भाजपा  नेता अनूप मिश्रा
भाजपा नेता अनूप मिश्रा  RE-Gwalior
मध्य प्रदेश

Gwalior : बगावती तेवर दिखा सकते हैं अनूप मिश्रा -फिर बोले दक्षिण से लड़ना चाहता हूं जीवन का अंतिम चुनाव

Anil Sharma

ग्वालियर। कांग्रेस को तोड़कर सत्ता में आई भाजपा को विधानसभा चुनाव से पहले अपने ही नेताओं के बगावती तेवर परेशान कर रहे हैं। पहले नारायण त्रिपाठी एवं अब दीपक जोशी के मुख से विद्रोह के सुर फूट रहे हैं। इस कड़ी में अगला नाम अंचल के कद्दावर ब्राह्मण नेता अनूप मिश्रा का माना जा रहा है। वे अपने जीवन का अंतिम चुनाव दक्षिणविधान सभा से लड़ना चाहते हैं। दीपक जोशी के बगावती तेवरों के बीच एक बार फिर उन्होंने अपने इस बात को दोहराया है जिससे इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि यदि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे बागी तेवर दिखा सकते हैं, हालांकि अनूप ने ऐसी किसी भी संभावना से इंकार किया है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भानजे अनूप मिश्रा का राजनैतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 1990 के अपने गिर्द से पहले विधानसभा चुनाव में उस समय से कद्दावर नेता बालेंदु शुक्ला को हराकर चर्चा में आए अनूप मिश्रा का राजनैतिक कैरियर उतार-चढ़ाव भरा रहा। 1993 मेें उस समय की पश्चिम व वर्तमान की दक्षिण विधानसभा से भगवान सिंह से हारने के बाद 1998 के अगले विधानसभा चुनाव में भगवान सिंह को चुनाव में हराकर उन्होंने अपना राजनैतिक बदला ले लिया। 2003 में रमेश अग्रवाल को हराकर वे प्रदेश सरकार में मंत्री बने। 2008 में उन्होंने मुन्नालाल गोयल को हराया।

इसके बाद 2013 में लाखन सिंह से भितरवार विधानसभा का चुनाव वे हारे तो उनके राजनैतिक कैरियर पर सवालिया निशाना खड़ा हो गया,लेकिन 2014 में मुरेैना से सांसद बनकर फिर उन्होंने जोरदार वापसी की, हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर उन्हें मुंह की खानी पड़ी और वे चुनाव हार गए, यही वजह है कि वे अब भितरवार की बजाय दक्षिण विधानसभा पर फोकस कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें दक्षिण विधानसभा से तैयारी करने की हरीझंडी भी दे दी है। 

अनूप मिश्रा को सिंधिया का सहारा.....

पिछले दिनों महाराज बाड़े पर आयोजित हुई आभार सभा में जिस तरह तीन अन्य दावेदार नारायण सिंह कुशवाह, समीक्षा गुप्ता एवं सतीश बोहरे के समक्ष सिंधिया ने अनूप मिश्रा का बार बार नाम लिया, उससे साफ है कि दक्षिण से अनूप मिश्रा का नाम आगे बढ़ा चुके हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दक्षिण से अगर अनूप मिश्रा का टिकट काटा गया तो वे बागी तेवर दिखा सकते हैं, क्योंकि 67 वर्षीय अनूप आगामी विधानसभा चुनाव को अपने जिंदगी की आखिरी राजनैतिक बाजी मान रहे हैं। वे बार बार सार्वजनिक रूप से दक्षिण विधानसभा चुनाव से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं और उन्होंने क्षेत्र में पुरजोर ढंग से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। 

कमजोर नजर आ रहे हैं अन्य दावेदार

दक्षिण विधानसभा के अन्य दावेदावों पर नजर घुमाएं तो चुनाव हारने के बाद पूर्वमंत्री नारायण सिंह कुशवाह पूरी तरह घर बैठ चुके हैं और यदा कदा ही पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आते हैं, वहीं बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी समीक्षा गुप्ता को टिकट की उम्मीद इसलिए नगण्य हैं कि नारायण सिंह कुशवाह उनके खिलाफ हैं। सतीश बोहरे नया चेहरा है,ऐसे में उन्हें अभी इंतजार कराया जा सकता है।

अनूप मिश्रा से बातचीत

सवाल- क्या आपने दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है?

जबाव- मैं शुरू से ही दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करता आया हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि पार्टी मुझे टिकट देगी।

सवाल- पार्टी यदि टिकट नहीं देती है तो भी क्या आप चुनाव लड़ेंगे?

जबाव- पार्टी के खिलाफ जाने का सवाल ही नहीं हैं। मैं चार बार विधायक और एक बार सांसद रहा। जो भी कुछ हूं पार्टी की वजह से हूं। पार्टी टिकट नहीं देगी तो में घर बैठ जाऊं गा।

सवाल- आप दक्षिण विधानसभा से ही क्यों चुनाव लड़ना चाहते हैं?

जबाव- इस क्षेत्र की जनता ने पहले भी मुझे बेशुमार प्यार दिया है और क्षेत्र की जनता फिर से मुझे इस क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहती है।

सवाल- जिस तरह से भाजपा में अलग अलग क्षेत्र से बगावती सुर सुनाई दे रहे हैं, इसे लेकर आपका क्या कहना है?

जबाव- संगठन को हर कार्यकर्ता की भावना की चिंता करनी पड़ेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारा नेतृत्व इस कार्य में सक्षम है।

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