निरीक्षण करते और लोगों से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री
निरीक्षण करते और लोगों से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : नंगे पैर चलकर बन रही सड़क का किया ऊर्जा मंत्री ने निरीक्षण

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह को लेकर भले ही विपक्षी नाटक-नौटंकी करने का आरोप लगाते है, लेकिन वह इसकी चिंता न करते हुए अपने काम में लगे रहते है।यही कारण है कि जब ऊर्जा मंत्री ने गेंडेवाली सड़क, लक्ष्मण तलैया वाली सड़क का निरीक्षण किया था तो उसकी बदहाली को देखकर खासे नाराज हुए थे और उसी समय उन्होंने सड़क न बनने तक नंगे पैर रहने का संकल्प लेते हुए जूते-चप्पल त्याग दिए थे। नंगे पैर रहने का संकल्प लेने के बाद सड़क का काम शुरू हो गया तो रविवार को सुबह ही वह उस सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे।

ऊर्जा मंत्री तोमर रविवार को भोपाल से ग्वालियर पहुंचकर सुबह 6 बजे नंगे पैर गेंडेवाली सड़क, लक्ष्मण तलैया वाली सड़क, फूलबाग से सेवा नगर वाली निर्माणाधीन सड़क का किया निरीक्षण किया। इस दौरान आसपास रहने वाले लोगों के संग भी बैठे और उनसे हालचाल पूछा। ऊर्जा मंत्री वैसे भी भोपाल से जब भी ग्वालियर आते है तो अधिकांश बार वह घर जाने की जगह क्षेत्र में लोगों की समस्याएं जानने पहुंचते रहे है और इसी कड़ी में रविवार को वह भोपाल से ग्वालियर आए तो घर जाने की जगह सीधे सड़क निर्माण का निरीक्षण करने पहुंचे। सड़क पर नंगे पैर चलकर उन्होंने निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

ऊर्जा मंत्री ने रविवार को गेंडेवाली सड़क का निर्माण कार्य, लक्ष्मण तलैया वाली रोड और सेवा नगर वाली निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री तोमर ने सड़क निर्माण कार्य में पीएचई की लाइन और कई निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान आसपास रहने वाले लोगों के यहां भी वह चबूतरे पर बैठे और लोगों से चर्चा कर उनके हालचाल पूछने का काम किया।

आखिर मंत्री होने के बाद त्याग क्यो करना पड़ता है :

प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री होने के बाद भी अगर उनके निर्देश पर काम नहीं किया जा रहा है तो फिर विपक्ष सवाल उठाएगा ही, लेकिन इन सवालो की ऊर्जा मंत्री कोई चिंता नहीं करते है,बल्कि जिस तरह से वह अभी तक की राजनीति में चलते आएं है उसी राह पर चलने का काम कर रहे है। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि जब मंत्री को ही जूते-चप्पल त्यागना पड़े तो यह कहा जा सकता है कि उनकी बात को अधिकारी महत्व नहीं दे रहे है और अगर ऐसा है तो वह नंगे पैर रहने का संकल्प लेते है तो उससे सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर रहे है, लेकिन उनके इस त्याग का असर यह रहा है कि अधिकारी तत्काल सक्रिय हो गए और जिस सड़क का उन्होने निरीक्षण किया था वह तत्काल बनने भी लगी है, क्योंकि मंत्री का सड़क निर्माण को लेकर निर्देश का पालन न करने के बाद उन्हे नंगे पैर रहने का संकल्प लेने से संबंधित अधिकारी पर कभी भी गाज गिर सकती है, क्योंकि प्रद्युम्न का संकल्प है कि किसी भी तरह से जनता को परेशान नहीं होने देना है और अगर जनता परेशान है तो वह स्वंय भी परेशान रहेंगे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT