इंदौर, मध्यप्रदेश। जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मछुआ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मछुआ पालन ऐसा व्यवसाय है कि इससे कम लागत में अधिक से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए मछली पालन सबसे बेहतर व्यवसाय है। कृषि लागत की तुलना में मछली पालन में बहुत कम लागत आती है और आय भी अधिक होती है। मछुआ समाज के युवाओं को मछली पालन के लिए तैयार करें और उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएं। विभाग लगातार क्रेडिट कार्ड, अनुदान और सहायता भी उपलब्ध करवा कर उन्हें प्रोत्साहन राशि दें।
मंत्री तुलसीराम सिलावट के मुख्य आतिथ्य और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की अध्यक्षता मे मछुआ दिवस पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर अधिक उत्पादन करने वाली मछुआ सोसायटी को क्रमश: 50 हजार और 30 हजार एवं व्यक्तिगत रूप से काम कर रहे मछुआरों को भी प्रमाण-पत्र और राशि प्रदान की गई। कार्यक्रम में प्रोत्साहन राशि एवं 22 लाख से अधिक की राशि वितरित की गई। आजीविका योजना के अंतर्गत 5 करोड़ और नाव जाल योजना वितरण के अंतर्गत 3 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई। इस अवसर पर एमडी पुरुषोत्तम धीमान, उप संचालक भरत कुशवाह भी उपस्थित रहे।
मंत्री सिलावट ने कहा कि वर्तमान में मछली पालन में भी नई तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए और उत्पादन बढ़ाने के लिए मछुआरों को प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में भी भेजा जाएगा। मछली उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उपभोक्ताओं को भी बढ़ाना है।
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा की मछुआ दिवस पर प्रदेश के सभी मछुआ समुदाय को बधाई, इसके साथ ही मछली पालन से आपने प्रदेश के लोगो को बेहतर आहार का एक विकल्प भी उपलब्ध करवाया है। जो लोग मछली खाते है, उनको इस कोविड संक्रमण में अतिरिक्त विटामिन और मिनरल्स से इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। मछली एक सम्पूर्ण आहार की श्रेणी में आती है जिससे शरीर की सभी आवश्यक जरूरत की पूर्ति हो जाती है। स्वाद के साथ स्वास्थ की बेहतर देखभाल के लिए इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मछुआ सोसायटी ने मछली उत्पादन बढ़ाने में बेहतर काम किया है। रायसेन के हलाली और बरना बांध में भी मछली उत्पादन और बढ़ाया जाए और नई तकनीक से बेहतर क्वालिटी की मछली उत्पादित की जाए।
मंत्री श्री सिलावट और श्री चौधरी ने आम, अमरूद, जामुन और आंवला के पौधे लगाए और मछली बीज उत्पादन की प्रक्रिया को भी देखा। उन्होंने परिसर में निर्मित मछुआ प्रशिक्षण भवन का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में सभी मछुआ सोसायटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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