सीरो सर्वे की जांच हुई पूरी
सीरो सर्वे की जांच हुई पूरी सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Indore : सीरो सर्वे की जांच हुई पूरी, 50 सेंपल एनसीडीसी भेजे जाएंगे

Author : Mumtaz Khan

इंदौर, मध्यप्रदेश। कोरोना की तीसरी लहर से तैयारियों के लिए शहर में 18 वर्ष से कर्म उम्र के 2 हजार बच्चों के सेंपल सीरो सर्वे के लिए गए थे। इन सभी 2 हजार सेंपल की जांच एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पूरी हो चुकी है। इनमें से 50 सेंपल रेंडम लेकर जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), नई दिल्ली, भेजे जा रहे हैं, ताकि सेंपल टेस्ट के दौरान कहीं कोई त्रुटि हुई हो, तो सामने आ सके।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित ने ने बताया कि हमने जो सेंपल लिए थे, उनका परीक्षण लगभग पूरा कर लिया है और अब 50 नमूनों को परीक्षण के लिए एनसीडीसी भेजेंगे। नमूने रेंडम भेजे जाएंगे ताकि यह परीक्षण की सटीकता सुनिश्चित करने में मदद मिल सकेगी।

सीएलआईए मशीन से हुए हैं टेस्ट :

कॉलेज ने एनसीडीसी से प्राप्त एक सीएलआईए मशीन के माध्यम से नमूनों का परीक्षण किया है और इसे कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्थापित किया गया है। एनसीडीसी की एक टीम ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को नमूनों की जांच के लिए प्रशिक्षित किया था। प्रशासन ने शहर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों का सीरो सर्वे किया है और इस महीने के दूसरे सप्ताह में चार दिनों में 50 टीमों द्वारा 2000 से ज्यादा सैंपल लिए गए हैं। टीमों ने शहर के 25 वार्डों के बच्चों के ड्रा के माध्यम से नमूने एकत्र किए जिनमें 4 साल से कम उम्र के बच्चों के 200 से अधिक नमूने, 4 से 10 साल के बच्चों के 400 नमूने, 11-15 साल के 600 नमूने और बाकी 15 से 18 के बीच के नमूने शामिल हैं।

पहले सर्वे में 8 प्रतिशत में मिली थी एंटीबॉडी :

इसके पूर्व अगस्त 2020 में शहर के 85 वार्डो में सीरो सर्वे 1 के परिणाम में यह जानकारी सामने आई थी कि कुल 7 हजार 103 लोगों का रैंडम तरीके से सर्वे किया गया था। इनमें से 7.75 प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) पाई गई। इसके आधार पर पूरे शहर की आबादी का प्रतिशत निकाला गया है। इनमें 13 प्रतिशत महिलाओं और 14 प्रतिशत पुरूषों में कोरोना प्रतिरोधक क्षमता सामने आई। वहीं बंबई बाजार में 30 प्रतिशत, सोमनाथ की चाल, हाजी कॉलोनी,जवाहर मार्ग व रानीपुरा में 20 से 25 प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधकता विकसित मिली थी। इस बार उम्मीद है कि जो सर्वे हुआ है, उसमें करीब 30 से 40 प्रतिशत बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता मिले, क्योंकि गत डेढ़ वर्ष से शहर में कोरोना की चपेट में आने से बहुत कम लोग बच पाए ैहं। उल्लेखनीय है कि मुंबई में बच्चों में किए गए सर्वे में करीब 51 प्रतिशत में रोग प्रतिरोधक क्षमता मिली थी।

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