रिहायशी बस्तियों में कैसे चल रही है व्यवसायिक गतिविधियां?
रिहायशी बस्तियों में कैसे चल रही है व्यवसायिक गतिविधियां? Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर: रिहायशी बस्तियों में कैसे चल रही हैं व्यवसायिक गतिविधियां?

Author : Deepika Pal

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। शहर की रिहायशी बस्तियों में व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन के साथ ही अवैध रूप से निर्माण का काम किया जा रहा है। ऐसे कामों पर रोक लगाने के लिए क्या किसी को भोपाल शिकायत करने की जरूरत पड़ेगी, क्या नगर निगम के अधिकारी शिकायतों पर कार्यवाही नहीं करते? इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर जवाब मांगा है।

शहर की रिहायशी कॉलोनियों व घनी बस्तियों में मैरिज गार्डन, अस्तपाल, कोचिंग अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जबकि उनके ऐसे इलाको में संचालन पर पूरी तरह से रोक है। ग्वालियर में ऐसे कई इलाके है जहां व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं और उनको लेकर नगर निगम के पास शिकायत भी की जाती है, लेकिन कार्यवाही नहीं होती। ऐसे ही मामले को लेकर नेहरू कॉलोनी निवासी योगेन्द्र सिंह, एडवोकेट संजय द्विेदी एवं उरवाई गेट विनय नगर निवासी शीला कुशवाह ने नगर निगम के अधिकारियों को शिकायत की, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर उन्होंने इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को शिकायत भेजी थी।

नगरीय प्रशासन एवं विकास को मिली शिकायतों के बाद वहां के कार्यपालन यंत्री जीवेन्द्र सिंह ने निगमायुक्त को पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया है कि योगेन्द्र सिंह शहर की रिहायशी बस्तियों में कोचिंग क्लासेंस, मैरिज गार्डन, स्कूल एवं अस्पताल खुले होने की शिकायत की है, इस संबंध में नगर निगम को भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। क्यों?

इसके साथ ही एडवोकेट संजय द्विवेदी ने भी शिकायत करते हुए कहा था कि वार्ड 43 टोपी बाजार में व्यवसायिक तलघरो में वाहनों की अवैध पार्किंग की जा रही है, शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं श्रीमती शीला कुशवाह ने शिकायत भेजी थी जिसमें कहा गया है कि आहूखाना कला सर्वे क्रमांक 406/407 पत्रकार कॉलोनी तिकोनिया पार्क माता के मंदिर के पीछे विनय नगर, वार्ड 3 में भूमि विवाद होने से प्रकरण उच्च न्यायालय मेें है, लेकिन वहां भू माफिया अजीत चावला एवं यशपाल चावला निवासी माधवगंज ने उक्त भूमि पर बिना भवन निर्माण की अनुमति लिए अवैध निर्माण किया जा रहा है। इस संबंध में शिकायत की गई तो उस पर कार्यवाही नहीं की गई। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल से निगमायुक्त के भेजे पत्र में साफ निर्देश दिए हैं कि उक्त प्रकरणों के संबंध में स्थल पर जाकर निरीक्षण करें और नियमानुसार कार्यवाही करें।

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