केआरएच में डॉक्टर व मरीज के परिजनों के बीच मारपीट
केआरएच में डॉक्टर व मरीज के परिजनों के बीच मारपीट Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : केआरएच में डॉक्टर व मरीज के परिजनों के बीच मारपीट

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। केआरएच में मारपीट की घटनाएं अब आम हो गई है। बुधवार को मरीज के परिजनो का डॉक्टरों के साथ विवाद हो गया तो अस्पताल में करीब एक घंटे से अधिक समय तक हंगामा चलता रहा । मृतक बच्चे के परिजन जब डॉक्टर से मारपीट कर रहे थे तो उसे बचाने के लिए सुरक्षा गार्ड आया तो उसको भी धून दिया। नाराज डॉक्टरों ने भी परिजनों की ठुकाई लगा दी। हंगामें से पूरे कमलाराजा अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। खबर सुनकर मौके पर जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़, बाल एंव शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ और डॉ. रवि अम्बे फौरन मौके पर पंहुचे,तब जाकर मामला शांत हुआ।

झगड़े और मारपीट की इस घटना को लेकर अब जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल प्रबंधन से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। इस अभद्रता से नाराज होकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने अभद्रता करने वाले परिजनों पर कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर जेएएच प्रबंधन को पत्र भी लिखा और इनका एक दल प्रबंधन के अधिकारियों से मिलने भी पहुंचा।

बच्चे की हालत थी गंभीर, परिजनों को थी जानकारी :

इस मामले में जेएएच प्रबंधन का कहना है कि 24 अक्टूबर की रात श्वेता पत्नी गया प्रसाद के बच्चे को सांस लेने में परेशानी के कारण भर्ती कराया गया था। इसकी हालत गंभीर थी इसी की वजह से यह बच्चा एसएनसीयू में भर्ती था मरीज के उपचार में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है, बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की गई। डॉक्टरों के साथ अभद्रता करने वाले परिजनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। बच्चे के जीवन को सुरक्षित करने के लिए उसे सीपीआर भी दिया गया, लेकिन उसकी सांसे शुरू नहीं हुई। इसकी जानकारी परिजनों को दी। गांव से जो उनके परिजन बाद में आए उन्होने अचानक हंगामा व मारपीट शुरू कर दी। हमारे पास इसके वीडियो फुटेज भी है। परिजनों में उमेश शर्मा व स्वयं को एसआई बताने वाले देवेंद्र शर्मा ने बिना बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री जाने हंगामा व मारपीट की।

इलाज में बरती लापरवाही, रात में डॉक्टर थे गायब :

मृतक बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की जान गई हैं। हमे कल से बताया गया कि बच्चे को कोई समस्या नहीं है। दवाईयां भी हमसे मंगवाई गई, लेकिन आज अचानक से सुबह हमे बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है। हम 24 घंटे से अस्पताल में ही थे, कल रात को डॉक्टर भी नहीं थे। जब हमने उपचार की जानकारी लेनी चाही तो उल्टा हमारे साथ अभद्र व्यवहार करते हुए बच्चे की डेड बॉडी देने से इंकार कर दिया।

इनका कहना :

जूनियर डॉक्टर त्योहार में भी दिनरात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं ऐसे में परिजनों द्वारा डॉक्टरों के साथ मारपीट से सभी जूनियर डॉक्टरों में आक्रोश हैं मरीज सीरियस था, परिजनों को इसकी जानकारी थी। जूडा के साथ इस प्रकार के व्यव्हार करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, प्रशासन ने भी हमें आश्वासन दिया है।
डॉक्टर हिमांशु गौड़, जूडॉ अध्यक्ष

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