इजराइल मेें सरकार की गलती की वजह से 7 हजार छात्र एवं उनके परिजन भुगत रहे हैं। इजराइल की भांति मध्यप्रदेश में यदि विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव होते हैं तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। सरकार की थोड़ी सी लापरवाही मध्यप्रदेश का नाम इतिहास में कंलक के रूप में दर्ज करा सकती है। विधायक प्रवीण ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मांग की है कि वे विद्यार्थियों के प्रति अपनी संवेदना दिखाते हुए दसवीं की भांति बारवहीं कक्षा में भी जनरल प्रमोशन दें, ताकि छात्र आपको हमेशा संवेदनशील मुख्यमंत्री के रूप में याद कर सकें।

30 जून से पहले नहीं खुलेेंगे स्कूल...

उधर मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने 7 जून के स्कूलों में अवकाश के आदेश को बढ़ाते हुए अब 30 जून तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। जुलाई में स्कूल खुलेंगे या नहीं समय पर और परिस्थितियों के आधार पर जून माह के अंत में स्कूल शिक्षा विभाग इसका निर्णय करेगा, हालांकि किताब और स्कूल यूनीफॉर्म विक्रेता ने अपने स्टॉक फुल कर लिया है और उन्हें स्कूल खुलने का पूरा भरोसा है।

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