प्रबंधन ने शौचालयों में ताले डलवा दिये
प्रबंधन ने शौचालयों में ताले डलवा दिये  RE-Gwalior
मध्य प्रदेश

अस्पताल प्रबंधन ने शौचालयों में डलवा दिये ताले, मजबूरी में महिला-पुरूष एक ही Toilet कर रहे उपयोग

Manish Sharma

ग्वालियर। 400 करोड़ की लागत से बना हजार बिस्तर अस्पताल शुभारंभ से पहले ही बदहाल होता जा रहा है। शौचालयों की प्रतिदिन ठीक ढंग से सफाई न होने के कारण यहां गंदगी के अम्बार लगे हुए हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के कारण यहां से लोग टोटियां ही चोरी कर ले गए। शेष बची टोटियों को चोरी होने से बचाने के लिए प्रबंधन ने शौचालयों में ताले डलवा दिये। इससे अब महिला-पुरूष एक ही शौचालय का उपयोग कर रहे हैं, यानि महिलाओं को पुरूषों वाले शौचालय का उपयोग करना पड़ रहा है।

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा हजार बिस्तर अस्पताल बदइंतजामी की वजह से बदहाल होता जा रहा है। उपचार के लिए आने वाले लोग कहीं भी गुटखा थूक रहे हैं। इससे अस्पताल परिसर में जगह-जगह पीक के दाग लग गए हैं। हालांकि सुरक्षाकर्मी भी परिसर में गुटखा थूकने वाले लोगों को पकड़ नहीं पा रहे, इसकी मुख्य वजह यह है कि अधिकाशं सुरक्षाकर्मी ड्यूटी के समय स्वयं गुटखे का सेवन करते हैं, हालांकि जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ.आरकेएस धाकड़ और सहायक प्रबंधक डॉ.बालेन शर्मा कई बार लोगों को अस्पताल परिसर में गंदगी न फैलाने का आग्रह कर चुके हैं और कई लोगों को जुर्माने की कार्रवाई करा चुके हैं। उसके बाद भी लोग परिसर को गंदा करने से बाज नहीं आ रहे। वहीं कम्पनी के सफाई कर्मचारी भी नवीन अस्पताल में शौचालयों की प्रतिदिन ठीक ढ़ंग से सफाई नहीं कर रहे । इस वजह से वहां गंदगी के अम्बार देखे जा सकते हैं।

वॉश बेसिन की टोटियां गायब

अस्पताल में हाथ धोने के लिए जगह-जगह वॉश बेसिन बनाए गए थे, इनमें स्टील की टोटियां लगाई गई थीं। शुभारंभ से पहले ही चोर यहां से टोटियां खोल ले गए। सीवेज की समस्या- हजार बिस्तर अस्पताल में मरीजों की शिफ्टिंग के साथ ही सीवेज की समस्या उजागर हो चुकी थी। इस समस्या का सामाधान करने से निर्माण एजेंसी ने हाथ खींच लिए,पीआईयू ने भी समाधान नहीं दिया।समस्या का सामना मरीज व अस्पताल प्रबंधन दोंनो ही कर रहे हैं।

दीवारों में दरारें

हजार बिस्तर अस्पताल भवन की कई दीवारों में दरार आ चुकी है। अस्पताल प्रबंधन इन दरारों की जानकारी निर्माण एजेंसी व पीआईयू को दे भी चुका है। लेकिन इस पर कोई ध्यान अब तक नहीं दिया गया।दीवारों में सीलन- बारिश के दौरान अस्पताल की दीवारों में सीलन की समस्या आई थी। जिसके बारे में भी पीआईयू अफसरों से लेकर संभागायुक्त तक को अवगत कराया गया था। लेकिन बारिश बंद होने के बाद सीलन भी जाती रही पर समाधान नहीं हुआ।

मुख्य गेट टूटा

अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि अस्पताल का मुख्य गेट भी टूट चुका है, जिसे सुधरवा दिया गया, इससे साफ है कि अस्पताल में जो दरवाजे लगाए गए हैं उनकी गुणवत्ता ठीक नहीं है।

स्टाफ की कमी

हजार बिस्तर अस्पताल शुरु हुए 4 महीने का वक्त गुजर चुका है, लेकिन इन चार महीने में डाक्टर,स्टाफ,सुरक्षा गार्ड कुछ भी नहीं मिला। इस कारण से अस्पताल पूरी तरह से चालू भी नहीं किया जा सका।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT