हेमा मीना, जर्नादन सिंह
हेमा मीना, जर्नादन सिंह Raj Express
मध्य प्रदेश

हेमा मीणा मामला : MP पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास में पदस्थ इंजीनियर जनार्दन सिंह को किया निलंबित

Deeksha Nandini

भोपाल, मध्यप्रदेश। आय से अधिक संपत्ति के आरोपी संविदा उपयंत्री हेमा मीणा मामले में MP पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास में पदस्थ प्रभारी परियोजना इंजीनियर जनार्दन सिंह (Janardan Singh) को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के आदेश अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (Additional Director General of Police) और प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम उपेंद्र जैन (Upendra Jain) ने जारी कर दिए है।

जारी आदेश के अनुसार, हेमा मीना, तत्कालीन संविदा-प्रभारी सहायक यंत्री, मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम संभाग- सागर के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन द्वारा अपराध क्रमांक 103 / 2023 धारा 13 (2), 13 (1) (बी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संशोधित अधिनियम 2018 के अन्तर्गत 11मई 2023 को पंजीबद्ध किया गया है। हेमा मीना लंबी अवधि से जर्नादन सिंह, प्रभारी परियोजना यंत्री संभाग सागर के अधीन कार्य कर रही थी, अतः हेमा मीना पर प्रभावी पर्यवेक्षण करना जर्नादन सिंह का कर्तव्य था। इनके पर्यवेक्षण की असफलता के कारण मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम की छवि धूमिल हुई है।

अतः उक्त पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए जिम्मेदार मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम, संभाग- सागर के प्रभारी परियोजना यंत्री जर्नादन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर मुख्यालय, भोपाल में सम्बद किया जाता है। निलंबन अवधि कि दौरान जर्नादन सिंह को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता होगी।

जारी आदेश की प्रति

बता दें कि 11 मई को लोकायुक्त ने बिलखिरिया इलाके में पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन की प्रभारी सहायक इंजीनियर (संविदा) हेमा मीणा के फार्महाउस पर छापा मारा था। जहां से लोकायुक्त ने शुरुआत में सात करोड़ की संपत्ति मिलने का दावा किया है। संपत्तियों के मूल्यांकन काम किया जा रहा है। इधर जांच में पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के परियोजना यंत्री जनार्दन सिंह का नाम सामने आने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनको निलंबित करने का निर्देश जारी कर दिए हैं। अब इस मामले में सवाल खड़े हो रहे हैं कि लोकायुक्त में इस मामले में पहले से शिकायत की थी। लोकायुक्‍त पुलिस उसकी जांच भी कर रही थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही थी। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर जनार्दन पर किसका हाथ था।

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