जच्चा खाने में महिलाओं के लिए शुरू होगी हाई डेफीसेंसी यूनिट
जच्चा खाने में महिलाओं के लिए शुरू होगी हाई डेफीसेंसी यूनिट Raj Express
मध्य प्रदेश

जच्चा खाने में महिलाओं के लिए शुरू होगी हाई डिपेंडेंसी यूनिट

Manish Sharma

ग्वालियर। जिला अस्पताल मुरार की व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए काफी प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन अब जिला अस्पताल मुरार के जच्चा खाने में महिलाओं के वार्ड के अलावा एक अलग से एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) बनाने जा रहा है। प्रबंधन के मुताबिक एक से डेढ़ माह में यह यूनिट बनकर तैयार हो जाएगी। वहीं जेएएच की हाई डिपेंडेंसी यूनिट फाईलों और डीन-अधीक्षक के विवाद में दबकर रह गई है।

हाई डिपेंडेंसी यूनिट के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ.राजेश शर्मा ने बताया कि गंभीर गर्भवती महिलाओं को अभी जिला अस्पताल मुरार के आईसीयू में रैफर करना पड़ता है और आईसीयू अधिकतर फुल रहता है । इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसीलिए फैसला लिया गया कि जच्चा खाने में तैयार हो रही बिल्ड़िंग हैण्ड ओवर होते ही उसमें महिलाओं के लिए अलग से हाई डिपेंडेंसीं यूनिट की शुरूआत की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन की माने तो एचडीयू यूनिट में सर्व सुविधा युक्त 10 पलंग होगे और सीरियस प्रसूताओं या फिर महिलाओं को यहां पर भर्ती किया जाएगा।

चिल्ड्रन वार्ड हो चुका है प्रारंभ-

जिला अस्पताल मुरार ने अभी कुछ दिनों पहले ही जच्चा खाना मुरार में चिल्ड्रन वार्ड भी प्रारंभ किया है। इसके साथ ही जिला अस्पताल मुरार में चिल्ड्रन वार्ड की जो जगह खाली हुई है उसमें मेडिसन वार्ड बना दिया है, लेकिन गर्मी के प्रकोप की वजह से यह वार्ड भी कम पड़ रहा है और हर रोज मरीजों को जमीन में लेटकर उपचार लेना पड़ रहा है।

विवाद और फाईलों में उलझी जेएएच की एचडीयू-

जयारोग्य अस्पताल में भी हाई डिपेंडेंसी यूनिट बनकर तैयार होनी थी। इसके लिए पूर्व अस्पताल अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा ने प्रस्ताव भी बनवाया था कि इस यूनिट को शुरू करने में कौन-कौन से संसाधनों की आवश्यकता होगी। डॉ.मिश्रा के जाते ही यहां की हाई डिपेंडेंसी यूनिट फाईलों और डीन-अधीक्षक के विवाद में दबकर रह गई है।

क्या होती है हाई डिपेंडेंसी यूनिट -

हाई डिपेंडेंसी यूनिट में अत्यंत गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है। इससे आईसीयू का भी लोड़ कम हो जाता है। क्योंकि इसमें तीन कैटेगिरी ए,बी और सी के हिसाब से मरीजों को भर्ती कर रखा जाता है। अत्यंत गंभीर मरीज को हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती कर उपचार दिया जाता है।

यह सवाल मांग रहे जवाब-

- क्या जेएएच में भी शुरू हो पाएगी एचडीयू यूनिट?

- क्या जिला अस्पताल प्रबंधन भी शुरू कर पाएगा या नहीं ?

- आखिर फाईलों में क्यों दब जाते हैं प्रस्ताव?

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