ग्रामीण को मजबूत करने कांग्रेस ने बनाए कार्यकारी अध्यक्ष
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मध्य प्रदेश

MP उपचुनाव: ग्रामीण को मजबूत करने कांग्रेस ने बनाए कार्यकारी अध्यक्ष

राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में उप चुनाव से पहले कांग्रेस ने पूर्व मंत्री इमरती देवी को डबरा में घेरने के लिए रणनीति बनाकर सभी वर्गो को साधने का काम किया है। ग्रामीण कांग्रेस में अध्यक्ष अशोक सिंह को सहयोग करने के लिए चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने यह संदेश देने का काम किया है कि उप चुनाव में इमरती को घेरने की पूरी तैयारी है। ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर के सिंधिया के साथ जाने के बाद वहां की जिम्मेदारी अशोक सिंह को देकर यह जता दिया था कि कांग्रेस संगठन को हर स्तर पर मजबूत कर उप चुनाव में उतरेगी।

सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस नेता हुए सक्रिय

सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद जिले में कांग्रेस के ऐसे नेता अब सक्रिय हो गए है जो सालों से घर बैठे हुए थे, क्योंकि उनको सिंधिया की वजह से कांग्रेस में कोई स्थान नहीं मिल पाता था। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र के रंगनाथ तिवारी सालों से उपेक्षित रहकर कांग्रेस में काम कर रहे थे, लेकिन अब उनको कांग्रेस ने इनाम देकर कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है।

पुराने कांग्रेसियो को मिल रहा है खासा महत्व

ग्रामीण कांग्रेस अभी तक सिर्फ मोहन सिंह एकछत्र रूप से चला रहे थे जिसके कारण वहां कांग्रेस न होकर सिंधिया कांग्रेस ही थी। राठोर के जाने के बाद अशोक सिंह को ग्रामीण का जिम्मा दिया गया था उसी समय लगने लगा था कि कांग्रेस अब संगठन को मजबूत कर ही उप चुनाव में जाएगी और पुराने कांग्रेसियों को खासा महत्व मिलेगा। यही कारण है कि अब अशोक सिंह की मदद करने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने ग्रामीण कांग्रेस में चार कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए है। कार्यकारी अध्यक्ष बनाते समय कांग्रेस ने जातिगत समीकरणो का भी खासा ध्यान रखा है। ग्रामीण कांग्रेस में रंगनाथ तिवारी, कल्याण सिंह कंसाना, सुल्तान रावत एवं सुरेशराजे जाटव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर एक तरह से पूर्व मंत्री इमरती देवी को घेरने की रणनीति बनाकर कांग्रेस आगे बढ़ रही है।

लंबे समय से उपेक्षित थे रंगनाथ

ग्रामीण क्षेत्र में ब्राह्मण वर्ग से आने वाले रंगनाथ तिवारी लंबे समय से कांग्रेस में उपेक्षित थे, क्योंकि उनको सिंधिया पसंद नहीं करते थे जिसके कारण एक तरह से वह शांत होकर घर बैठे हुए थे। अब सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद रंगनाथ को कांग्रेस ने सक्रिय कर उनको इनाम देने का काम कर एक तरह से उनके अनुभव का लाभ लेने का काम किया है। इसी तरह से सुरेशराजे जाटव का भी क्षेत्र में खासा असर है जिसका लाभ कांग्रेस को उप चुनाव में मिल सकता है। इस तरह चारो कार्यकारी अध्यक्ष मिलकर अशोक सिंह का सहयोग कर एक तरह से उनको अन्य इलाको में काम करने के लिए फुर्सत दे सकते हैं, क्योंकि अशोक सिंह पोहरी एवं करैरा पर भी खासा ध्यान देगें।

शहर में भी हो सकता है बदलाव

ग्रामीण कांग्रेस में जिस तरह से कांग्रेस ने चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस को सक्रिय करने का काम किया है उसी तर्ज पर अब शहर कांग्रेस में भी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। शहर कांग्रेस अध्यक्ष की निष्क्रियता को लेकर कांग्रेसी कमलनाथ से शिकायत कर चुके हैं, जिसके कारण संभावना जताई जा रही है कि निष्क्रियता वाले अध्यक्षों को जल्द ही बदला जा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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