चंबल सूखने पर भी ग्वालियर को मिलता रहे पानी, ऐसी कर रहे प्लानिंग
चंबल सूखने पर भी ग्वालियर को मिलता रहे पानी, ऐसी कर रहे प्लानिंग Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : चंबल सूखने पर भी ग्वालियर को मिलता रहे पानी, ऐसी कर रहे प्लानिंग

Deepak Tomar

हाइलाइट्स :

  • निगमायुक्त ने निगम अधिकारियों के साथ किया कोतवाल बांध का निरीक्षण।

  • कोतवाल बांध से ग्वालियर को 150 एमएलडी पानी प्रतिदिन लेने की योजना।

  • चंबल के पानी को ग्वालियर लाने के लिए 300 करोड़ की योजना पर हो रहा काम।

  • डीपीआर तैयार होते ही सामने आ जाएगी प्रोजेक्ट की सही राशि।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर की बढ़ती हुई आबादी को प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराना सबसे बनी चुनौती बना हुआ है। शासन द्वारा चंबल का पानी ग्वालियर लाने की योजना पर काम किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनवाई जा रही है। लेकिन अधिकारियों का मानना है कि अगर चंबल में ही पानी नहीं रहा तो पूरी योजना ही व्यर्थ हो जाएगी। इसे देखते हुए अब ऐसी प्लानिंग की गई है जिसमें भविष्य में चंबल में पानी कम होता है तब भी ग्वालियर को प्रतिदिन 150 एमएलडी पानी मिलता रहे। यह पानी चंबल कैनाल से लिया जायगा, जिसमें जौरा के आगे बने बागरा बांध से पानी आता है। गुरूवार को निगमायुक्त किशोर कन्याल ने पीएचई अधिकारियों के साथ कोतवाल बांध का निरीक्षण कर विभिन्न दिशा निर्देश दिए।

चंबल से पानी लाने वाली योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) एजिस इंडिया लिमिटेड कंपनी के डिजाईनरों द्वारा तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट में कोतवाल बांध से मोतीझील तक पानी लाने के लिए पाईप लाईन डालने एवं पंपिग स्टेशन बनाने सहित अन्य कार्य किए जाने हैं। इन कार्यों पर लगभग 300 करोड़ रूपए खर्च होंगे। नगर निगम के पीएचई अधिकारियों द्वारा पिछले दिनों की गई समीक्षा बैठक में चंबल से पानी लाने वाले प्रोजेक्ट पर चर्चा की। इसमें बताया गया कि चंबल से धौलपुर को पानी दिया जाता है। अब मुरैना जिले को भी चंबल का पानी दिया जाना है। इसके बाद ग्वालियर को प्रतिदिन 90 एमएलडी पानी गर्मियों के मौसम में मिलना संभव नहीं दिखता। कई बार चंबल सूख जाती है और जिससे पानी मिलने में संकट हो सकता है। अगर चंबल में पानी नहीं रहा तो हमारा 300 करोड़ का प्रोजेक्ट बेकार हो जाएगा। अधिकारियों ने सुझाव दिया कि हम ऐसा प्रोजेक्ट बनाए जिसमें भविष्य की प्लानिंग हो। अगर चंबल में पानी नहीं रहा तब भी ग्वालियर को कैसे पानी मिले इस पर विचार किया जाए। इसे देखते हुए पीएचई अधीक्षण यंत्री आरलएसएस मौर्य ने इस प्रोजेक्ट में एक नई कड़ी को जोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि हम कोतवाल बांध से मोतीझील तक 150 एमएलडी की पाईप लाईन डालेंगे। हमें 2050 तक चंबल से 150 एमएलडी पानी की दरकार होगी, इसलिए हम अभी से इसकी प्लानिंग करके चलेंगे। हमें 90 एमएलडी पानी चंबल नदी से लेंगे और 60 एमएलडी पानी चंबल कैनाल से लिया जाएगा जो बागरा बांध से जुड़ी हुई है। अगर चंबल सूख भी जाती है तो हमें चंबल कैनाल से पर्याप्त पानी मिलेगा। इस प्लानिंग को अमल में लाने के लिए निगमायुक्त किशोर कन्याल ने गुरूवार को कोतवाल बांध, सहित चंबल नदी के आसपास के क्षेत्र का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान अधीक्षण यंत्री पीएचई आरएलएस मौर्य, कार्यपालन यंत्री आरके शुक्ला, कार्यपालन यंत्री जागेश श्रीवास्तव, जल संसाधन विभाग के एसडीओ, ईई सहित कोतवाल डेम व चम्बल का निरीक्षण किया।

कुंडलपुर बांध सहित अन्य स्थल भी देखे :

निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त ने कोतवाल डेम से 60 एमएलडी पानी लिये जाने के स्थान को देखा तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही निर्देशित किया कि कोतवाल डेम से मोतीझील तक लाये जाने वाले पानी की डीपीआर शीघ्र बनाकर प्रदेश सरकार को भिजवायें। जिससे आगे की कार्यवाही शीघ्र की जा सके। साथ ही उन्होंने मुरैना जिले के कुंडलपुर डेम, गोठिया पूरा और देवरी की साइडों का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुरैना जिले के अधिकारी भी शामिल थे।

इनका कहना है :

चंबल से पानी लाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। हमारा प्रयास यह है कि हम इस प्रोजेक्ट को सभी दृष्टिकोण से देखते हुए पास करें। चंबल नदी में गर्मियों के मौसम में पानी कम हो जाता है। इस स्थिति में हमें कैसे पानी मिलेगा इस बिंदू पर गौर करते हुए पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाई जा रही है। हमने अधिकारियों को जल्द से जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
चंबल से पानी लाने वाली योजना शहर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 2050 में शहर की जो आबादी होगी उसे प्रतिदिन पानी पिलाना बहुत ही चुनौती पूर्ण कार्य होगा। पानी की सर्वाधिक आवश्यकता गर्मी में पड़ती है और इसी सीजन में चंबल नदी का जल स्तर बहुत कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में हमें पानी कहां से मिलेगा यह देखना भी आवश्यक है। हम लोगों को प्यासा तो नहीं छोड़ सकते। यही वजह है कि हमने इस प्रोजेक्ट में चंबल कैनाल से पानी लेने के बिंदू को जोड़ दिया है। चंबल कैनाल बागरा बांध से निकलती है और इसमें पूरे साल पर्याप्त पानी रहता है। अगर चंबल नदी में पानी कम हो भी जाएगा तो हम प्रतिदिन 150 एमएलडी पानी चंबल कैनाल से ले सकते हैं। इसी प्लानिंग पर अब काम कर रहे हैं।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री, पीएचई, नगर निगम

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