20 हजार 92 लोगों को काटा स्ट्रीट डॉग्स ने
20 हजार 92 लोगों को काटा स्ट्रीट डॉग्स ने Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : इस वर्ष अधिक खूंखार हुए कुत्ते, 20 हजार 92 लोगों को काटा

Manish Sharma

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर से लेकर गांव तक कुत्तों के हमले में घायल होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा दिखने को मिल रहा है। डॉक्टर, खूंखार हो रहे कुत्तों से बचकर रहने का सुझाव दे रहे हैं। यदि हम पिछले वर्ष की बात करें तो कुत्तों ने 15 हजार 491 लोगों को अपना शिकार बनाया था। वहीं इस वर्ष कुत्ते अब तक 20 हजार 92 लोगों को काट चुके हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रति वर्ष कुत्ते कितने खूंखार हो रहे हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि बहुत से लोग कुत्ता लेकर आते हैं और उसे घर के एक कोने में बांध देते हैं। ऐसे कुत्ते लोगों के साथ बेहद कम घुल-मिल पाते हैं और बंधे होने के कारण वे आक्रामक हो जाते हैं। कुत्तों के आक्रामक होने का एक कारण खान-पान का असंतुलित होना भी है। कई बार घरों में कुत्तों को उनकी खुराक से अधिक खाना दे दिया जाता है, या फिर उनका वर्क-आउट उस अनुपात में नहीं होता है। ऐसे में शारीरिक ऊर्जा का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता और यह भी उन्हें आक्रामक बना देता है। वहीं नगर निगम भी आवारा कुत्तों को पकड़ने की मुहिम नहीं चला रहा है। इस वजह से आवारा कुत्ते सड़क पर घूमने वाले बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपना शिकार बना रहे हैं।

घुमाते समय मुंह में मजल लगाएं :

डॉक्टरों का कहना है कि काटने की प्रवृत्ति विदेशी या देशी कुत्ते में कभी भी पैदा हो सकती है। लेकिन, विदेशी कुत्ते जर्मन शेर्फड, ग्रेट डेन, बॉक्सर, रॉटविलर सहित अन्य को जब भी कुत्ते का स्वामी घुमाने ले जाए तो उसके मुंह पर मजल (मुछीका) लगाना चाहिए। गली-मोहल्ले और सड़कों पर घूमने वाले देशी कुत्तों की उनके मुंह पर मजल लगाना बेहद मुश्किल है। घरों में विदेशी कुत्ते पालने वाले स्वामी को चाहिए कि वह खूंखार कुत्तों को घर में जंजीर बांधकर रखें और खुला न रखे। उनको प्रतिदिन कम से कम तीन किलोमीटर दौड़ाए और मुंह पर मजल तथा गले में जंजीर बांधकर बाहर ले जाएं।

यह बरतें सावधानी :

  • कुत्ता कुछ खा पी रहा हो तो उसके पास न जाएं।

  • अगर कुत्ते के पिल्ले उसके साथ हों तो नजदीक न जाएं।

  • कुत्ते आपस में लड़ रहे हों तो भी उनसे दूर रहें।

  • सोते हुए कुत्ते को किसी भी हालत में न छेड़ें।

  • कुत्तों के एकदम नजदीक से भागदौड़ न करें।

  • बच्चों को भी बताएं, कुत्तों के कान और पूंछ आदि न खींचें।

जेएएच के पीएसएम विभाग में किस माह पहुंचे कितने मरीज :

(नोट : दिसम्बर का आंकड़ा शनिवार तक का है।)

कुत्ते के काटने पर क्या करें?

डॉक्टरों के अनुसार, जब किसी मनुष्य को कुत्ता काट लेता है तो पीड़ित को तुरंत साफ पानी और साबुन से उस जगह को अच्छे से धो लेना चाहिए। क्योंकि कुत्तों के लार में रेबीज नामक कीटाणु होते हैं, जो जानलेवा होते हैं। इसलिए कुत्ते के काटने के बाद इंजेक्शन लगवाना बहुत ही जरूरी होता है और वैक्सीन की पूरी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। कुत्ते के काटने के बाद इंजेक्शन नहीं लगाने से मौत हो सकती है। पशु चिकित्सकों की मानें तो पालतू कुत्तों की अपेक्षा स्ट्रीट डॉग को रेबीज होने का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि इनका टीकाकरण नहीं किया जाता।

इनका कहना है :

कुत्ते के काटने पर लोगों को हल्दी, चूना और नमक के भरोसे नहीं रहना चाहिए। तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मेरा सभी बच्चों के माता-पिता से आग्रह है कि वह बच्चों को कुत्ते को रोटी खिलाने नहीं पहुंचायें। क्योंकि कुत्तों का व्यवहार कभी भी बदल सकता है और वह प्रहार कर देता है। इन दिनों ओपीडी में कुत्तों के काटे हुए बच्चे अधिक पहुंच रहे हैं।
डॉ. मनोज बंसल, पीएसएम विभाग, जीआर मेडिकल कॉलेज
हमारे पास इस समय एंटी रैबीज के 1340 इंजेक्शन उपलब्ध हैं। जो करीब दो महीने तक चलेंगे। आगे का ऑर्डर लगा दिया है जल्द ही वह भी आ जाएंगे।
डॉ. देवेन्द्र सिंह कुशवाह, मेडिसिन स्टोर प्रभारी, जयारोग्य चिकित्सालय समूह

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