अवैध उत्खनन : जीबीआर इन्फ्रा प्रा.लि. पर लगाया 8·64 करोड़ का जुर्माना
अवैध उत्खनन : जीबीआर इन्फ्रा प्रा.लि. पर लगाया 8·64 करोड़ का जुर्माना सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

अवैध उत्खनन : जीबीआर इन्फ्रा प्रा.लि. पर लगाया 8.64 करोड़ का जुर्माना

Author : राज एक्सप्रेस

रायसेन, मध्यप्रदेश। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी उमाशंकर भार्गव द्वारा जिले की उदयपुरा तहसील के ग्राम नूरनगर में 6 .532 हैक्टेयर भूमि पर खनिज मिट्टी का अवैध उत्खनन करने पर जीबीआर इन्फा कम्पनी पर आठ करोड़ 64 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही खनिज अधिकारी को 15 दिवस में जुर्माना राशि निर्धारित मद में जमा कराने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि उदयपुरा तहसील के ग्राम नूरनगर के किसान धर्मेन्द्र सिंह नारायण सिंह योगेन्द्र सिंह एवं रामसेवक के शिकायती आवेदन पर नायब तहसीलदार द्वारा जांच की जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसके अनुसार ग्राम नूरनगर में धमेन्द्र सिंह के नाम राजस्व अभिलेखों में भूमि सर्वे कमांक 196 /1/1 रकवा 2.019 हेक्टर भूमि पर 1203८३317 फीट के लगभग चारो तरफ गड्ढे योगेन्द्रसिंह के नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित भूमि सर्वे कमांक 239.2 रकवा 3.440 हेक्टर भूमि पर 10 से 12 फीट गहराई के पांच गढ्ढे एवं रामसेवक के नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित भूमि सर्वे कमांक 301 रकवा 6 .532 हेक्टर भूमि पर 12038 0315 के गढ्ढे खोदकर एनएच12 के उपयोग के लिये मिट्टी का उत्खन्न किया गया है।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बरेली द्वारा प्रकरण में आदेश पत्रिका 28 अगस्त 2018 से अनावेदक जीबीआर इन्फ्रा कंपनी के विरुद्ध प्रकरण अग्रिम कार्रवाई प्रस्तावित कर प्रकरण प्रस्तुत किया है। प्रकरण न्यायालय में प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी बरेली के प्रस्ताव के आधार पर अनावेदक फ र्म जीबीआर इन्फ्र ा को प्रकरण में दर्शित नाम पते पर न्यायालय से नोटिस जारी करने पर अनावेदक को नोटिस तामिली न होने एवं अनावेदक की ओर से कोई उपस्थित न रहने के फ लस्वरूप नियमानुसार एक पक्षीय कार्रवाई संपादित की जाकर पक्ष श्रवण अवसर समाप्त किया गया।

शासन पक्ष समर्थन में खनिज निरीक्षक रायसेन द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन कथन में उल्लेखित किया गया कि मैसर्स जीबीआर कंट्रक्शन कंपनी द्वारा ग्राम नूरनगर तहसील उदयपुरा की भूमि सर्वे कमांक 196 /1/1 रकवा 2.019 हेक्टर भूमि में खनिज मिट्टी का उत्खन्न किया गया है। जिन पर भूमि स्वामी धमेन्द्र सिंह आ भगवान सिंह द्वारा मौखिक सहमति से खनिज मिट्टी का उत्खन्न किया जाकर खेत को समतल किया गया है। प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह भी उल्लेखित किया गया कि मप्र गौण खनिज नियम 1996 के नियम 6 8 के तहत राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम प्राधिकार मण्डल स्थानीय निकाय अथवा राज्य के सरकारी विभाग के अधीन किये जाने वाले समस्त निर्माण कार्यो के लिए साधारण मिट्टी और मुरूम पर रायल्टी देय नहीं होती किन्तु कंपनी के ठेकेदार को नियम 6 8 के तहत संबंधित विभाग के कार्यपालन यंत्री से अनुमति प्राप्त करना होगी।

जीबीआर कंपनी द्वारा प्रकरण में निरन्तर अनुपस्थित रहने और के कारण कम्पनी द्वारा वैधानिक अनुज्ञा प्राप्त की गई हो इसकी प्रमाणिकता नहीं होती है। न्यायालय एसडीएम बरेली के समक्ष प्रकरण प्रचलित रहते हुये भी अनावेदक द्वारा ऐसी कोई वैधानिक अनुज्ञा अथवा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है जिससे यह समाधान हो सके कि अनावेदक जीबीआर कंपनी के द्वारा वैधानिक रूप से खनिज मिट्टी का उत्खनन किया है। एसडीएम बरेली के प्रकरण तथा प्रकरण में संलग्न नायब तहसीलदार छातेर का प्रतिवेदन पंचनामा खनिज अधिकारी रायसेन द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन रिपोर्ट का विधि की दृष्टि से अवलोकन एवं परीक्षण किए जाने से यह स्पष्टत: परिलक्षित होता है कि जीबीआर कंट्रक्शन कंपनी द्वारा ग्राम नूरनगर तहसील उदयपुरा में धमेन्द्रसिह के नाम राजस्व अभिलेखों में भूमि सर्वे कमांक 196 /1/1 रकवा 2.019 हेक्टर भूमि पर 120.8 3.17 फीट के लगभग चारो तरफ गड्ढे योगेन्द्र सिंह के नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित भूमि सर्वे कमांक 239.2 रकवा 3.440 हेक्टर भूमि पर 10 से 12 फीट गहराई के पांच गढ्ढे एवं रामसेवक के नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित भूमि सर्वे क्रमांक 301 रकवा 6 .532 हेक्टर भूमि पर 120.8 0.15 के गढ्ढे खोदकर एनएच 12 के उपयोग के लिये मिट्टी का उत्खनन किया गया है।

मप्र भू राजस्व संहिता 1959 संशोधित धारा 247 के प्रावधान अनुसार कोई भी व्यक्ति जो विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना किसी ऐसी खान या खदान में जिसका कि अधिकार सरकार में निहित है तथा सरकार द्वारा समनुदेशित नहीं किया गया है खनिजों को निकालेगा या हटायेगा तो वह किसी अन्य कार्यवाही पर जो कि उसके विरुद्ध की जा सकती हो प्रतिकूल प्रभाव डाले बिनाए कलेक्टर के लिखित आदेश पर ऐसी शास्ति का भुगतान करने का दायी होगा जो इस प्रकार निकाले गये या हटाये गये खनिजों के बाजार मूल्य के चार गुने के हिसाब से संगणित राशि से अधिक नहीं होगी।खनिज अधिकारी रायसेन द्वारा उत्खनित खनिज मिट्टी का मूल्य राशि दो करोड़ 16 लाख रु की गणना की है तथा चार गुना राशि आठ करोड़ 64 लाख रुपए होने का मूल्यांकन प्रतिवेदन को प्रस्तावित किया गया है।

कलेक्टर भार्गव ने जीबीआर इन्फ्रा कंपनी द्वारा ग्राम नूरनगर तहसील उदयपुरा स्थित भूमि सर्वे कमांक 301 रकवा 6 .532 हेक्टर भूमि पर खनिज मिट्टी के उत्खनन की मात्रा की माप 120.8 0.15.144000 फीट होती है। जिसका बाजार मूल्य रुपए दो करोड़ 16 लाख रुपए के मान से मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 संशोधित प्रावधान के अनुसार बाजार मूल्य के चार गुना राशि आठ करोड 6 4 लाख रु का जुर्माना लगया है। साथ ही खनिज अधिकारी रायसेन को जुर्माना राशि निर्धारित मद में जमा कराने की कार्यवाही 15 दिवस में सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।

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