शहडोल में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज का भाषण
शहडोल में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज का भाषण  Social Media
मध्य प्रदेश

शहडोल में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने जनजातीय समुदायों के हित में की अनेक घोषणाएं

Author : Priyanka Yadav

शहडोल, मध्यप्रदेश : 15 नवंबर को आदिवासी जननायक बिरसामुंडा की जयंती पर मध्‍य प्रदेश के शहडोल में खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय समुदायों के हित में अनेक घोषणाएं की, आइये जानते है, इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने क्या-क्या बातें कही...

CM ने कहा- आज का दिन ऐतिहासिक दिन है

शहडोल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। भगवान बिरसा मुंडा धरती के बाबा, धरती के भगवान कहे जाते थे। अंग्रेज उनके नाम से कांपते थे। ऐसे अमर क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ, हम गौरवान्वित हैं कि जनजातीय समाज से हमारी तपस्वी बहन आदरणीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। मध्यप्रदेश की धरती पर हम उनका हृदय से स्वागत और अभिनंदन करते हैं।

हमारे प्रधानमंत्री सचमुच में भारत को भगवान का वरदान हैं: CM

सीएम बोले- हमारे प्रधानमंत्री सचमुच में भारत के लिये भगवान का वरदान हैं। उनके नेतृत्व में भव्य, वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। सामाजिक समरसता के साथ हम पेसा कानून के नियम लागू कर रहे हैं। जल, जंगल व जमीन पर सबका अधिकार है। यह पेसा कानून जल, जंगल व जमीन का अधिकार जनजातीय भाइयों-बहनों को देने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, महुआ का फूल, महुए की गुल्ली, अचार की चिरौंजी, हर्रा, बहेड़ा, आंवला ये वनोपज होती है। ये पेसा के नियम तय करते हैं कि ग्राम सभा अब वनोपज का संग्रहण करेगी और इसका मूल्य भी तय कर सकेगी।

सीएम शिवराज ने कही ये बातें

  • किसी भी प्रोजेक्ट, बांध के लिए ग्रामसभा की सहमति के बिना किसी की जमीन नहीं ली जाएगी।

  • छल-कपट कर बेटी से शादी कर जमीन हड़पने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर हम नहीं होंगे देंगे। यदि यह पता चलता है कि किसी ने छल से जमीन नाम करवा ली है तो ग्रामसभा उस जमीन को वापिस करवाएगी।

  • अब हर साल गांव की जमीन का उसका नक्शा, वन क्षेत्र का नक्शा, खसरा की नकल, B1 की नकल पटवारी या फॉरेस्ट बीट गार्ड को गांव में लाकर ग्रामसभा को दिखाना पड़ेगा, ताकि जमीनों में कोई हेरफेर ना हो।

  • गांव में मनरेगा और अन्य कामों के लिए धन आता है, इससे कौन सा काम किया जायेगा, इसे भी ग्राम सभा तय करेगी।

  • जो नियम विरुद्ध काम करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। निर्धारित दरों से अधिक ब्याज दर पर कोई ऋण देगा, तो उसे भी किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जायेगा।

  • वन उपज का न्यूनतम मूल्य तय करने का अधिकार अब ग्रामसभा को होगा। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और आंगनवाड़ी ठीक से चल रहे हैं या नहीं, यह देखने का भी काम ग्राम सभा करेगी।

  • पेसा के नियम आपको यह अधिकार दे रहे हैं कि आपके गांव से अगर काम के लिए कोई बेटा-बेटी बाहर जाते हैं तो उसे पहले ग्रामसभा को बताना पड़ेगा कि ले जाने वाला कौन है, और कहां ले जा रहा है।

  • शराब की नई दुकानें बिना ग्रामसभा की अनुमति के नहीं खुलेंगी। आज का दिन सामाजिक क्रांति का दिन है। आइये पेसा के नियमों को लागू करने का संकल्प लें।

बता दें, आज शहडोल में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान व उपचार हेतु तैयार सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम की पुस्तिका का विमोचन किया गया। यहां से पेसा अधिनियम के अनुपालन के लिए निगमित नियमावली का विमोचन कर जनजातीय समुदाय को समर्पित किया।

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