सोन के बाद अब खतरे में है बनास का अस्तित्व
सोन के बाद अब खतरे में है बनास का अस्तित्व Afsar Khan
मध्य प्रदेश

शहडोलः सोन के बाद अब खतरे में है बनास का अस्तित्व

Afsar Khan

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में रेत की तस्करी, चोरी, अवैध उत्खनन, परिवहन का ब्यौहारी तहसील से पुराना नाता रहा है, सोन घड़ियाल अभ्यारण हो या सोन नदी, माफियाओं ने उसके अस्तित्व को मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अब उनकी नजर बनास नदी पर पड़ चुकी है, प्रदेश में नई रेत नीति आने के बाद पूरी प्रक्रिया पूर्ण न हो जाये, तब तक रेत की किल्लत न हो, इसके उद्देश्य से पंचायतों की खदानों को शासन ने शुरू करने के आदेश जारी किये, ब्यौहारी तहसील के ग्राम बोडिया में ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव को खसरा क्रमांक 233, रकवा 4.50 हेक्टेयर क्षेत्र में सिया की अनुशंसा के बाद पीसीबी के द्वारा जारी की गई, जल एवं वायु सम्मति के बाद शुरू किया गया, लेकिन इस खदान में दबंगों और भाजपा से जुड़े हुए नेताओं ने कब्जा कर लिया है। धड़ल्ले से दिन-दहाड़े मशीन लगाकर रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है, इस पूरे मामले में तहसील स्तर के प्रशासनिक और पुलिस अमले की कार्यप्रणाली भी कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है।

सोन के बाद बनास पर नजर:

ब्यौहारी तहसील से सोन नदी के घाटों को माफियाओं ने पहले से ही तबाह कर दिया है, सोन घड़ियाल अभ्यारण क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। अब बनास नदी (जिसका छत्तीसगढ़ से आकर सोन नदी में ब्यौहारी के पास संगम होता है) में पंचायत की खदान खुलने के बाद गांव के बाहर के दबंगों और भाजपा से जुड़े बड़े पदाधिकारी के साले द्वारा खदान पर कब्जा कर उत्खनन और परिवहन कराया जा रहा है।

पोकलेन से दिन-दहाड़े खनन :

सिया के द्वारा जारी कि गई पर्यावरण स्वीकृति के अनुसार खदान में परिवहन विभाग से व्यवसायिक उपयोग वाले पंजीकृत ट्रैक्टर ट्राली ही खदान में रेत के उत्खनन के लिए उतारी जा सकती हैं, लेकिन नियमों को रद्दी की टोकरी में फेंकते हुए पंचायत के नुमाइंदों ने रसूखदार भगवाधारी नेता के साले के इशारे पर न सिर्फ बनास नदी में पोकलेन उतरवाई, बल्कि बड़े हाईवा वाहन भी धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर बनास नदी के सीने पर खंजर घोपने का काम कर रहे हैं।

रमन के साले का संरक्षण:

किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस की सरकार पर सोमवार को भाजपा ने राजनैतिक मुद्दा बनाते हुए आंदोलन किया, लेकिन ब्यौहारी तहसील के अंतर्गत आने वाले बोडिया में पंचायत की खदान में पोकलेन मशीन से न सिर्फ उत्खनन हो रहा है, बल्कि बड़े वाहन भी उतारे जा रहे हैं, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के साले के संरक्षण में पूरा अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

ये हैं कारोबार में शामिल:

बीते कुछ दिनों से पंचायत की खदान का ऑनलाईन पोर्टल शासन के द्वारा शुरू किया गया है, जिसके बाद से आस-पास के क्षेत्र से पूरे बड़े वाहन बोडिया खदान में पहुंच रहे हैं, बताया गया है कि इस पूरे कारोबार में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के साले उपेन्द्र सिंह निवासी बुढ़वा और ग्राम पंचायत के सरपंच धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा ही नदी में पोकलेन मशीन और बड़े वाहनों को उतारा जा रहा है, इसका पूरा प्रमाण विभाग की ऑन लाईन वेबसाइट पर देखा जा सकता है कि बड़े वाहन प्रतिबंध के बावजूद भी नदी में उत्खनन के लिए उतारे जा रहे हैं।

कटघरे में है भाजपा:

किसानों के मुद्दे को लेकर भाजपा राजनैतिक रूप देने की तैयारी कर रही है, सोमवार को किसान आक्रोश आंदोलन भी किया गया, लेकिन बीते 15 सालों से जो लोग अवैध कारोबार में लिप्त है, वह कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी अपने गोरखधंधे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

वहीं भाजपा मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि भाजपा से जुड़ा हुआ कोई भी पदाधिकारी अवैध कारोबार में लिप्त नहीं है, अगर ऐसा हो रहा है तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए, लेकिन सच तो यह हैं कि अभी भी अधिकांश भाजपा से जुड़े हुए पदाधिकारी अवैध उत्खनन के कारोबार में जुड़े हुए हैं।

स्थानीय मैनेजमेंट हावी :

अवैध उत्खनन और परिवहन का नाता ब्यौहारी तहसील से पुराना है, पूरे क्षेत्र में रेत चोर, तस्कर और माफिया स्थानीय स्तर पर मैनेजमेंट कर धड़ल्ले से अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं। पुलिस कप्तान ने निर्देश जारी किये थे कि अवैध उत्खनन और परिवहन पर सख्ती से रोक लगाये, वहीं कलेक्टर ने भी राजस्व अमले को भी अवैध उत्खनन और परिवहन पर सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी किये थे, लेकिन ब्यौहारी तहसील के अंतर्गत आने वाले थानों और राजस्व अमलों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को भी चुनौती दे डाली।

इनका क्या है कहनाः

"मैं कल गया था, लेकिन कुछ नहीं मिला, अगर आज ऐसा हो रहा है तो कार्यवाही की जायेगी।

(पी.के. पाण्डेयएसडीएम, ब्यौहारी)

"जानकारी अभी संज्ञान में नहीं है, इंस्पेक्टरों को भेजकर जांच कराई जायेगी। अगर नियमों का उल्लंघन मिला तो सख्त कार्यवाही होगी।"

(सुश्री फरहत जहां ,खनिज अधिकारी, शहडोल)

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