दीवार पर जनसुनवाई का बोर्ड लगा है लेकिन सुनवाई नहीं होती
दीवार पर जनसुनवाई का बोर्ड लगा है लेकिन सुनवाई नहीं होती Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : दीवार पर जनसुनवाई का बोर्ड लगा है लेकिन सुनवाई नहीं होती

Manish Sharma

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्रदेश सरकार ने लोगों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए सभी विभागों में जनसुनवाई करने का फरमान दिया है। इसके चलते अधिकांश विभागों में जनसुनवाई होती है, लेकिन जयारोग्य अस्पताल के माधव डिस्पेंसरी में जनसुनवाई का बोर्ड तो दीवार पर लगा है। लेकिन लोगों की समस्या कौन सुनेगा इसका किसी को पता तक नहीं है। इससे जो लोग शिकायत करने पहुंचते हैं, उन्हें बिना शिकायत किए ही वापस लौटना पड़ता है।

जयारोग्य अस्पताल और माधव डिस्पेंसरी सहित अन्य विभागों में आने वाले मरीजों की शिकायतें रहती हैं। इन शिकायतों को लेकर जब वह जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय पहुंचते हैं तो पता चलता है कि वहां कोई जनसुनवाई होती ही नहीं है। ऐसे में वह अपनी शिकायत जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ को देकर आते हैं। जन सुवाई का बोर्ड माधव डिस्पेंसरी के सेंट्रल विण्डों के बाहर लगा हुआ है। इस पर लिखा है जन सुनवाई प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 12 से 1 बजे तक संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक कक्ष जयारोग्य चिकित्सालय समूह भवन ग्वालियर। अब सवाल यह है कि जब जनसुनवाई नहीं करना तो माधव डिस्पेंसरी में बोर्ड क्यों लगा रखा है और जन सुनवाई होती है तो कौन करता है। इसका भी निर्धारित नहीं है।

मरीज या परिजन काटते रहते हैं चक्कर :

कमलाराजा-जयारोग्य अस्पताल सहित इनसे जुड़े विभागों में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को जब कोई समस्या आती है या कोई चिकित्सक उन्हें परेशान करता है। इसकी शिकायत करने व उसके समाधान के लिए वह शुक्रवार का इंतजार करते हैं, क्योंकि बोर्ड के हिसाब से शुक्रवार को अधीक्षक कार्यालय में जनसुनवाई होती है। लेकिन जब वह अपनी शिकायत अधीक्षक कार्यालय लेकर पहुंचते हैं तो मालूम चलता है कि वहां कोई जनसुनवाई नहीं हो रही। सिर्फ अधीक्षक या उनकी अनुपस्थिति में प्रभारी अधीक्षक शिकायत को ले लेते हैं और निराकरण का आश्वासन देकर उन्हें चलता कर देते हैं।

सीएम हेल्पलाईन की बड़ रही संख्या :

जन सुनवाई ना होने से सीएम हेल्पालाईन पर भी संख्या दिन प्रतिदिन बड़ रही है, क्योंकि जब मरीज या परिजन की सुनवाई नहीं होती तो वह सीएम हेल्पलाईन का साहरा लेते हैं। इससे सीएम हेल्पलाईन पर अधिक शिकायतें लंबित हो जाती हैं। इसका खामियांजा वरिष्ठ अधिकारियों को भुगतना पड़ता है।

जब शिकायत ही नहीं सुनना तो बोर्ड क्यों लगा रखा है :

प्रदेश सरकार जनसुनवाई को लेकर काफी सख्त नजर आती है, लेकिन लगता है कि सरकार की नजर जयारोग्य अस्पताल में नहीं पहुंच पा रही है और अगर पहुंच भी रही है तो फिर उस तरफ से नजरअंदाज बनी हुई है। जब जनसुनवाई होती ही नहीं तो फिर बोर्ड लगाने का या औचित्य है? सवाल कई है, लेकिन जवाब विभाग के अन्य अधिकारी देने की स्थिति में नहीं है।

एक वर्ष पहले शुरू हुई फिर बंद कर दी :

जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने अधीक्षक का पदभार ग्रहण करने के कुछ माह बाद सभी विभागों के विभागध्यक्षों को आदेश दिए थे कि वह जनसुनवाई करें। इस आदेश का कुछ विभागाध्यक्षों ने कुछ दिनों तक पालन किया। अब सब भूल गए। जयारोग्य-के आरएच में शायद ही ऐसा कोई विभाग होगा जहां जनसुनवाई हो रही हो।

इनका कहना है :

कोरोना संक्रणकाल के चलते जनसुनवाई बंद हो गई थी। अब उसे पुन: शुरू किया जाएगा। इसमें अस्पताल प्रबंधन डॉ.अनिल मेवाफरोस और सहायक अस्पताल प्रबंधक डॉ.बालेन शर्मा लोगों की जन सुनवाई करेगा। यदि उनसे निराकरण नहीं होगा तो उस समस्या का समाधान मैं करूंगा।
डॉ. आरकेएस धाकड़, जेएएच अधीक्षक

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