एक पलंग पर दो बच्चे भर्ती होकर ले रहे उपचार
एक पलंग पर दो बच्चे भर्ती होकर ले रहे उपचार Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : एक पलंग पर दो बच्चे भर्ती होकर ले रहे उपचार, प्रबंधन को शुभारंभ का इंतजार

Manish Sharma

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। एक पलंग पर दो से तीन बच्चे भर्ती होकर उपचार ले रहे हैं, लेकिन प्रबंधन को हजार बिस्तर अस्पताल के शुभारंभ का इंतजार है। हजार बिस्तर अस्पताल के शुभारंभ के बाद ही बच्चों को भर्ती करने वाले पलंगों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, तब तक मरीज और उनके परिजनों को इसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

जिले में वायरल जनित बीमारियों के साथ-साथ डेंगू तेजी से फैल रहा है। इसका ज्यादा असर बच्चों पर हो रहा है। अंचल के सबसे बड़े अस्पताल कमलाराजा चिकित्सालय (केआरएच) के बच्चों के आईसीयू (पीडियाट्रिक आईसीयू) और वार्डों में पलंगों की संख्या में वृद्धि करने के बाद भी एक-एक बेड पर दो से तीन बच्चे भर्ती करने पड़ रहे हैं। वहीं कभी-कभी तो स्थिति यह भी निर्मित हो जाती है कि बच्चों को जमीन पर गद्दे बिछाकर भर्ती करना पड़ता है। यही स्थिति वार्डों की भी है। बच्चों के निजी अस्पतालों में बेड फुल हैं। पीडियाट्रिक के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ का कहना है कि सीमित संसाधनों के बावजूद बीमार बच्चों को अच्छा इलाज दे रहे हैं।

हजार बिस्तर शुरू होने के बाद होगी पलंगों की संख्या में वृद्धि :

जब तक हजार बिस्तर वाले अस्पताल का शुभारंभ नहीं हो जाता। तब तक बच्चों और उनके परिजनों को इन मुसिबतों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि कमलाराजा अस्पताल में कई विभाग ऐसे संचालित हो रहे हैं जो हजार बिस्तर अस्पताल में शिफ्ट होने हैं। उनके शिफ्ट होने के बाद पीडियाट्रिक विभाग को और वार्ड मिल जाएंगे।

एक नजर बच्चों की ओपीडी पर :

  • 14 नवम्बर को 189 बच्चे।

  • 15 नवम्बर को 93 बच्चे।

  • 16 नवम्बर को 186 बच्चे।

  • 17 नवम्बर को 171 बच्चे।

  • 18 नवम्बर को 138 बच्चे।

  • 19 नवम्बर को 107 बच्चे।

अस्पतालों में इसलिए बढ़ रही है बच्चों की संख्या :

जिले में सर्दी बढ़ने के साथ ही वायरल जनित बीमारियों के साथ-साथ डेंगू तेजी से फैल रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर दिखाई दे रहा है। इस वजह से शासकीय और निजी अस्पतालों में बच्चे अधिक भर्ती हो रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों को सर्दी से बचा कर रखें। उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं और सुबह-शाम घर से बाहर न निकलने दें। बच्चे को खांसी, जुकाम, बुखार होने पर नजदीकी चिकित्सक से जांच अवश्य करवाएं।

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