मुखिया की मेहनत पर पानी न फेर दें वर्दीधारी
मुखिया की मेहनत पर पानी न फेर दें वर्दीधारी Social Media
मध्य प्रदेश

शहडोल : मुखिया की मेहनत पर पानी न फेर दें वर्दीधारी

Afsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। संभाग के अनूपपुर सहित पड़ोस के रीवा व डिण्डौरी, सिंगरौली आदि जिलो में अन्य प्रदेशों के वाहन जैसे ही प्रवेश करते हैं, यातायात प्रभारियों और मुख्य मार्गाे पर खड़े थाने के प्रहरियों को मासिक इंट्री देने का खेल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से शुरू हुआ तो, शिवराज की चौथी पारी के दौरान भी लगातार चलता रहा, कोरोना और उपचुनाव में व्यस्त सरकार और पूरे सिस्टम की आंखो में धूल झोंखकर वर्दीधारी पुरानी तर्ज पर इंट्री वसूली का खेल शुरू कर चुके हैं। इसकी चर्चा प्रदेश के मोटर मालिकों में तो होती ही है, पड़ोसी प्रदेशों से रोजाना यहां पहुंच रहे वाहनों को अनावश्यक वसूली का सामना करना पड़ रहा है, जिससे भाजपा सरकार की साख को बट्टा लग रहा है। आगामी माहों में प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, यह हाल अकेले शहडोल, उमरिया, अनूपपुर में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश भर का है, जिसकी चर्चा जन-जन तक है।

इंट्री नहीं दी तो, होती है कार्यवाही :

उमरिया जिले में बीते माहों शरद श्रीवास्तव को जिला यातायात अधिकारी का प्रभार दिया गया है, शरद पर आरोप है कि उसने विभाग के कुछ अनुभवी आरक्षकों के साथ ही ऑफ रिकार्ड बाहर के लोगों को भी इंट्री और वाहनों की वसूली का जिम्मा दिया हुआ है, इसमें राजेश पटेल को कैप्सूल की सूची और उससे वसूली का जिम्मा दिया गया है। वहीं कुछ आरक्षकों को सड़क पर चल रहे वाहनों के साथ चौक और चौराहों पर खड़े वाहनों की भी जांच और इंट्री का जिम्मा दिया हुआ है, यदि वाहन मालिक आसानी से मासिक इंट्री पर सहमति नहीं देता है तो, तत्काल न सिर्फ जुर्माना होता है, बल्कि हर चक्कर जुर्माने का भी भय सहना पड़ता है, वाहन मालिकों सामने सड़क पर वाहन चलाना सबसे बड़ी मजबूरी है, जिस कारण वे खुलेआम कोई शिकायत करने से भी डर रहे हैं।

पीयूष की माया अपरंपार :

उमरिया जिले के चंदिया थाने में पदस्थ पीयूष गौतम नामक एएसआई की कहानी भी प्रदेश भर के अन्य सहायक उपनिरीक्षकों से जुदा है, संभवत: अकेले ऐसे एएसआई हैं, जिनकी नियुक्ति उमरिया में हुई थी, इनका गृह ग्राम भी यहीं है और नियुक्ति के उपरांत उनकी ट्रेनिंग भी उमरिया में हुई, वे आरक्षक से भर्ती हुए और एएसआई तक इसे जिले में पदोन्नति पाते रहे, इस दौरान उनके ऊपर भ्रष्टाचार और अन्य कई गंभीर आरोप भी लगे, लेकिन पीयूष की माया आज तक कोई नहीं समझ पाया।

कोतवाली से भागे आरोपी की चर्चा :

उमरिया में पुलिस की मनमानी अब किसी से छुपी नहीं है, बीती 30 अगस्त को मुख्यालय स्थित एक पेट्रोल पंप में लूट की वारदात हुई थी, पेट्रोल पंप के संचालक और पीडि़त ने खुद लूट के आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया, लेकिन वह कोतवाली से भाग गया, बाद में पुलिस ने उसे फरार घोषित करने के साथ ही सूचना बताने वाले को ईनाम देने तक की घोषणा कर दी, लेकिन आरोपी और पुलिस के बीच लुकाछुपी का खेल अभी तक चल रहा है।

शहडोल में अब खुलेआम होती है वसूली :

बीते 2 सालों में शहडोल मुख्यालय में दो से तीन जिला यातायात अधिकारी बनाये गये, कांग्रेस के शासन काल में सतना से शहडोल आये डीएसपी अखिलेश तिवारी संभवत: संभाग के इतिहास में पहले डीएसपी होंगे, जिन्हें विभाग द्वारा उपपुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी के साथ रबर स्टांप यातायात अधिकारी दिये गये। बीते इन वर्षाे में जिन्हें भी यातायात अधिकारी बनाया गया, उन्हें शहर के चौक-चौराहों तक सीमित किया गया, विभाग में यह चर्चा भी रही कि वाहनों की इंट्री का पूरा जिम्मा डीएसपी के पास होने के कारण यातायात अधिकारियों ने खुद से अपने पद छोड़ दिये। हालात यह हैं कि कैप्सूलों के अलावा ओव्हर लोड रेत और लोहे से लदे वाहनों के साथ ही एसईसीएल के अंदर दौड़ रहे दर्जनों वाहनों की सूची की वसूली 7 अंको तक पहुंच चुकी है। बहरहाल बीते माहों में डीएसपी यातायात के द्वारा आधी रात को शहर के व्यापारी को बोर्ड तोड़कर अकेले ही अतिक्रमण हटाओं अभियान और इसकी शिकायत व निष्कर्ष भी ठण्डे बस्ते में चला गया, बहरहाल यह सब चलता रहा तो, उपचुनावों में शिवराज की चौथी पारी से नाराज मोटर मालिक अपना गुस्सा भी निकाल सकते हैं।

अनूपपुर में साहब का सुदामा :

बीते माह डिण्डौरी से साहब के पुराने दरबारी सुदामा के अचानक इंट्री हुई तो, महिला अधिकारी और जैतहरी प्रभारी की सभी गणित धरी की धरी रह गई। अनूपपुर में अपनी इंट्री के बाद शहडोल और अनूपपुर जिले के थानों और भौगोलिक स्थितियों से पूर्व परिचित रह चुके सुदामा ने सप्ताह भर शांत रहने के बाद पूरी टीम को एक्टिव कर दिया। वर्तमान में स्थिति यह है कि कुछ पुराने यातायात प्रभारियों के रिकार्ड भी तोड़ दिये गये, दो सितारा वाले प्रभारी ने अब नये रेट भी लागू कर दिये हैं।

इनका कहना है :

मेरी जानकारी में कोतवाली उमरिया में सचिन पाठक शिकायत दर्ज कराने आया था, वहीं पीयूष गौतम को लाईन अटैच करने के निर्देश एसपी को दे दिये गये थे, शहडोल और अनूपपुर के मामले में जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी।
जी.जनार्दन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, शहडोल जोन

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