बांध की दीवार से लीक होता पानी, जो बहकर सांक नदी में जाता है
बांध की दीवार से लीक होता पानी, जो बहकर सांक नदी में जाता है Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : तिघरा से लीक हो रहे 18 से 20 एमएलडी पानी को लाएंगे कैनाल में

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। तिघरा बांध से प्रतिदिन 18 से 20 एमएलडी पानी लीक होकर सांक नदी में जा रहा है। इस व्यर्थ हो रहे पानी का इस्तेमाल शहर में सप्लाई करने की योजना पर नगर निगम पीएचई विभाग के अधिकारी काम कर रहे हैं। पानी बांध से लीक होकर जहां एकत्रित होता है, वहां पहले से पंप हाउस बना हुआ है और पाईप लाईन भी डली हुई है। बस बिजली कनेक्शन लेकर पंप को चालू करना है और यह पानी तिघरा से मोतीझील जाने वाली कैनाल में पहुंचने लगेगा। इस व्यवस्था से पर्याप्त पानी मिलेगा, जिससे 160 एमएलडी का डब्लूटीपी भी पर्याप्त क्षमता से चल सकेगा और पेयजल की किल्लत खत्म हो जाएगी।

जल संसाधन विभाग के अधिकारी तिघरा से पर्याप्त पानी सप्लाई के लिए नगर निगम को नहीं दे पा रहे है। बांध के स्लूस गेट की बेयरिंग खराब होने से उसे बंद एवं खोला नहीं जा सकता। अगर जबरजस्ती गेट को खोला गया तो वह फ्री होकर लटक सकता है,जिससे व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाएगी। नगर निगम को प्रतिदिन बांध से 12 एमएलडी पानी सप्लाई के लिए चाहिए और इतना पानी स्लूस गेट से तब निकलेगा जब बांध का लेबल 732-33 फीट पर स्थित रहेगा। लेकिन गर्मी के मौसम में पानी भाप बनकर उड़ रहा है और लीकेज से भी प्रतिदिन 18 से 20 एमएलडी पानी व्यर्थ बह रहा है। पेहसारी बांध से फुल कैनाल चलने पर भी बांध का लेबल बढ़ने का नाम नहीं ले रहा। अभी बारिश सही तरीके से होने में दो महीने लग जाएंगे और इतने समय तक पानी की किल्लत होने से लोग प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। इन सारी स्थितियों पर विचार करने के बाद नगर निगम पीएचई अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य ने तिघरा से लीके होने वाले पानी को वापस लाकर बांध से मोतीझील तक जाने वाली पानी लाईन एवं कैनाल में डालने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर कार्यपालन यंत्री जागेश श्रीवास्तव ने कवायद शुरू कर दी है।

2014-15 में जल संकट होने पर बना था पंप हाउस :

तिघरा बांध से लीक हो रहा पानी सांक नदी के बहाव वाले रास्ते पर जाकर एकत्रित होता है। इस स्थान पर नगर निगम सात साल पहले पंप हाउस बना चुकी है और पाईप लाईन भी बांध तक डली हुई है। दरअसल वर्ष 2014-15 में जल संकट उत्पन्न हुआ था। उस समय तत्कालीन निगमायुक्त अजय गुप्ता के निर्देश पर पीएचई विभाग द्वारा तिघरा बांध से लीक होने वाली पानी को पेयजल सप्लाई में इस्तेमाल करने के लिए कार्य कराया गया था। तत्कालीन अधिकारियों ने पानी एकत्रित होने वाले स्थान पर पंप हाउस बनाकर पानी की लाईन भी डाल दी थी। इसके बाद पानी को पंप भी किया गया। इस कार्य में सिर्फ बिजली खर्च हुई थी। इसी पंप हाउस को फिर से चालू करके पानी पंप करने की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है।

बांध से लेंगे कम पानी :

अधिकारियों के अनुसार बांध से प्रतिदिन 18 से 20 एमएलडी पानी लीक हो रहा है। वहीं शहर में सप्लाई के लिए प्रतिदिन 12 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। वर्तमान में बांध के स्लूस गेट से 8 से 9 एमएलडी पानी मिल रहा है। अगर लीकेज होने वाले पानी से 15-16 एमएलडी पानी सप्लाई के लिए मिल जाता है तो फिर बांध से कम पानी लिया जाएगा।

इनका कहना है :

अभी हमें बांध से पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। वर्तमान में पानी की किल्लत हो रही है और आगामी दो महीने इसी तरह मौसम बना रहेगा। इस समयावधि में पर्याप्त पानी आम जनता को मिले इसके लिए हम बांध से लीक होने वाले पानी को मोतीझील तक आने वाली लाईन में डालने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। बांध का पानी जहां एकत्रित होता है वहां पंप हाउस भी बना है और पाईप लाईन भी डली हुई है। इस प्रक्रिया में सिर्फ बिजली खर्च करके पर्याप्त पानी प्राप्त किया जा सकता है।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री, पीएचई, नगर निगम

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