चुनाव 11 माह दूर, दावेदार अभी से तलाश रहे जमीन
चुनाव 11 माह दूर, दावेदार अभी से तलाश रहे जमीन सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Gwalior : चुनाव 11 माह दूर, दावेदार अभी से तलाश रहे जमीन

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अभी 11 माह का समय है, लेकिन नेताओं में चुनावी हलचल होने लगी है और दावेदार अपने लिए जमीन की तलाश अभी से करने में जुट गए हैं। वैसे भाजपा की तरफ से ग्वालियर विधानसभा में तस्वीर साफ दिखाई दे रही है, लेकिन ग्वालियर पूर्व व दक्षिण विधानसभा में भाजपा नए लोगों पर दांव लगा सकती है, ऐसे में दोनों ही विधानसभा क्षेत्रो में भाजपा के संभावित दावेदार अभी से जनता के बीच की आवाज को सुनने का प्रयास कर रहे हैं साथ ही जातीय समीकरण का भी आंकड़ा देख रहे हैं।

ग्वालियर शहर में तीन विधानसभा सीट आती है। इसमें से भाजपा के खाते में फिलहाल एक सीट है, जबकि दो सीट कांग्रेस के खाते में है। ऐसे में कांग्रेस के वर्तमान विधायकों को बदलना संभव नहीं दिख रहा, जबकि ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस जरूर मजबूत दावेदार खोज रही है और इसको लेकर वहां कुछ नए दावेदार भी सक्रिय हो गए है। कांग्रेस के अंदरखाने में चर्चा है कि ग्वालियर विधानसभा क्षत्रिय बाहुल्य सीट है ऐसे में वहां ऊर्जा मंत्री को कोई टक्कर दे सकता है तो वह क्षत्रिय प्रत्याशी ही कांग्रेस की तरफ से होना चाहिए। वैसे वहां उप चुनाव में हार के बाद से ही कांग्रेस नेता सुनील शर्मा लगातार मेहनत कर रहे है और हर मुद्दे पर धरना-आंदोलन भी करने में लगे हुए है, ऐसे में सुनील शर्मा अपना टिकट पक्का मान कर चल रहे है, लेकिन कांग्रेस के अंदरखाने कुछ अलग ही चल रहा है। अब भाजपा की बात करें तो उनके पास दो विधानसभा क्षेत्र ऐसे है जहां उनको प्रत्याशी तय करना होगा, क्योकि ऊर्जा मंत्री का टिकट करीब-करीब पक्का माना जा रहा है। अब ग्वालियर पूर्व व दक्षिण में भाजपा के दावेदार सक्रिय होकर अपने लिए जमीन तलाश रहे है और यह पता लगाने का काम कर रहे है कि अगर वह मैदान में आते है तो क्या परिणाम रहेगा।

सतीश-प्रवीण पक्के, ग्वालियर में संशय :

कांग्रेस की बात करें तो ग्वालियर पूर्व से डॉ. सतीश सिंह सिकरवार व दक्षिण से प्रवीण पाठक का टिकट पक्का माना जा रहा है और वह उसके हिसाब से अपनी तैयारी भी कर रहे है। दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक पिछले दो माह से क्षेत्र के हर घर में जाने का क्रम बनाए हुए हैं, जिसके कारण उन्होंने तो अपनी तैयारी पिछले दो माह से ही कर दी है। अब ग्वालियर विधानसभा में जरूर कांग्रेस को टिकट तय करने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि कांग्रेस नेताओं का जो फीडबैक भोपाल पहुंचा है उसके मुताबित यह बताया गया है कि ऊर्जा मंत्री के खिलाफ कोई क्षत्रिय नेता को ही मैदान में उतारना चाहिए। इसको लेकर राजेन्द्र नाती व योगेन्द्र सिंह तोमर के नाम चर्चाओं में है तो पर उनको लेकर भी अभी से कुछ कहना मुश्किल माना जा रहा है, क्योकि कांग्रेस इस विधानसभा से किसी तगड़े कांग्रेस नेता के नाम का ऐलान भी कर सकती है।

दक्षिण व पूर्व में भाजपा दावेदार ले रहे टोह :

दक्षिण विधानसभा में भाजपा की तरफ से नारायण सिंह कुशवाह प्रबल दावेदार माने जा रहे है, लेकिन उनके नाम पर सहमति होना तय नहीं माना जा रहा है। इसके अलावा दक्षिण से पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, सांसद शेजवलकर के पुत्र प्रांशु शेजवलकर, सभापति मनोज तोमर के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी भी अपने लिए प्रयास में जुट गए है। वहीं अनूप मिश्रा भी दक्षिण व पूर्व में अपने लिए जमीन तलाश रहे है। दक्षिण से एक नाम पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का भी चर्चाओं में है, लेकिन क्या वह वहां के लिए तैयार होगें यह उनके ऊपर निर्भर रहेगा। अब बात करें तो ग्वालियर पूर्व से सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल सक्रिय बने हुए है, लेकिन उप चुनाव में हार के बाद उनके नंबर कम माने जा रहे है ऐसे में भाजपा की तरफ से जय सिंह कुशवाह, आशीष अग्रवाल भी टिकट की दावेदारी करने में लगे हैं। वैसे इस विधानसभा से भाजपा किसी नए नाम पर भी मैदान में आ सकती है। भाजपा में जहां टिकट मिलने के बाद नेता शांत होकर काम करने लगते है वहीं कांग्रेस के अंदर टिकट कटते ही वह नेता विरोध में आ जाते है। यही कारण है कि कांग्रेस चुनाव से काफी पहले नाम तय करने का मन बना रही है, ताकि समय मिलने से नाराज नेताओं को मनाया जा सके। खैर चुनाव को अभी 11 माह का समय है, लेकिन टिकट के दावेदार अभी से अपने लिए जमीन तलाश करने में जुट गए है।

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