विरोध के बाद पीछे हटी MPPSC, किया सवालों का विलोपन
विरोध के बाद पीछे हटी MPPSC, किया सवालों का विलोपन Social Media
मध्य प्रदेश

विरोध के बाद पीछे हटी MPPSC, किया सवालों का विलोपन

Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। प्रदेश में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा हाल ही में आयोजित परीक्षा में भील समुदाय को लेकर पूछे सवाल पर बवाल मचने के बाद अब आयोग ने प्रश्नपत्र से आपत्तिजनक 5 प्रश्नों को हटाने का फैसला लिया है जिस संबंध में महत्वपूर्ण बैठक के दौरान आयोग ने अधिसूचना जारी करते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया। फिलहाल सरकार द्वारा इस पूरे मामले पर जांच की जा रही है। इस मामले में भील समुदाय के लोगों की नाराज़गी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

परीक्षा में भील जनजाति को लेकर दिया गया था गद्यांश :

बता दें कि, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में भील जनजाति को लेकर एक गद्यांश दिया गया था इसके आधार पर कई सवाल पूछे गए थे, गद्यांश के आधार पर प्रश्न पूछा गया और बताया गया कि- भील जनजाति शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही है। समाज के लोग गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में संलिप्त हो जाते हैं। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का कारण देनदारियों को पूरा न करना है। भील की आर्थिक विपन्नता का कारण आय से अधिक खर्च करना है।

सोशल मीडिया और बीजेपी नेताओं ने किया विरोध-प्रदर्शन :

इस मामले पर भील समुदाय में आक्रोश एक ओर देखा गया वहीं सोशल मीडिया और बीजेपी नेताओं द्वारा भी प्रश्नपत्र से प्रश्नों को हटाए जाने की मांग उठी थी। बीते दिन इस मामले को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन करते हुए बीजेपी ने सभी जिलों में राज्यपाल के नाम कमिश्नर और कलेक्टर को ज्ञापन देकर जिम्‍मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। साथ ही आदिवासी संगठन ने इंदौर डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र से मिलकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की थी, वहीं सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी।

आयोग ने जारी की अधिसूचना

बैठक आयोजित कर लिया फैसला :

इस मामले पर भील समुदाय के लोगों और नेताओं में विरोध-प्रदर्शन उग्र होने के बाद आयोग ने पीछे हटते हुए आयोग की प्रेस कांफ्रेन्स बुलाई और अधिसूचना जारी करते हुए प्रश्नपत्र से 5 आपत्तिजनक प्रश्नों को हटाने का फैसला लिया। वहीं मामले पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि, हमारे पास सीलबंद पैकेट में प्रश्नपत्र आते हैं, जिसे एक व्यक्ति द्वारा सेट कर छपने के लिए भेजा जाता है इस मामले में कार्रवाई करते हुए पेपर सेट करने वाले और मॉडरेटर दोनों को नोटिस जारी कर 7 दिन में जबाव मांगा गया है, साथ ही दोनों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिए थे जांच के निर्देश :

इस मामले पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आयोग से जांच कराने के निर्देश दिए थे कहा था कि, इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए, साथ ही कैबिनेट मंत्री ने जीतू पटवारी ने भी ट्वीट के जरिए कहा कि आदिवासी समाज का सरकार सम्मान करती है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

MPPSC परीक्षा आयी सवालों के घेरे में, भील समुदाय ने जताई आपत्ति

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