जयारोग्य अस्पताल में एचआईएम सिस्टम लागू करने की तैयारी
जयारोग्य अस्पताल में एचआईएम सिस्टम लागू करने की तैयारी Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : जयारोग्य अस्पताल में एचआईएम सिस्टम लागू करने की तैयारी

Author : Manish Sharma

हाइलाइट्स :

  • मरीज की बनेगी मोबाइल आईडी, घर बैठे देखें जांच

  • प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में लागू होने जा रहा है सिस्टम

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। जयारोग्य अस्पताल में मरीज अपना इलाज मोबाइल आईडी के माध्यम से कराएगा। जिसका फायदा मरीज से लेकर अस्पताल प्रबंधन को होगा। मरीज मोबाइल आईडी की मदद से घर से बैठे अपनी जांचें देख सकेगा तो अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने से पहले वह समय भी ले सकेगा। मोबाइल आईडी के लिए आपके पास एनरोयड फोन और आधार से लिंक सिम की जरूरत होगी। अस्पताल जल्द ही एचआईएम (हॉस्पिटल इन्फोर्मेशन मैनेजमेंट) सिस्टम लागू करने जा रहा है जिसकी मदद से अस्पताल मरीज की इंट्री से लेकर एग्जिट तक की जानकारी अपने पास सुरक्षित रखेगा।

इस आईडी की मदद से देश के किसी भी अस्पताल (जहां पर सिस्टम लागू होगा) वहां मरीज की केस हिस्ट्री देखी जा सकेगी । मरीज की इलाज से संबंधित पूरी जानकारी ऑन लाइन होगी। इलाज लेने के लिए मरीज को अब बार बार पर्चा दिखाने की जस्र्रत नहीं है। मरीज मोबाइल आईडी बताएगा और डॉक्टर एक क्लिक पर उसकी पूरी केस हिस्ट्री देख सकेगा। मरीज घर बैठे मोबाइल पर अपनी जांच भी देख सकेगा। हालांकि प्रदेश सरकार यह सॉफ्टवेयर (सिस्टम) प्रदेश के सभी 12 मेडिकल कॉलेजों में करने जा रही है। भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज में यह सिस्टम पहले से ही लागू है।

इस तरह करेगा सिस्टम काम :

एप तैयार किया जा रहा है। जिसे एनरोयड मोबाइल फोन पर कोई भी डाउनलोड कर सकेगा। आधार से लिंक सिम के माध्यम से एप के जरिए मरीज की एक आइडी जनरेट होगी। जिसकी जानकारी मरीज को मैसेज के माध्यम से मिलेगी, मोबाइल पर संबंधित डाक्टर का नाम डालने पर उसकी ओपीडी के समय का पता चलेगा और मरीज मोबाइल पर ही डाक्टर से समय ले सकेगा। मरीज जब माधव डिस्पेंसरी में पहुंचेकर आइडी बताएगा तो उसका क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की मदद से एक पर्चा बनेगा।मरीज जब डाक्टर से इलाज लेगा तो डाक्टर पर्चे पर दवा लिखने के साथ ऑन लाइन भी करेगा। मरीज जैसे दवा वितरण केन्द्र पर पहुंचेगा वहां आईडी दिखाते ही उसे दवा उपलब्ध कराई जाएगी। यदि मरीज एक्सरा, अल्ट्रासाउंड या फिर ब्लड की जांच कराता है, तो उसकी रिपोर्ट मोबाइल पर ही उपलब्ध होगी।

मरीज की आईडी का फायदा :

  • मरीज की जो आईडी एप पर जनरेट होगी उसका फायदा हमेशा मरीज को मिलेगा।

  • मरीज की आईडी से डाक्टर उसकी पुराने इलाज पूरी हिस्ट्री का पता कर सकेगा।

  • देश के जिस हॉस्पिटल में यह सॉफ्टवेयर काम कर रहा होगा वहां पर मरीज की की पुरानी हिस्ट्री देखी जा सकेगी।

  • मरीज को पुरानी जाचं व पर्चे का रख रखाव नहीं करना पड़ेगा।

  • हॉस्पिटल में पहुंचने वाले सभी मरीजों का डिटेल उपलब्ध होगा।

  • एक क्लिक पर मरीज की इंट्री से लेकर एग्जिट तक की जानकारी मिलेगी।

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