भाजपा में अलग-थलग पड़े अनूप समाज में सक्रिय
भाजपा में अलग-थलग पड़े अनूप समाज में सक्रिय Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : भाजपा में अलग-थलग पड़े अनूप समाज में सक्रिय

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। चुनाव हारने एवं अपनी बेवाक बयानबाजी और गतिविधियों की वजह से भाजपा में अलग-थलग पड़े अंचल के दंबग नेता अनूप मिश्रा इन दिनों खुद के वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे इन दिनों लगातार सक्रिय रहकर अपने लिए नई जमीन तैयार करने में लगे हैं। उनके बगावती तेवर देखकर एक राजनीतिक दल ने तो बाकायदा उन्हें पत्र लिखकर अपनी पार्टी में आने का न्यौता दिया है, लेकिन अनूप मिश्रा इस समय राजनीति से 'यादा समाज के बीच सक्रिय हैं। कभी वे मंदिर मठों की पैरवी करते नजर आते हैं तो कभी हाथ ठेला वालों के लिए तो कभी सब्जीमंडी आड़तियों के लिए धरना देते नजर आते हैं। दो दिन से वे ब्राह्मण सभा के कार्यक्रम में मास्क बांटते नजर आ रहे हैं।

प्रदेश सरकार में कई मंत्रालय बखूबी संभाल चुके पूर्व प्रधानमंत्री अनूप मिश्रा की कभी अंचल में तूती बोलती थीं, लेकिन इस बार जबसे वे चुनाव हारे हैं, राजनैतिक हसिए पर चले गए हैं। पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने महाराष्ट्र का सहप्रभारी बनाया, लेकिन अनूप मिश्रा की पार्टी में फिलहाल कोई पूछपरख नहीं हैं, जिससे वे खुद का वजूद कायम रखने के लिए अपने को सक्रिय बनाए हुए हैं, जो भी उनके पास अपनी समस्या लेकर पहुंचता है, वे न सिर्फ उनका साथ देते हैं बल्कि खुद अगुआ बनकर नेतृत्व करते हैं। मकर संक्राति से पूर्व जब एक मठ पर भूमाफियाओं के कब्जे की बात आई तो अनूप मिश्रा के विरोध के बाद वे सरेंडर हो गए। ठेला चालकों को जब हटाया जा रहा था तो अनूप की पहल पर प्रशासन ने उन्हें व्यवस्थित करने का आश्वासन दिया। पिछले दिनों अनूप के धरने के बाद लक्ष्मीगंज सब्जीमंडी की शिफ्टिंग रुक गई, हालांकि यह अलग बात है कि वहां अब व्यवस्था बिगड़ रही है और भीड़ अनियंत्रित हो रही है। पिछले दिनों ब्राह्मण सभा मुरार ने उन्हें होली मिलन समारोह का मुख्यअतिथि बनाया, लेकिन प्रशासन ने जब आयोजन की अनुमति नहीं दी तो अनूप के कहने पर ही उक्त ब्राह्मण संगठन मास्क बांटकर लोगों को जागरुक कर रहा है। शनिवार को खुद अनूप मुरार ब्राह्मण सभा के पदाधिकारियों के साथ गोला का मंदिर पर मास्क बांटते नजर आए। अनूप की यह सक्रियता राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है और कई नेताओं के पेट में पानी कर रही है, क्योंकि विधानसभा चुनाव मेें अब बहुत 'यादा वक्त नहीं हैं। भाजपा में यदि उनकी पूछपरख नहीं हुई तो वे भी सतीश सिंह सिकरवार की तरह पाला बदल सकते हैं?

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT