महिलाएं हो रहीं शोषण का शिकार
महिलाएं हो रहीं शोषण का शिकार सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

नगर निगम में हो रहा महिला कर्मचारियों का शोषण, वायरल रिकॉर्डिंग से खुलासा

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • मामला, सहायक आयुक्त नागेन्द्र गुर्जर एवं स्टेनों की बातचीत का

  • जन्म मुत्यु विभाग के उपायुक्त प्रदीप श्रीवास्तव पर लगाए गए हैं आरोप

  • निगम में पहले भी महिलाओं के शोषण के मामले आते रहे हैं सामने

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगर निगम के विभिन्न विभागों में पदस्थ महिला कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है। विभागों के मुखिया उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं और उसका खुलासा सहायक आयुक्त नागेन्द्र गुर्जर एवं उनके स्टेनों करण की वायरल हुई रिकॉर्डिंग में भी हो चुका है। करण ने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के उपायुक्त प्रदीप श्रीवास्तव के एक महिला कर्मचारी से संबंध होने एवं दूसरी से प्यार भरी बातों के मैसेज भेजने की बात कही है। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह के मामले सामने आए हो। इससे पहले भी लेखा शाखा से जुड़े एक अधिकारी का मामला उजागर हुआ था। इससे निगम की छवि धूमिल हो रही है।

प्रदेश स्तर पर नगर निगम ग्वालियर की छवि लगातार धूमिल हो रही है। छवि बिगडऩे की शुरूआत पूर्व सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को ईओडब्लू द्वारा 5 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने से हुई थी। इसके बाद सम्पत्तिकर में पदस्थ टीसी योगेन्द्र श्रीवास्तव का वीडियो वायरल हुआ जिसमें 60 हजार रुपये की रिश्वत लेने का खुलाया हुआ। तीसरा मामला सहायक आयुक्त नागेन्द्र गुर्जर का था जिसमें उनके स्टेनों करण से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ। इस ऑडियो में करन एवं नागेन्द्र गुर्जर की 17 मिनिट की बात चीत है जिसमें दोनों के बीच जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के प्रभारी एवं निगम उपायुक्त डॉ. प्रदीप वर्मा की ठुकाई करने एवं हरिजन एक्ट लगाने की चर्चा हो रही है। इसी रिकॉर्डिंग में करण यह कहते सुनाई दे रहा है कि डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव के एक महिला कर्मचारी के साथ संबंध हैं और दूसरी को वह अश्लील मैसेज भेजते थे जिसके स्क्रीन शॉट उसके पास मौजूद हैं। इसके अलावा प्रदीप श्रीवास्तव की मारपीट के लिए पूरी प्लानिंग बनाने की चर्चा भी ऑडियों में शामिल है। इस ऑडियो से यह साफ हो गया है नगर निगम में पदस्थ अधिकारी अपने विभाग में पदस्थ महिला कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह का प्रकरण सामने आया हों। इससे पहले लेखा शाखा में पदस्थ विनियमित महिला कर्मचारी के साथ उसके पति की बहस हुई थी और उसमें बताया गया कि महिला डेढ़ महीने से अपने घर नहीं जा रही थी। वह अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए गेस्ट हाउस में रहती थी। इस मामले में काफी तूल पकड़ा था लेकिन बाद में मामला दबा दिया गया।

एक दर्जन से अधिक अधिकारी हैं शौकीन मिजाज :

नगर निगम में पदस्थ कई अधिकारियों पर शारीरिक शोषण के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि अधिकारिक रूप से कभी किसी ने इस संबंध में शिकायत नहीं की। लेकिन अंदरूनी तौर पर महिला कर्मचारियों के साथ अधिकारियों के नाम जुड़ते रहे हैं। कुछ महीनों पहले एक चर्चा चली थी जिसमें बताया गया था कि एक गिरोह नगर निगम में काम कर रहा है जो महिलाओं के जरिए अधिकारियों को ब्लेकमेल करता है। अधिकारी आसानी से इस गिरोह की गिरफ्त में आ जाते हैं और हर महीने हजारों रुपये संबंधित गिरोह के सदस्य को देने पड़ते थे।

उपायुक्त ने नहीं की शिकायत :

ऑडियो वायरल होने के साथ ही वरिष्ठ निगम अधिकारियों ने उपायुक्त को शिकायत दर्ज करने के विषय में पूछा था। लेकिन उपायुक्त ने इंकार कर दिया। शनिवार को भी इस संबंध में जब उनसे चर्चा की गई तो उपायुक्त ने कहा कि मुझे किसी के खिलाफ शिकायत नहीं करानी। शासन स्तर पर जो कार्यवाही होना होगी वह हो जायगी।

इनका कहना है :

इस संबंध में हमारे पास उपायुक्त ने कोई शिकायत नहीं दी है। अगर वह शिकायत कराते हैं अवश्य ही जांच कराकर कार्यवाही करेंगे।
नरोत्तम भार्गव, प्रभारी निगमायुक्त
मुझे इस संबंध में कोई शिकायत नहीं करनी। किसने क्या कहा है इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है।
डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, उपायुक्त, नगर निगम

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