भैंसदेही में निर्माण कार्य
भैंसदेही में निर्माण कार्य Kamlesh kabadkar
मध्य प्रदेश

बैतूल: भैंसदेही में निर्माण कार्यो में हो रहा है भारी भ्रष्टाचार

Author : Kamlesh Kawadkar

राज एक्सप्रेस। विकासखंड की कौड़ी पंचायत में जनपद सदस्य का बोलबाला है। यहां निर्माण कार्य इनके हस्तक्षेप के बाद ही होते हैं। सूत्रों की माने तो, कई निर्माण कार्य इन्हीं के द्वारा ठेके पर किये गये हैं। जिसमें न तो गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है और न ही अधिकारियों ने सही मॉनीटरिंग की है। जिम्मेदार अधिकारी भी इनके ओहदे के सामने बौने साबित हो रहे हैं।

इन कार्यों से भ्रष्टाचार हुआ साफ उजागर :

नलजल योजना का उदाहरण हो या सीसी सड़क निर्माण का, सभी कार्यो में भारी भ्रष्टाचार साफ उजागर हो रहा है। इतना ही नहीं निर्माण कार्यों की राशि भी आहरण किये जाने की बात सामने आ रही है। जबकि मौके पर निर्माण हुए ही नहीं हैं। इससे ग्राम विकास पर तो असर पड़ ही रहा है, सरपंच-सचिव की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आने लगी है। परिणाम स्वरूप ग्रामवासी पंचायत और जनपद सदस्य की मनमानी से विकास से कोसो दूर होते जा रहे हैं।

नलजल योजना में भ्रष्टाचार :

नलजल योजना में भारी भ्रष्टाचार किये जाने का मामला भी कौड़ी पंचायत में सामने आ रहा है। सूत्रों की मानें तो, चार माह में भी नलजल योजना व्यवस्थित नहीं हो पाई है। ऐसे में ग्रामीणों को आज भी पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। खास बात यह है कि, पंचायत भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों को आश्वासन मात्र से चुप करा दिया जाता है। जबकि पेयजल के लिए ग्रामीण आज भी दो से तीन किमी की दूरी तय करने को मजबूर है। साढ़े आठ लाख की लागत की नलजल योजना में पाईपों को बिछाने के लिए जमीन में चार फीट अंदर खुदाई करना था, लेकिन इसके विपरीत आधा फीट की नाली खोदकर पाइप लाइन डाल दी गई, जिससे भविष्य में पाईपों को नुकसान होने की संभावना है।

खेल मैदान की हालत खस्ता

खेल मैदान की हालत खस्ता :

राजीव गांधी खेल ग्राउंड की हालत भी खस्ता है। यहां ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को ग्राउंड का अभाव खल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि, सरकार खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, लेकिन पंचायत की उदासीनता के कारण खेल मैदान का लाभ ग्रामीण प्रतिभाओं को नहीं मिल पा रहा है। जिसके पीछे पंचायत की लचर कार्यप्रणाली को दोषी माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो, खेल मैदान में मशीनों का उपयोग जमकर किया गया है। मैदान केवल लीपापोती कर तैयार कर दिया गया है।

कागज पर बना सीसी रोड :

पंचायत ने सीसी रोड का निर्माण कर ग्रामीणों को अच्छे आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा तो जाहिर की, लेकिन यह मंशा केवल कागजों में ही सिमटकर रह गई। सड़क का निर्माण नहीं होने से आज भी ग्रामीणों को उबड़-खाबड़ सड़क से ही आवागमन करना पड़ रहा है, जबकि सूत्र तो यहां तक बताते है कि, सड़क निर्माण का भुगतान निकाला जा चुका है और सड़क बनाई ही नहीं गई है, जो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार को उजागर करती है।

पंचायत भवन में आंगनवाड़ी केन्द्र

पंचायत भवन में आंगनवाड़ी केन्द्र :

ग्राम पंचायत ने आंगनवाड़ी केन्द्र तो बनाया, लेकिन अब तक हैंडओवर नहीं किया गया है। लगभग दो-तीन साल से यह आंगनवाड़ी केन्द्र बनकर तैयार है, परंतु देखरेख के अभाव में खस्ताहाल होता जा रहा है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। अभी वर्तमान में आंगनवाड़ी भवन पंचायत भवन में संचालित होती है। जहां पंचायतों के कार्यों की वजह से बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न होता है। इस आंगनवाड़ी भवन में केन्द्र का नाम तक अंकित नहीं किया गया है। जिससे, यह ज्ञात न हो सके कि, आंगनवाड़ी केन्द्र यहां संचालित होता है।

पाइप लाईनों बिछाने के लिए खोदी गई नाली

खोदी गई नाली से चोटिल हो रहे बच्चे :

पंचायत द्वारा पाइप लाईनों को बिछाने के लिए खोदी गई नालियों में बच्चे गिरकर चोटिल हो रहे हैं। बावजूद इसके पंचायत ने अब तक इन नालियों को बंद करने के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। खास बात यह है कि, ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने के बाद भी पंचायत के कर्ता-धर्ता कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सब इंजीनियर और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग का कहना है :

पीएचई विभाग भैंसदेही के सब इंजीनियर अखिलेश बडोले का कहना है कि, "धांधली के संबंध में मुझे शिकायत मिली थी। मैंने स्थल पर जाकर देखा भी था। स्पष्ट निर्देश दिये थे कि काम में धांधली बर्दाश्त नहीं की जायेगी, यदि नियमानुसार कार्य नहीं किया जाता है तो, हम मूल्यांकन नहीं करेेंगे।" दूसरी तरफ भैंसदेही के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के एसडीओ श्री बावरिया ने कहा कि, "मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है। मैं कल जानकारी लेकर ही कुछ बता पाऊंगा।"

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