MGM Ragging Case
MGM Ragging Case सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Indore : जूनियर छात्रों ने लिखा पत्र, कहा-हमारे साथ कोई रैगिंग नहीं हुई

Mumtaz Khan

इंदौर, मध्यप्रदेश। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के जूनियर छात्रों के साथ कॉलेज के बाहर हुई गंदी और अश्लील रैगिंग के मामले में अब एक नया मोड़ आया है। कॉलेज की एंटी रैंगिग कमेटी को एक पत्र जूनियर छात्रों ने लिखा है। इस पत्र को कमेटी ने पुलिस को सौंप दिया है। कॉलेज प्रबंधन को पत्र में क्या लिखा है, इसे बताने से इनकार करते हुए कहा कि पत्र पुलिस को सौंप दिया है, पुलिस ही इस मामले में जांच कर रही है।

जो पत्र जूनियर छात्रों ने लिखा है, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें छात्रों ने रैगिंग की बात को कोरी अफवाह बताते हुए लिखा है कि किसी ने शरारत की है। पुलिस द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है, उससे हम मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। वहीं अभिभावक भी चिंतित हैं। अब देखना होगा कि पुलिस क्या कार्रवाई करती है, क्योंकि उसने 9 सीनियर छात्रों के खिलाफ जांच तेज कर दी है।

एंटी रैगिंग कमेटी को लिखा है पत्र :

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 98 डे स्कॉलर हैं, इनके साथ रैगिंग होने की शंका है और पुलिस जानकारी जुटा रही है। इनमें से 89 छात्रों ने मिलकार एंटी रैगिंग कमेटी को पत्र लिखा है। छात्रों ने यह लिखा है कि रैगिंग की जांच को लेकर चल रही कार्रवाई के कारण स्टूडेंट मानसिक तनाव महसूस कर रहे हैं। वह जहां किराए से रहते हैं वहां पर पुलिस आकर पूछताछ करती है। इस वजह से अब मकान मालिक भी नहीं चाह रहे की स्टूडेंट उनके घर रहे। स्टूडेंट ने रैगिंग को लेकर जो खबरे सामने ई हैं, उन्हें अफवाह बताया। उन्होंने पत्र में लिखा कि इन खबरों की वजह से उनके परिवार के लोग भी काफी तनाव की स्थिति में है। स्टूडेंट्स ने लिखा है कि उनका शिक्षण कार्य जांच और रोज-रोज की नई बातों की वजह से प्रभावित भी हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि उनके सीनियर छात्रों ने उनके साथ किसी तरह की कोई घटना नहीं की है। जो भी बातें सामने आ रही है वह असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही है। मामले में उचित समाधान करने की प्रार्थना की गई है। छात्रों ने पूरी तरह से सारी बातों को नकार दिया है। गौरतलब है कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज के फस्र्ट ईयर में लगभग ढाई सौ स्टूडेंट है जिसमें 100 के करीब लड़कियां है बाकी छात्रों में लगभग 50 स्टूडेंट मेडिकल हॉस्टल में रहते हैं। अन्य छात्र बाहर रूम किराए से लेकर रहते हैं। इस मामले में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा कि हमें जो पत्र मिला था, उसे हमने पुलिस को सौंप दिया है।

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